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ट्रक चालक को पुलिस ने पहले गोली मारी फिर फंसाने के लिए हथियार किया प्लांट
डीएसपी, इंस्पेक्टर व थानेदार सहित पांच पुलिसकर्मियों पर होगा मामले में चार्जशीट रांची : धनबाद के राजगंज थाना क्षेत्र में जीटी रोड पर 13 जून 2016 की रात चमड़ा लदे ट्रक के मालिक सह चालक मोहम्मद नाजिम को गोली मारी गयी थी. इसकी सीआइडी जांच में सनसनीखेज खुलासा हुआ है. अवैध वसूली के दौरान पुलिसकर्मियों […]
डीएसपी, इंस्पेक्टर व थानेदार सहित पांच पुलिसकर्मियों पर होगा मामले में चार्जशीट
रांची : धनबाद के राजगंज थाना क्षेत्र में जीटी रोड पर 13 जून 2016 की रात चमड़ा लदे ट्रक के मालिक सह चालक मोहम्मद नाजिम को गोली मारी गयी थी.
इसकी सीआइडी जांच में सनसनीखेज खुलासा हुआ है. अवैध वसूली के दौरान पुलिसकर्मियों ने चालक को वाहन से पीछा कर पहले उसे गोली मार दी. फिर घटना को मुठभेड़ का रूप देने के लिए चालक व सह चालक के पास एक हथियार भी प्लांट कर दिया. साथ ही चालक व सह चालक के खिलाफ थाने में झूठा एफआइआर भी दर्ज करा दिया.
इस मामले में तत्कालीन डीएसपी मजरुल होदा, तोपचाची के तत्कालीन इंस्पेक्टर धीरेंद्र कुमार मिश्रा, हरिहरपुर के तत्कालीन थानेदार संतोष रजक और दो अन्य पुलिसकर्मियों (आरक्षियों) के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य पाये गये हैं. पांचों के खिलाफ सीआइडी मुख्यालय ने अनुसंधानकर्ता को चार्जशीट करने का आदेश दिया है. जांच में यह भी पता चला है कि हरिहरपुर थाने के तत्कालीन थानेदार सह दारोगा संतोष कुमार रजक ने चालक को गोली मारी थी़
इस मामले में ट्रक चालक मोहम्मद नाजिम के भाई जाकिर की ओर से राजगंज थाने में कांड संख्या 27/2016 दर्ज कराया गया था. इसको टेकओवर कर सीआइडी जांच कर रही थी. वहीं तोपचाची थाने में दारोगा संतोष रजक की ओर से कांड संख्या 98/2016 दर्ज कराया गया था. यह सीआइडी जांच में झूठा पाया गया था. इसके अलावा तोपचाची के तत्कालीन थानेदार उमेश कच्छप की 18 जून 2016 को हुई आत्महत्या से संबंधित तोपचाची में दर्ज यूडी केस 05/2016 की फिलवक्त सीआइडी जांच जारी है़
कैसे दिया था पुलिसवालों ने मिलकर घटना को अंजाम
जांच में यह बात सामने आयी है कि तोपचाची थाना क्षेत्र के शान-ए-पंजाब होटल के समीप 13 जून, 2016 की आधी रात के बाद बाघमारा के तत्कालीन डीएसपी मजरुल होदा के नेतृत्व में पुलिस चमड़ा लदे वाहनों की चेकिंग कर रही थी.
इसमें तोपचाची के तत्कालीन इंस्पेक्टर धीरेंद्र कुमार मिश्रा, हरिहरपुर के तत्कालीन थानेदार संतोष रजक समेत दो अन्य पुलिसकर्मी शामिल थे. चेकिंग के दौरान उत्तर प्रदेश से आ रहा चमड़ा लदा ट्रक डीएसपी की स्कार्पियो में धक्का मार कर राजगंज थाने की ओर भागने लगा. स्कार्पियो से पुलिस टीम ने ट्रक का पीछा किया. राजगंज पुलिस ने चेकिंग लगा रोड जाम कर दिया.
जाम के कारण ट्रक खड़ा कर चालक व खलासी उतर कर राजगंज थाने की ओर भागने लगे. तभी पीछे से स्कार्पियो पर सवार पुलिस टीम भी वहां पहुंच गयी. वहां पर हरिहरगंज थानेदार संतोष रजक ट्रक के मालिक सह चालक मो नाजिम के साथ मारपीट करने लगे.
नाजिम भागने की कोशिश करता रहा, इसी बीच दारोगा संतोष रजक ने नाजिम को गोली मार दी. जिससे वह बेहोश होकर गिर गया, फिर पुलिस ने निजी अस्पताल में उसका प्राथमिक उपचार कराया और बाद में पीएमसीएच में भर्ती करा दिया. मौके पर नाजिम के खून को पुलिसकर्मियों ने धो दिया था. बाद में घटना को मुठभेड़ दिखाने के लिए वहां एक हथियार प्लांट किया. वह हथियार चालक का बताया गया.
लेकिन जांच में पुलिस की चालाकी पकड़ी गयी. जांच में यह पाया गया है कि तोपचाची थाना क्षेत्र के भुइया चितरो पेट्रोल पंप में 13 जून की देर शाम डकैती हुई थी़ डीएसपी, इंस्पेक्टर व थानेदार घटनास्थल पर गये थे, लेकिन इस केस की छानबीन के बाद कोई कार्रवाई के बजाय पुलिस टीम ट्रकों की चेकिंग में लग गयी थी. इसी दरम्यान घटना घटी़
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