नगर निगम बोर्ड की विशेष बैठक. पार्षदों ने किया हंगामा, डिप्टी मेयर ने कहा
रांची : शहर की साफ-सफाई व्यवस्था को लेकर सोमवार को नगर निगम बोर्ड की विशेष बैठक हुई. इसमें पार्षदों ने हंगामा किया. पार्षदों का आरोप था कि शहर की सफाई के लिए चयनित कंपनी एसेल इंफ्रा के सुपरवाइजर बदतमीजी से बात करते हैं.
इस पर डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि कंपनी को एक साल के अंदर शहर के 53 वार्डों में सफाई व्यवस्था बहाल कर लेनी थी, लेकिन कंपनी के अधिकारी कान में तेल डाल कर सो गये हैं.
ऐसे में निगम बोर्ड आज प्रस्ताव पारित करता है कि बोर्ड की अगली बैठक तक यानी एक माह के भीतर अगर पार्षदों की शिकायतों पर वार्डों में सफाई व्यवस्था को दुरुस्त नहीं किया गया, तो कंपनी को यहां से विदा किया जायेगा.
डिप्टी मेयर ने कहा कि कोई इस भ्रम में न रहे कि हम बड़ी कंपनी हैं, तो हम पर कोई कार्रवाई नहीं होगी. बैठक में नगर आयुक्त डॉ शांतनु अग्रहरि, हेल्थ ऑफिसर डॉ किरण, ओएस नरेश सिन्हा सहित सभी वार्ड पार्षद मौजूद थे.
पार्षदों ने लगायी शिकायत की झड़ी: बैठक में वार्ड पार्षदों ने शिकायतों की झड़ी लगा दी. पार्षदों ने कहा कि कंपनी के सुपरवाइजर उनकी बात सुनते नहीं है. कचरा क्यों नहीं उठा, इस पर कंपनी के अधिकारी कहते हैं कि वाहन खराब होने के कारण कचरा नहीं उठ रहा है.
जब कंपनी के सुपरवाइजर से कहा जाता है कि फलां मोहल्ले में एक सप्ताह से कूड़ा नहीं उठा है. इस पर कंपनी के सुपरवाइजर अच्छा साफ करवा देंगे बोल कर टरका देते हैं. पार्षदों की इस शिकायत पर नगर आयुक्त ने कहा कि ऐसी गलती को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. कंपनी के अधिकारियों को निगम के वार्ड पार्षदों के साथ तालमेल बनाकर काम करना होगा.
आज से हर दिन शिकायतों का होगा निबटारा : बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कंपनी के कर्मचारी मंगलवार से हर दिन सुबह में वार्ड कार्यालय पहुंचेंगे. यहां कूड़ा व कचरा से संबंधित जो भी शिकायतें आयेंगी, उसे अपने रजिस्टर में नोट करेंगे. इसके बाद उसी दिन उन शिकायतों का निबटारा होगा. इसके अलावा कंपनी के सुपरवाइजर खुद वार्डों में घूम-घूम कर जायजा लेंगे कि मोहल्ले की सफाई व्यवस्था कैसी है.
10 हजार रिक्शे की मरम्मत पर खर्च : बैठक में एचइसी क्षेत्र के वार्ड पार्षद वेदप्रकाश सिंह ने सवाल खड़ा किया कि जब से वे पार्षद बने हैं, तब से लेकर अब तक उन्होंने 10 हजार रुपये निगम के रिक्शों की मरम्मत पर खर्च किये हैं. नगर निगम आखिर रिक्शा मरम्मत के नाम पर जो पैसा सुपरवाइजरों को देता है, वह कहां जाता है. इस पर डिप्टी मेयर ने कहा कि यह मामला काफी गंभीर है. इसकी जांच होनी चाहिए.
एक साल में 53 वार्डों में करनी थी सफाई, दो साल में केवल 33 वार्डों तक पहुंच पायी कंपनी
बैठक में डिप्टी मेयर कंपनी के अधिकारियों पर इस बात पर भी नाराज थे कि जब आपने खुद कहा कि हम एक साल के अंदर रांची शहर के 53 वार्डों में सफाई व्यवस्था को संभाल लेंगे, तो फिर आज दो साल बाद भी आप 33 वार्डों में क्यों अटके हुए हैं. क्या आपको यहां काम करने का मन नहीं है. अगर मन नहीं है, तो साफ-साफ निगम को लिख कर दे दीजिए. आपकी विदाई करने में हमें कोई परेशानी नहीं होगी.