रांची: झारखंड के 595 मदरसों को मान्यता देने के लिए झारखंड अधिविद्य परिषद (जैक) द्वारा निर्धारित किये गये नियमों को शिथिल किया जायेगा. मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती ने संबंधित निर्देश जारी किये हैं.
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा दिये गये 10 प्राथमिक कार्यो (सीएम प्रायोरिटी वर्क) में मदरसों को मान्यता प्रदान करने के लिए की जा रही कार्यवाही भी शामिल है. मदरसों को मान्यता देने के लिए पूर्व में किये गये निरीक्षण आधारित रिपोर्ट में बताया गया है कि राज्य के 50 से भी कम मदरसे निर्धारित अर्हता पूरी करते हैं. ऐसे में नियमों में शिथिलता जरूरी है. श्री चक्रवर्ती ने मंगलवार को सीएम प्रायोरिटी वर्क की समीक्षा की.
समीक्षा के दौरान पेंशन योजनाओं के तहत लाभुकों को जोड़ने के लिए विभिन्न विभागों के अधिकारियों में समन्वय बना कर काम करने का निर्देश दिया.शिविर लगा कर पेंशन का लाभ उचित व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए कहा गया. 4,000 वनरक्षियों की नियुक्ति के लिए कर्मचारी चयन आयोग को काम आगे बढ़ाने का निर्देश दिया गया. दलपति का पद विलोपित कर वर्तमान दलपतियों को पंचायत सेवक के रूप में प्रोन्नत करने पर सहमति बनी.
तय किया गया कि 400 से 500 दलपतियों को पंचायत सेवक के रूप में नियुक्ति के लिए नियमों को शिथिल करने का प्रस्ताव कैबिनेट में भेजा जायेगा. मांझी-परगनैत को मानदेय देने का काम जल्दी आगे बढ़ाने के निर्देश दिये गये. प्रखंडों में स्टेडियम व पाइका की समीक्षा के दौरान मुख्य सचिव को जानकारी मिली कि अब तक पाइका के तहत केंद्र सरकार से प्राप्त राशि का अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं भेजा गया है. इस वजह से केंद्र सरकार ने राशि रोक रखी है.
श्री चक्रवर्ती ने खेल सचिव को जल्द से जल्द अनापत्ति प्रमाण पत्र भेज कर शेष राशि हासिल करने के निर्देश दिये. राज्य के न्यायालयों को बेहतर करने और अदालत में सरकार का पक्ष मजबूती से रखने के लिए विधि सचिव और महाधिवक्ता में समन्वय बना कर काम करने पर सहमति बनी. राज्य में तकनीकी विवि खोलने और शिक्षक नियुक्ति मामले पर भी चर्चा हुई. शिक्षा विभाग के सचिव को मामलों के जल्द निष्पादन के निर्देश दिये गये. बैठक में सरकार के विभिन्न विभागों के सचिव मौजूद थे.