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रांची : श्रमिकों के वेतन पुनरीक्षण में अधिकारी बाधक : लालदेव
रांची : वित्तीय वर्ष 2018-19 का उत्पादन लक्ष्य पूरा होने के बाद एचइसी के मजदूरों में विश्वास जगा था कि अप्रैल 2019 से मजदूरों के वेतन में बढ़ोतरी या वेतन पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू होगी. लेकिन, 19 अप्रैल को श्रमिक संगठनों के साथ बैठक में प्रबंधन ने अपना रूख को स्पष्ट कर दिया है कि […]
रांची : वित्तीय वर्ष 2018-19 का उत्पादन लक्ष्य पूरा होने के बाद एचइसी के मजदूरों में विश्वास जगा था कि अप्रैल 2019 से मजदूरों के वेतन में बढ़ोतरी या वेतन पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू होगी. लेकिन, 19 अप्रैल को श्रमिक संगठनों के साथ बैठक में प्रबंधन ने अपना रूख को स्पष्ट कर दिया है कि अभी वेतन पुनरीक्षण नहीं होगा. उक्त बातें हटिया कामगार यूनियन के अध्यक्ष लालदेव सिंह ने रविवार को कही.
उन्हाेंने कहा कि सरकार की गाइड लाइन के तहत यह विदित है कि अधिकारियों का वेतन पुनरीक्षण एचइसी में तीन साल मुनाफा होने के बाद किया जाना है, लेकिन मजदूरों के लिए ऐसी शर्त नहीं है. शर्त यह है कि वेतन पुनरीक्षण का खर्च एचइसी को अपने संशाधन से ही करना होगा.
सरकार इसके लिए कोई आर्थिक मदद नहीं करेगी. लेकिन प्रबंधन श्रमिकों का वेतन पुनरीक्षण नहीं करना चाहती है. श्री सिंह ने कहा कि श्रमिक संगठनों के साथ बैठक में प्रबंधन ने निजी अस्पताल में इलाज कराने पर अब छूट मिलने की बात कही है, लेकिन वर्तमान में नियम के अनुसार इलाज का खर्च का 50 प्रतिशत ही राशि निगम द्वारा भुगतान की जा सकेगी. बाकि 50 प्रतिशत कर्मचारियों को अपनी जेब से ही खर्च करना पड़ेगा. क्वार्टर मेंटेनेंस में कर्मचारियों के बदले निगम द्वारा खर्च किये जाने की बात अच्छी है, लेकिन सिर्फ अधिकारियों के क्वार्टर का मेंटेनेंस पहले से निगम के खर्च पर होता आ रहा है.
इसलिए अधिकांश मजदूर अपने खर्च से ही क्वार्टर मरम्मत करा चुके हैं. अब मेंटेनेंस कराने में निगम को खर्च होगा ही नहीं. जहां तक 800 क्वार्टरों में पानी की आपूर्ति किये बगैर पानी शुल्क लिया जा रहा है, तो आगे भी वाटर शुल्क लगता रहेगा जबतक की जलबोर्ड, झारखंड सरकार के अधिन चला नहीं जाता है.
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