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रांची : कनेक्टिविटी बड़ी समस्या, फाइबर लगाने का काम धीमा

संजय लेट-लतीफी : राज्य में आइटी डेवलपमेंट की गति सुस्त, प्रज्ञा केंद्रों के जरिये आइसीटी सेवाएं उपलब्ध कराना चुनौती रांची : रामगढ़ में 10 मई 2007 को पहले प्रज्ञा केेंद्र के उद्घाटन के बाद राज्य भर के ग्रामीण इलाके में 4500 से अधिक प्रज्ञा केंद्र शुरू तो हो गये हैं, पर कनेक्टिविटी की समस्या सहित […]

संजय
लेट-लतीफी : राज्य में आइटी डेवलपमेंट की गति सुस्त, प्रज्ञा केंद्रों के जरिये आइसीटी सेवाएं उपलब्ध कराना चुनौती
रांची : रामगढ़ में 10 मई 2007 को पहले प्रज्ञा केेंद्र के उद्घाटन के बाद राज्य भर के ग्रामीण इलाके में 4500 से अधिक प्रज्ञा केंद्र शुरू तो हो गये हैं, पर कनेक्टिविटी की समस्या सहित सभी सरकारी सेवाएं यहां उपलब्ध नहीं करायी जा सकी हैं. नतीजतन आम लोगों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है.
सूचना तकनीक विभाग के अनुसार राज्य के 1454 प्रज्ञा केंद्रों में पुअर (खराब) कनेक्टिविटी की समस्या है. वहीं करीब 1500 केंद्र की कनेक्टिविटी लगभग जीरो है. विभाग ने यह समस्या दूर करने के लिए निजी कंपनी का चयन इच्छा की अभिव्यक्ति (एक्सप्रेशन अॉफ इंटरेस्ट) के माध्यम से किया है. चयनित फर्म को केंद्रों में कनेक्टिविटी की स्थिति सुधारनी है. खराब कनेक्टिविटी से सबसे अधिक प्रभावित केंद्र धनबाद जिले के हैं, यहां के 342 केंद्रों में यह समस्या है. वहीं जीरो कनेक्टिविटी के मामले सबसे अधिक पश्चिम सिंहभूम जिले में 206 हैं.
खराब कनेक्टिविटी के सबसे अधिक 342 केंद्र धनबाद में और जीरो कनेक्टिविटी के सबसे अधिक 206 मामले प सिंहभूम में
ठप है 11 जिलों में अॉप्टिकल फाइबर लगाने का काम
राज्य के कुल 11 जिलों में फाइबर अॉप्टिकल नेटवर्क लगाने का काम अभी शुरू भी नहीं हुआ है. नेशनल अॉप्टिकल फाइबर नेटवर्क (एनओएफएन) परियोजना के तहत आम लोगों को सरकारी व गैर सरकारी योजनाओं से संबंधित डिजिटल सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए अॉप्टिकल फाइबर केबल (ओएफसी) पंचायत भवनों तक बिछाना है.
इसका लक्ष्य नेशनल टेलीकॉम पॉलिसी-2012 के तहत ग्राम पंचायतों को हाइ स्पीड व हाइ क्वालिटी ब्रॉडबैंड उपलब्ध करा कर इसकी सहायता से ई-गवर्नेंस, मोबाइल गवर्नेंस, स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि व पर्यटन संबंधी तथा अन्य सेवाएं ग्रामीण क्षेत्रों में उपलब्ध कराना है. पर अभी राज्य की कुल 4402 पंचायतों में से करीब 1300 तक ही केबल बिछाये गये हैं. कुल 11 जिलों में तो अभी ओएफसी बिछाने का काम शुरू भी नहीं हुआ है.
उधर, एनओएफएन का टर्मिनल उपकरण स्थापित करने के लिए सभी पंचायत भवनों में 100 वर्ग फुट की जगह सरकार की ओर से बीबीएनएल को उपलब्ध कराना है. इधर, ताजा रिपोर्ट के मुताबिक राज्य की 1996 पंचायतों में ही ये उपकरण लगाने के लिए अलग से कमरे उपलब्ध हैं. यानी 2406 पंचायतों में भवन निर्माणाधीन होने सहित अन्य कारणों से उपकरणों के लिए स्थान उपलब्ध नहीं है. दरअसल, 2015 में एनओएफएन के लिए निकले संकल्प के बाद तीन वर्षों में इस परियोजना को पूरा हो जाना था, पर अभी करीब 35 फीसदी काम ही हुआ है.
पंचायतों में आइटी (अन्य सुविधाओं सहित)
कुल पंचायत भवन : 4402
जहां बिजली है : 2223
जहां जेनरेटर है : 2902
जहां सोलर पावर है : 2143
जहां कंप्यूटर उपलब्ध है : 3893
जहां इंटरनेट सुविधा है : 1721
जहां प्रज्ञा केंद्र संचालित हैं : 2827
एनओएफएन के उपकरणों के लिए जहां जगह है : 1996
जहां अॉप्टिकल फाइबर केबल बिछ गया है : 1300
(सरकार के आदेशानुसार सभी प्रज्ञा केंद्र पंचायत भवनों में रहने हैं, पर अभी 1575 प्रज्ञा केंद्र पंचायत भवनों के बजाय कहीं और संचालित हैं)

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