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रांची : मनरेगा योजना में वित्तीय गड़बड़ी पर सरकार से मांगा गया जवाब
रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस कैलाश प्रसाद देव की अदालत में बुधवार को पलामू के हरिहरगंज में मनरेगा योजना में वित्तीय गड़बड़ी पर आरोपियों की अोर से दायर अग्रिम जमानत याचिका (एबीए) पर सुनवाई हुई. प्रार्थियों की दलील सुनने के बाद अदालत ने राज्य सरकार को शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने […]
रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस कैलाश प्रसाद देव की अदालत में बुधवार को पलामू के हरिहरगंज में मनरेगा योजना में वित्तीय गड़बड़ी पर आरोपियों की अोर से दायर अग्रिम जमानत याचिका (एबीए) पर सुनवाई हुई.
प्रार्थियों की दलील सुनने के बाद अदालत ने राज्य सरकार को शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई जून में होगी.
इससे पूर्व सुनवाई के दौरान प्रार्थी की अोर से अधिवक्ता अनुराग कश्यप ने अदालत को बताया कि मामले में मुखिया को फंसाया गया है.
पंचायत सेवक व रोजगार सेवक की देखरेख में मनरेगा योजना का क्रियान्वयन होता है. राशि निर्गत करने के लिए मुखिया सिर्फ हस्ताक्षर करता है. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी राजेंद्र यादव, मुखिया अनिता देवी, विष्णु प्रताप मिश्र व ममता देवी ने अग्रिम जमानत याचिका दायर की है.
हरिहरगंज में मनरेगा व अन्य योजनाओं में बिना काम के 23 लाख रुपये का भुगतान करने का मामला सामने आया था. इसके बाद 25 जनवरी 2018 को प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. इस मामले में पुलिस ने विष्णु प्रताप मिश्र, मुखिया अनिता देवी, उनके पति राजेंद्र यादव सहित 13 लोगों काे आरोपी बनाया है
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