प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय ने सुबोधकांत की बैठक पर उठाये सवाल, भेजा पत्र
रांची : प्रदेश कांग्रेस विवादों में घिरी है़ पिछले दिनों कैंपेन कमेटी के संयोजक सुबोधकांत सहाय द्वारा बुलायी गयी बैठक पर प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने सवाल उठाया है़ डॉ अजय ने श्री सहाय को पत्र भेज कर बैठक में हुई बातों को लेकर एतराज जताया है़ डॉ अजय ने पत्र में लिख है कि 20 जून को चुनाव अभियान समिति की बैठक बुलायी गयी थी़ मैंने उस दिन बैठक में आने को लेकर आपसे पहले ही असमर्थता जतायी थी़ आप पुराने कांग्रेसी है़ं कांग्रेस के संविधान में प्रावधान है कि प्रदेश कार्यालय में कोई भी बैठक बिना अध्यक्ष की अनुमति के नहीं बुलायी जा सकती है़ ऐसा आयोजन गलत है़ पत्र में अध्यक्ष ने लिखा है कि बैठक में नेतृत्व के खिलाफ जिस तरह के शब्दों और वाक्यों का प्रयोग हुआ, वह आपत्तिजनक है. प्रभारी की बैठक का बहिष्कार करने तक की बात हुई़ सह प्रभारी उमंग सिंघार को अंधेरे में रख कर बैठक मेें बुलाया गया़ वहां प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी के विरुद्ध टिका-टिप्पणी हुई.
पत्र में कहा गया है कि यह दुखद है और सत्य यह है कि इससे पार्टी मजबूत नहीं होगी़ जाने-अनजाने में बातें हुई होंगी, लेकिन बैठक में ऐसी बातों से कार्यकर्ताओं में रोष व्याप्त है़ कुछ नेताओं की भाजपा से मिलीभगत है़ भाजपा को लाभ पहुंचाने में लगे है़ं पूर्व अध्यक्ष सुखदेव भगत के समय में भी ऐसी बातें होती थीं, मेरे आने के बाद भी कवायद जारी है़ पार्टी फोरम में बड़े नेताओं पर अनुशासन को लेकर कार्रवाई की बात होती है़ कहा जाता है कि केवल छोटे नेताओं पर कार्रवाई होती है़ ऐसे में अनुशासन बनाये रखने में मेरे सामने दुविधा की स्थिति रहती है़ मीडिया में इस तरह की बातें आना सही नहीं है़ इससे पार्टी कमजोर होगी.
क्या है मामला
कांग्रेस कैंपेन कमेटी के संयोजक सुबोधकांत सहाय ने 20 जून को कमेटी की बैठक बुलायी थी़ प्रदेश अध्यक्ष ने श्री सहाय से तिथि बदलने को कहा था़ उन्होंने श्री सहाय से कहा था कि उस तिथि में जमशेदपुर में जिला न्यायालय में एक मामले में उन्हें उपस्थित होना है़ इसलिए बैठक की तिथि बढ़ा दी जाये. फिर श्री सहाय ने बैठक बुला ली़ बैठक में बिना अध्यक्ष के जिलों में कमेटी का विस्तार भी किया गया.
पत्र की कॉपी राहुल गांधी को भी भेजी गयी
पत्र की कॉपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, प्रभारी आरपीएन सिंह और राष्ट्रीय नेता मैनुल हक को भी भेजी है.
पत्र में क्या-क्या लिखा
बिना अध्यक्ष की अनुमति के बैठक नहीं बुला सकते, सह प्रभारी उमंग सिंघार को अंधेरे में रख कर बैठक बुलायी
पूर्व अध्यक्ष सुखदेव भगत के समय भी यही होता था, मेरे आने के बाद भी कवायद जारी है
कुछ नेताओं की भाजपा से मिलीभगत है, भाजपा को लाभ पहुंचाने में लगे है.