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इंस्पेक्टर पाठक ने HC में दाखिल की अग्रिम जमानत याचिका, कहा, बकोरिया कांड में दी गवाही, इसलिए फंसाया गया

रांची : जामताड़ा के नारायणपुर थाना क्षेत्र के दिघारी गांव निवासी मिन्हाज अंसारी की मौत मामले में गैर इरादतन हत्या का आरोपी बनाये गये इंस्पेक्टर हरीश पाठक ने हाइकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की है. याचिका में श्री पाठक ने कहा है कि कोर्ट के आदेश पर पलामू के सतबरबा में हुए बकोरिया मुठभेड़ […]

रांची : जामताड़ा के नारायणपुर थाना क्षेत्र के दिघारी गांव निवासी मिन्हाज अंसारी की मौत मामले में गैर इरादतन हत्या का आरोपी बनाये गये इंस्पेक्टर हरीश पाठक ने हाइकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दाखिल की है. याचिका में श्री पाठक ने कहा है कि कोर्ट के आदेश पर पलामू के सतबरबा में हुए बकोरिया मुठभेड़ कांड में उन्होंने गवाही दी थी. उनकी गवाही के कारण ही कई बड़े अफसर घेरे में आये हैं, इसलिए मिन्हाज अंसारी मौत मामले में साजिश के तहत उन्हें फंसाया जा रहा है.
सबके बयान अलग-अलग : मिन्हाज मौत मामले की जांच पर श्री पाठक ने सवाल उठाये हैं. उन्होंने कहा है कि मिन्हाज की मां ने इस मामले में तीन अक्तूबर 2016 को (कांड संख्या 153/16) मामला दर्ज करायी थी. डेढ़ साल बाद सीआइडी ने इस केस को टेकओवर किया. दो गवाह मसीरुद्दीन अंसारी व साहबान अंसारी का 164 के तहत कोर्ट में बयान दिलवाया गया. मसीरुद्दीन ने अपने बयान में कहा था कि पांच अक्तूबर 2016 की सुबह करीब 8.30 बजे वह नारायणपुर थाना गया था. वहां उसने देखा कि थानेदार मिन्हाज की पिटाई कर रहे हैं.
वहीं साहबान ने कहा है कि चार अक्तूबर 2016 की रात मेरे अलावा मिन्हाज व क्यूम को पुलिस ने गिरफ्तार किया. अगले दिन पांच अक्तूबर को हम दिनों की पिटाई की गयी. जबकि मृतक की मां ने बयान में कहा है कि उनके बेटे को पुलिस ने तीन अक्तूबर को गिरफ्तार किया था. खुद चार अक्तूबर को तत्कालीन जामताड़ा एसपी ने शाम चार बजे प्रेस वार्ता कर मिन्हाज के गिरफ्तारी की बात कही.
उस वक्त मिन्हाज को मीडिया के सामने पेश भी किया गया. प्रेस कांफ्रेंस के बाद मिन्हाज की तबीयत खराब हो गयी थी. उसी दिन रात साढ़े नौ बजे मिन्हाज को नारायणपुर पीएचसी अस्पताल में भर्ती कराया गया. चिकित्सकों ने अपनी रिपाेर्ट में कहा कि मिन्हाज के शरीर पर कोई एक्स्ट्रा इंज्यूरी नहीं है. अगले दिन पांच अक्तूबर को सुबह साढ़े सात बजे पुलिस टीम ने मिन्हाज को जामताड़ा सदर अस्पताल में भर्ती करा दी.
8.30 बजे चिकित्सकों ने इलाज किया. बाद में स्थिति में सुधार नहीं होने पर उसे रिम्स में भर्ती कराया गया था. वहां तीन दिनों तक चिकित्सकों ने जांच के बाद उसका इंसेफलाइटस का इलाज किया. इलाज के दौरान ही उसकी मौत हुई. इससे साफ पता चलता है कि जिन गवाहों से सीआइडी ने बयान दिलाया वह कितना सही है.
रिम्स के मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट में भी मारपीट की बात नहीं आयी सामने
श्री पाठक ने कहा कि मिन्हाज की मौत के बाद रिम्स की चार सदस्यीय चिकित्सकों की बोर्ड ने मिन्हाज का पोस्टमार्टम किया था. बोर्ड की रिपोर्ट में कहा गया है कि मिन्हाज के शरीर पर खरोंच के चार निशान पाये गये थे. दाहिना पैर, दोनों केहुनी व बांये पैर में खरोंच के निशान मिले थे. चिकित्सकों ने मिन्हाज की मौत का कारण दो अंदरूनी चोट बताया है. पहले जख्म के संबंध में चिकित्सकों ने कहा है कि यह कहना संभव नहीं है कि यह जख्म मारपीट से हुआ है कि नहीं. वहीं दूसरी रिपोर्ट में कहा है कि यह जख्म मारपीट से नहीं हुआ है. गैस्ट्रीराइसिस की वजह से हो सकता है.
मेरे ऊपर हमला करने वाले को बना दिया गवाह
इंस्पेक्टर हरीश पाठक ने कहा कि छह अक्टूबर 2016 में धनबाद स्थित पीएमसीएच अस्पताल में मेरे ऊपर जानलेवा हमला किया गया था. मेरे गर्दन पर धारदार हथियार से हमला किया गया था. इस हमले में मसीरुद्दीन अंसारी भी शामिल था. इस मामले में सरायढेला थाने में (कांड संख्या 134/16) मामला दर्ज कराया गया था. लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की.

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