रांची: गोला प्रखंड कोनागातू स्थित इनलैंड पावर प्लांट से उत्पादन आरंभ हो गया है. ट्रायल पर चल रहे इस पावर प्लांट से 21 मई से कॉमर्शियल उत्पादन आरंभ हो गया. 126 मेगावाट क्षमता के इस पावर प्लांट में अभी 63 मेगावाट ही उत्पादन आरंभ हुआ है.
इसमें से कंपनी 57 मेगावाट बिजली राज्य बिजली बोर्ड को दे रही है. इनलैंड पावर प्लांट के जीएम संजय सिंह ने बताया कि नौ मई से ही इसे ट्रायल रन पर चलाया जा रहा था. इस दौरान कई बार आयी तकनीकी खामियों को दूर किया गया. देखा जाय तो 21 मई से कॉमर्शियल उत्पादन आरंभ हो गया है.
10 से 15 जून के बीच उद्घाटन यही वजह है कि इसे सार्वजनिक नहीं किया जा रहा था. 10 से 15 जून के बीच उद्घाटन की औपचारिकता भी पूरी हो जायेगी. इसके बाद यह पावर प्लांट राज्य को समर्पित कर दिया जायेगा. राज्य गठन के बाद इनलैंड पावर प्लांट निजी क्षेत्र की तीसरी कंपनी है, जहां से उत्पादन आरंभ हुआ है. इसके पूर्व मैथन में टाटा पावर व डीवीसी के संयुक्त उपक्रम एमपीएल, कांड्रा से भी उत्पादन आरंभ है.
500 करोड़ की लागत से बना है प्लांट
पावर प्लांट का निर्माण 500 करोड़ की लागत से किया गया है. इसमें 63-63 मेगावाट की दो यूनिट है. एक यूनिट से उत्पादन आरंभ हो गया. दूसरी यूनिट से उत्पादन आरंभ होने में अभी एक वर्ष लग जायेंगे. बताया गया कि करीब 120 एकड़ जमीन रैयतों से ली गयी है. इस समय प्लांट में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से 500 लोग काम कर रहे हैं. प्रत्यक्ष रूप से एक सौ लोग कंपनी में काम कर रहे हैं. कंपनी को कोयले की आपूर्ति इ-ऑक्शन के जरिये सीसीएल से हो रही है. बताया गया कि कोल वाशरी के रिजेक्ट कोल व स्पंज आयरन के रिजेक्ट डोलोचार का इस्तेमाल किया जा रहा है. सरकुलेटिंग फ्लूडाइज्ड बेड कंबंशन की यह पहली तकनीक है जो राज्य में इस्तेमाल किया गया है. इसमें कोयले का कम और कोल रिजेक्ट का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. उत्पादित बिजली को सिकिदिरी-हटिया लाइन से नामकुम व हटिया ग्रिड को दी जा रही है.