रांची: झारखंड विधानसभा का मॉनसून सत्र हंगामेदार होगा. एक से छह अगस्त तक चलने वाले सत्र को लेकर विपक्ष ने अपनी रणनीति तैयार कर ली है. विपक्ष की योजना सरकार को सड़क से सदन तक घेरने की है. सदन के अंदर विपक्षी विधायक स्थानीय नीति लागू करने, शिक्षक बहाली प्रक्रिया में संशोधन करने, राज्य की गिरती कानून व्यवस्था समेत अन्य मुद्दों पर सरकार के खिलाफ मोरचा खोलेंगे. वहीं कार्यकर्ता सदन के बाहर प्रदर्शन कर अपना विरोध जतायेंगे.
भाजपा, झाविमो, भाकपा माले, तृणमूल कांग्रेस ने इसे लेकर अपने कार्यक्रमों की घोषणा कर दी है. विधानसभा घेराव कार्यक्रम में पार्टी के प्रखंड से लेकर जिला स्तर के कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे. ऐसे में एचइसी वासियों और आवासीय परिसर के स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को परेशानियों का सामना करना पड़ेगा. विधानसभा सत्र के दौरान दलों की ओर से बिरसा चौक पर होने वाले धरना प्रदर्शन को देखते हुए जिला प्रशासन की ओर से बिरसा चौक गेट बंद कर दिया जाता है. इसकी वजह से एचइसी वासियों एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन जाने के लिए तीन से आठ किलोमीटर अधिक दूरी तय करनी पड़ता है. बाइपास रोड में जाम होने से कई लोगों की ट्रेन भी छूट जाती है. स्कूली बच्चों के अभिभावक भी परेशान रहते हैं. बिरसा चौक के समीप लोगों को जान जोखिम में डाल कर पटरी पार करना पड़ता है. एक मोटरसाइकिल को रेलवे पटरी पार कराने के लिए 10-15 रुपये तक खर्च करने पड़ते हैं.
विधानसभा के नियमन का नहीं किया जाता पालन
एचइसी वासियों और स्कूली बच्चों की परेशानी को देखते हुए विधानसभा ने सत्र के दौरान बिरसा चौक गेट को नहीं बंद करने का नियमन दिया है. इसके बावजूद जिला प्रशासन की ओर से कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गयी है. अब भी दलों के प्रदर्शन के दौरान सुरक्षा को लेकर बिरसा चौक गेट बंद कर दिया जाता है.