28.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

रांची का हेमंत निकला हवाला कारोबारी

रांची: आयकर विभाग ने हवाला कारोबारी हेमंत अग्रवाल के मामले को प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के हवाले करने की तैयारी पूरी कर ली है. वह राज्य का पहला ऐसा व्यक्ति है, जिसने हवाला कारोबारी होने बात स्वीकारी है. वह जेवर व्यापारियों के काले धन को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाता है. जांच पड़ताल के दौरान […]

रांची: आयकर विभाग ने हवाला कारोबारी हेमंत अग्रवाल के मामले को प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के हवाले करने की तैयारी पूरी कर ली है. वह राज्य का पहला ऐसा व्यक्ति है, जिसने हवाला कारोबारी होने बात स्वीकारी है. वह जेवर व्यापारियों के काले धन को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाता है. जांच पड़ताल के दौरान हेमंत अग्रवाल ने आयकर अधिकारियों के समक्ष हवाला कारोबार से जुड़े होने की बात स्वीकार की है. उसने रांची के कई जेवर व्यापारियों के काले धन को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने की बात भी स्वीकार की है. वह अब तक जेवर व्यापारियों के करीब तीन करोड़ रुपये एक जगह से दूसरी जगह पहुंचा चुका है.

वह एक कूरियर कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत है. हवाला कारोबार उसका दूसरा काम (साइड बिजनेस) है. इस धंधे को चलाने के लिए उसने फरजी नाम के एक सिम ले रखा है. इस हवाला कारोबारी के मोबाइल डिटेल से बहुत सारे जेवर व्यापारियों के साथ उसके नियमित संपर्क रहने की जानकारी मिली है. राज्य के जेवर व्यापारी उसे इसी नंबर पर संपर्क करते हैं.

उसके मोबाइल के मैसेज बॉक्स में कुछ व्यापारियों द्वारा पैसा एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के संबंधित निर्देश भी पाये गये हैं. आयकर विभाग ने उसका मोबाइल फोन जब्त कर लिया है. उसे एक लाख रुपये एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के बदले 200 रुपये बतौर कमीशन के रूप में मिलते हैं. इस हवाला कारोबारी द्वारा श्री अलंकार और जेवर ज्वेलर्स के काले धन को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के साक्ष्य मिले हैं. कुछ अन्य जेवर व्यापारियों के मामले की जांच जारी है. मामले की गंभीरता को देखते हुए आयकर विभाग ने इस हवाला कारोबारी के खिलाफ इडी से मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत कार्रवाई करने की अनुशंसा करने की तैयारी पूरी कर ली है.

फोन नंबर से पकड़ में आया हवाला कारोबारी

जेवर व्यापारियों के दस्तावेज में दर्ज एक फोन नंबर के सहारे सहायक निदेशक (आयकर अनुसंधान) रंजीत मधुकर ने इस हवाला कारोबारी को ढूंढ निकाला. पिछले दिनों जेवर व्यापारियों के ठिकानों पर हुई छापामारी के दौरान उनके दस्तावेज में एक मोबाइल नंबर लिखा मिला था. एक जेवर व्यापारी के खाते में एक कूरियर कंपनी को लाखों रुपये देने का उल्लेख था. इन सूचनाओं के आधार पर आयकर अधिकारियों ने जांच पड़ताल की. विभाग के पास उपलब्ध विशेष प्रकार के सॉफ्टवेयर के सहारे इस बात की जानकारी मिली कि यह सिम फरजी व्यक्ति के नाम पर खरीदी गयी है और उसे कोई दूसरा व्यक्ति इस्तेमाल कर रहा है. इन सूचनाओं और जेवर व्यापारियों के दस्तावेज में दर्ज तथ्यों के आधार पर इस हवाला व्यापारी को पकड़ा गया.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें