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रांची : शब-ए-बारात कल मनेगा हो रही जोर-शोर से तैयारी
रांची : शब-ए-बारात शनिवार को है. इस दिन सूर्यास्त होने के बाद लोग अपने-अपने घरों व मसजिदों में इबादत शुरू कर देंगे. इस दिन पूरी रात इबादत में गुजारी जाती है अौर फजर का अजान शुरू होने से पूर्व लोग कब्रिस्तान में जाकर अपने पूर्वजों के लिए दुआ करते हैं. कई लोग रात में तो […]
रांची : शब-ए-बारात शनिवार को है. इस दिन सूर्यास्त होने के बाद लोग अपने-अपने घरों व मसजिदों में इबादत शुरू कर देंगे. इस दिन पूरी रात इबादत में गुजारी जाती है अौर फजर का अजान शुरू होने से पूर्व लोग कब्रिस्तान में जाकर अपने पूर्वजों के लिए दुआ करते हैं.
कई लोग रात में तो कई शाम में जाकर कब्रिस्तान में दुआ करते हैं. ऐसा माना जाता है कि इस दिन की गयी दुआ अल्लाह कबूल करते हैं अौर पुराने गुनाहों को माफ करते हैं. रविवार को नफिल रोजा रखा जायेगा, जिसे रमजान के दौरान रखे जानेवाले रोजा का पूर्वाभ्यास भी माना जाता है. शब-ए-बारात को लेकर कब्रिस्तान में साफ-सफाई लगभग पूरी हो गयी ह. कई जगहों पर रंग रोगन भी किया गया है.
वहीं शुक्रवार की रात कई मसजिदों को सजाया जायेगा. जबकि अधिकतर जगहों पर शनिवार को सजाया संवारा जायेगा. ताकि इबादत करने आनेवाले लोगों को कोई परेशानी न हो. उधर कई लोगों ने अपने घरों आदि का भी रंग रोगन कराया है.
कबूल होती है दुआ: मुफ्ती अनवर कास्मी इमारते शरिया के मुफ्ती अनवर कास्मी ने कहा कि इस दिन अल्लाह दुआअों को कबूल करते हैं. जो लोग आपस में झगड़ते हैं अौर एक दूसरे के खिलाफ गलत बात कहते हैं अौर अपने मां-बाप का ख्याल नहीं रखते हैं उनकी दुआ नहीं कबूल होती है. उन्होंने इस मौके पर अातिशबाजी से दूर रहने की नसीहत दी.
कई तरह के पकवान बनाये जाते हैं: इस दिन घरों में हलवा भी बनाया जाता है. जिसमें सूजी से लेकर मैदा, खजूर, कराची हलवा आदि शामिल है.
इस दिन कई लोग सूखे हलवे भी बनाकर रखते हैं जिसे जब जरूरत हो उसके हिसाब से इस्तेमाल करते है. विशेषकर रमजान के दौरान. इसके अलावा भी अन्य व्यंजन बनाये जाते हैं, जिसमें नारियल के लड्डू से लेकर अन्य कुछ शामिल हैं.
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