रांची: दक्षिणी-पश्चिमी मॉनसून 2014 के आगमन की तैयारियों से संबंधित बैठक गुरुवार को प्रोजेक्ट भवन में मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती की अध्यक्षता हुई. इसमें सीएस ने राज्य आपदा प्रबंधन विभाग एवं सभी जिला के आपदा प्रबंधन विभागों को किसी भी तरह की आपदा से निबटने के लिए तैयार रहने को कहा.
उन्होंने आपदा प्रबंधन विभाग को निर्देश दिया कि राज्य मुख्यालय सहित प्रमंडल, जिला, अनुमंडलों में कंट्रोल रूम का गठन कर उसे किसी भी प्रकार की आपदा से निबटने के लिए तैयार रखें. उन्होंने पीआरडी को निर्देश दिया कि सभी कंट्रोल रूम के नंबरों का व्यापक रूप से प्रचार- प्रसार किया जाये. उन्होंने कहा कि स्वास्थ विभाग आपदा के समय दवाई से लेकर अन्य स्वास्थ्य उपकरण भी उपलब्ध कराये. बाढ़ कि स्थिति में बचाव के लिए नौकाओं से लेकर गोताखोरों की उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए ताकि लोगों को बाढ़ की स्थिति में आसानी से बचाया जा सके. उन्होंने कहा कि ठनका से बचाव के लिए स्कूलों में तड़ित चालक लगा होना चाहिए.
सीएस ने उपायुक्तों को निर्देश दिया कि मानसून से संबंधित विषयों पर बैठक कर ग्रामीण कार्य विभाग एवं पथ निर्माण विभाग संयुक्त रूप से टॉस्क फोर्स बनाकर कार्य करें. मुख्य सचिव ने पथ निर्माण विभाग को सभी जिलों में कमजोर सड़कों औार पुलों की पहचान कर उसकी मरम्मती करने का निदेश दिया. बैठक में आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह ने दक्षिणी-पश्चिमी मॉनसून 2014 के आगमन तथा विभिन्न विभागों द्वारा मानसून की तैयारियों से संबंधित जानकारी दी. सीएस ने कहा कि विभाग आपातकालीन परिस्थिति में पंचायतों में खाद्यान्न भण्डार का भी आकलन करें. बैठक में गृह विभाग के प्रधान सचिव एनएन पांडेय, पथ निर्माण की प्रधान सचिव राजबाला वर्मा, पीआरडी सचिव एमआर मीणा, कृषि सचिव नितिन दन कुलकर्णी समेत अन्य पदाधिकारी भी उपस्थित थे.