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रांची : किस जिले में आदिवासियों की आबादी कितनी है, सात दिनों में रिपोर्ट दें उपायुक्त
रांची : झारखंड के किस जिले में आदिवासी, अनुसूचित जाति, ओबीसी और सामान्य वर्ग की कितनी आबादी है. इससे संबंधित रिपोर्ट सात दिनों में टीएसी उपसमिति द्वारा मांगी गयी है. मंगलवार को अादिवासियों की जनसंख्या कम होने की वजहों को जानने के लिए बनायी गयी टीएसी उपसमिति की बैठक में इस पर चर्चा हुई. बैठक […]
रांची : झारखंड के किस जिले में आदिवासी, अनुसूचित जाति, ओबीसी और सामान्य वर्ग की कितनी आबादी है. इससे संबंधित रिपोर्ट सात दिनों में टीएसी उपसमिति द्वारा मांगी गयी है.
मंगलवार को अादिवासियों की जनसंख्या कम होने की वजहों को जानने के लिए बनायी गयी टीएसी उपसमिति की बैठक में इस पर चर्चा हुई. बैठक की अध्यक्षता ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने की. बैठक में ताला मरांडी, गंगोत्री कुजूर, टीआरआइ के रणेंद्र कुमार, रतन तिर्की व जेबी तुबिद भी शामिल थे.
1941 से कम हुई आबादी : बैठक में 1941 से किस तरह आदिवासियों की आबादी कम होती गयी, इस पर चर्चा की गयी. उपसमिति के सदस्यों ने कहा कि दुमका, पाकुड़, साहेबगंज, गुमला, लोहरदगा और सिमडेगा का दौरा हो चुका है. इन जिलों में आदिवासियों के लिए विभागों द्वारा चलायी गयी योजनाओं पर रिपोर्ट मांगी गयी है.
स्वास्थ्य विभाग से जन्म दर और मृत्यु दर के आंकड़े मांगे गये हैं. जेल से भी सूचना मांगी गयी है कि जेल में कितने आदिवासी बंद हैं. कमेटी के सदस्य अब चार अक्तूबर को खूंटी, पांच को चाईबासा और सरायकेला तथा छह अक्तूबर को जमशेदपुर जाकर अध्ययन करेंगे.
बताया गया कि इन जिलों में आदिवासी समाज के बुद्धिजीवियों के साथ बैठक होगी. कमेटी द्वारा सदस्यों को कहा गया कि ऐसा पहली बार हो रहा है कि आदिवासियों की जनसंख्या घटने का अध्ययन किया जा रहा है. इसलिए पूरी संवेदनशीलता के साथ काम करना है.
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