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कम उम्र में शादी व गर्भधारण कई समस्याओं की जड़ : निधि
आइपीएच, नामकुम में बाल विवाह पर कार्यशाला रांची : कम उम्र में शादी व गर्भधारण ही स्वास्थ्य संबंधी ज्यादातर समस्याओं की जड़ है. इससे कुपोषण जैसी समस्या हो जाती है. उक्त बातें स्वास्थ्य सचिव निधि खरे ने कही. श्रीमती खरे आइपीएच सभागार, नामकुम में बाल विवाह पर आयोजित कार्यशाला में बोल रही थी. निधि खरे […]
आइपीएच, नामकुम में बाल विवाह पर कार्यशाला
रांची : कम उम्र में शादी व गर्भधारण ही स्वास्थ्य संबंधी ज्यादातर समस्याओं की जड़ है. इससे कुपोषण जैसी समस्या हो जाती है. उक्त बातें स्वास्थ्य सचिव निधि खरे ने कही. श्रीमती खरे आइपीएच सभागार, नामकुम में बाल विवाह पर आयोजित कार्यशाला में बोल रही थी.
निधि खरे ने कहा कि राज्य की सभी सहिया को इसके लिए विशेष ट्रेनिंग दी जाये. उन्होंने कहा कि कम उम्र में शादी के खिलाफ शिकायत करने के लिए कई प्लेटफॉर्म हैं, लेकिन लोगों को इनके बारे में नहीं पता.
यूनिसेफ के प्रतिनिधि ने बताया कि विलेज लेबल चाइल्ड प्रोटेक्शन कमेटी ने 18 साल से कम उम्र में होने वाली 60 शादियों पर रोक लगायी है. झारखंड में 38 फीसदी बाल विवाह होते हैं, जबकि 12 फीसदी गर्भधारण 15 से 19 वर्ष के बीच होता है. इस मौके पर निदेशक प्रमुख स्वास्थ्य डॉ सुमंत मिश्रा व अन्य उपस्थित थे.
एक हजार जुर्माना व जेल का प्रावधान : शादी के वक्त लड़के व लड़की की उम्र क्रमश: 21 वर्ष व 18 वर्ष या इससे अधिक होनी चाहिए. कम उम्र में शादी के लिए 15 दिन कारावास तथा एक हजार रुपये जुर्माना का प्रावधान है. कानून के तहत बच्चे वयस्क होने के दो साल के अंदर अपने बाल विवाह को अवैध घोषित कर सकते हैं.
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