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रांची : पेट खाली हो तो सियासत कहां दिखती है…
कवि संगम ने वाजपेयी को दी श्रद्धांजलि, उनकी रचनाओं का भी पाठ किया रांची : राष्ट्रीय कवि संगम रांची इकाई की कार्यकारिणी समिति की बैठक मंगलवार को होटल राज रेसीडेंसी में हुई. इस मौके पर भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी गयी. इसके बाद गोष्ठी का आयोजन किया गया. मौके […]
कवि संगम ने वाजपेयी को दी श्रद्धांजलि, उनकी रचनाओं का भी पाठ किया
रांची : राष्ट्रीय कवि संगम रांची इकाई की कार्यकारिणी समिति की बैठक मंगलवार को होटल राज रेसीडेंसी में हुई. इस मौके पर भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्व अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि दी गयी. इसके बाद गोष्ठी का आयोजन किया गया.
मौके पर स्व वाजपेयी द्वारा रचित रचनाओं का पाठ भी किया गया. कवि व कवयित्रियों ने रचनाअों का पाठ किया. मुख्य अतिथि के तौर पर शायर हैरत फरुखाबादी व डॉ माया प्रसाद मौजूद थीं. स्वागत भाषण वीना श्रीवास्तव ने दिया. हरेंद्र सिन्हा ने राष्ट्रीय कवि संगम के लक्ष्यों व कार्यशैली के संबंध में विस्तार से जानकारी दी. मो इमरान ने ‘पेट खाली हो तो सियासत कहां दिखती है…’ कविता सुनायी. वहीं, गिरिजा कोमल ने ‘खुशी में तेरे आने की नजर अब झिलमिलाती है, तमन्ना कब की सोयी थी मगर अब मुस्कुराती है…’ पेश की. वहीं, डॉ हरेंद्र सिन्हा ने ‘बेगुनाही पे मेरी तुमने मुझे दी थी सजा, इक जुर्म भी मेरा बताते जाते…’ पेश किया. इसके अलावा वीना श्रीवास्तव ने ‘मैं शमां हूं मुझे जलना जलाना आता है…’ गजल सुनायी.
मौके पर शुभेंदु शेखर, मौसमी शेखर, राजश्री जयंती, डॉ मीरा, संगीता कुजारा टाक ने भी रचना पेश की. बैठक में चित्रकार दिनेश सिंह, मीना सिंह, महेश प्रसाद समेत काफी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद थे. तन्मय शर्मा ने कार्यक्रम का संचालन किया, वहीं धन्यवाद ज्ञापन संगीता टॉक ने किया.
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