बारिश में राजधानी के निचले इलाकों में रहनेवालों को होती है सबसे ज्यादा परेशानी
उत्तम महतो
रांची : राजधानी रांची में 1100 के आसपास छोटी-बड़ी नालियां हैं, जबकि बड़े नालों की संख्या 110 के आसपास है. छोटी-बड़ी नालियां आगे जाकर बड़े नालों से मिलती हैं और यही नाले शहर के बाहर नदियों में जाकर गिरते हैं.
मॉनसून के दौरान जब अत्यधिक बारिश होती है, इन्हीं बड़े नालों के जरिये शहर का पानी नदियों में गिरता है. चिंता की बात यह है कि अगर 10 दिनों बाद अगर झमाझम बारिश हुई और इससे पहले शहर के बड़े नाले की सफाई नहीं हुई, तो शहर के निचले इलाके में बसे मोहल्लों में तो जलजमाव होना तय है. यह चिंता यूं ही नहीं जाहिर की जा रही है.
दरअसल करीब सात दिन पहले मात्र 30 मिनट की बारिश में शहर के हिस्सों की सड़कें तालाब बन गयी थीं. वहीं, अपर बाजार समेत कई मोहल्लों में घरों और दुकानों में पानी घुस गया था. यह हाल तब है जब दो हफ्ते पहले नगर विकास मंत्री सीपी सिंह और मेयर आशा लकड़ा रांची नगर निगम के अधिकारियों को आदेश दे चुके हैं कि मॉनसून की बारिश से पहले नाले और नालियों की सफाई का काम पूरा हो जाना चाहिए.
हर साल बारिश में जलजमाव की समस्या झेलते हैं राजधानी के 60 मोहल्लों के लोग हर साल शहर के 60 से अधिक मोहल्लों को रांची नगर निगम द्वारा नालियों की सफाई में बरती जा रही लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ता है. इनमें से लगभग सभी मोहल्ले शहर के निचले हिस्सों में बसे हैं. जरा सी बारिश होते ही इन इलाकों में घरों में पानी घुस जाता है. नाली जाम होने के कारण बारिश बंद होने के बावजूद इन मोहल्ले से पानी निकलने में कई घंटे लग जाते हैं.
बारिश में प्रभावित होते हैं ये मोहल्ले
नउवा टोली, हलधर प्रेस गली, चडरी बस्ती, पंचशील नगर, खेत मोहल्ला, इस्लाम नगर, आजाद बस्ती, हिंदपीढ़ी, नाला रोड, मधुकम, नया टाेली, कांटाटोली मस्जिद गली, धुमसा टोली चुटिया, मकचुंद टोली चुटिया, कृष्णापुरी, इंद्रपुरी रातू रोड आदि.
इस नाले के जाम के होने के कारण प्रतिवर्ष यहां से पानी निकल कर वाइएमसीए में घुस जाता है. पिछले वर्ष तो कई चार पहिया वाहन जलजमाव के कारण पानी में आधा से अधिक डूब गये थे. लेकिन इस वर्ष भी हालात यही है. नाली कचरे से पूरी तरह से पैक है. लेकिन अब तक इसकी सफाई नहीं की गयी है.
बकरी बाजार में नगर निगम का स्टाेर है. पूरे शहर के सफाई वाहन यहीं खड़े रहते हैं. यहीं समीप का नाला थर्मोकोल के कप व प्लेट से जाम है. सड़क से गुजरने वाले हर व्यक्ति की नजर इस बजबजाते नाले पर चली जाती है. लेकिन नगर निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों की नजर इस पर अब तक नहीं पड़ी है.
अपर बाजार से निकलने वाला अधिकतर नालों का पानी सेवा सदन अस्पताल के समीप बड़ा तालाब में गिरता है. फिलहाल यह नाला बिल्डिंग मेटेरियल और पॉलिथीन से पूरी तरह से पैक है. ऐसे में बारिश का पानी यहां तक आयेगा तो जरूर, लेकिन आगे जाने के बजाय सड़क पर जमा हो जायेगा.
बारिश के दिनों में आधे अपर बाजार के बारिश का पानी इस नाले से निकलता है. लेकिन रांची नगर निगम की ओर से अब तक इस नाला की सफाई अब तक नहीं करायी गयी है. नाला पूरी तरह से कचरा से पैक है.
अगर इस नाले की सफाई नहीं हुई, तो मॉनसून के इस बारिश के समय में नउवा टोली सहित कई मोहल्ले के घरों में बारिश का पानी घुसना तय है. स्थानीय लोगों की मानें तो नगर निगम को इस संबंध में कई बार शिकायत की जा चुकी है. लेकिन, सुनवाई नहीं हो रही है.
अपर बाजार के आधे से ज्यादा भवनों से गंदा पानी इसी नाले से होकर बड़ा तालाब में गिरता है. मॉनसून को देखते हुए इस नाले की सफाई प्रमुख सड़कों पर जगह-जगह की गयी है. लेकिन फिलहाल यह नाला कचरे से जाम है.
झमाझम बारिश हुई तो इस नाले का पानी बड़ा लाल स्ट्रीट पर ही जमा हो जायेगा. इसका छोटा सा नमूना करीब सात दिन पहले हुई बारिश में दिखा था, जब नाला भर गया था और बारिश का पानी सड़कों पर जमा हो गया था. इससे आने-जाने में काफी परेशानी हुई थी.
पटेल चौक के समीप की नाली भी कचरे से पूरी तरह जाम है. पॉलीथिन का अत्यधिक ढेर लगे होने के कारण हल्की सी बारिश होने पर ही इस नाली का पानी सिरोम टोली चौक से होकर पटेल चौक जानेवाली सड़क पर जमा हो जाता है. इस दौरान यह सड़क किसी छोटी सी झील जैसी दिखने लगती है.
जलजमाव की समस्या से शहर की सबसे प्रमुख सड़क मेन रोड भी अछूता नहीं है. वर्षों से जाम नालियों और अतिक्रमण के कारण हल्की सी बारिश होते ही डेली मार्केट के समीप सड़क पर पानी जमा हो जाता है. सड़क पर यह पानी बहते हुए एकरा मस्जिद चौक तक पहुंच जाता है. इसके बाद यह पानी नाली में गिरता है.