टीबी खोज अभियान का हिस्सा बनने के लिए किया आग्रह
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2025 तक टीबी खत्म करने के लक्ष्य से काम करें: निधि खरे
टीबी खोज अभियान का हिस्सा बनने के लिए किया आग्रह रांची : स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे ने कहा कि समाज के लोग टीबी को समाप्त करने के लिए आगे आयें. टीबी रोगियों की पहचान के लिए हेल्थ की मशीनरी से हाथ मिलायें, ताकि 2025 तक भारत को टीबी मुक्त किया जा सके. […]
रांची : स्वास्थ्य विभाग की प्रधान सचिव निधि खरे ने कहा कि समाज के लोग टीबी को समाप्त करने के लिए आगे आयें. टीबी रोगियों की पहचान के लिए हेल्थ की मशीनरी से हाथ मिलायें, ताकि 2025 तक भारत को टीबी मुक्त किया जा सके. श्रीमती खरे शनिवार को होटल कैपिटोल हिल रांची में टीबी से ठीक हुए रोगियों के कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं. कार्यक्रम का आयोजन रीच द्वारा किया गया था.
टीबी चैंपियन दूसरे को जागरूक करें: प्रधान सचिव ने सभी टीबी चैंपियन ( टीबी से ठीक हुए रोगी ) से आग्रह किया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में टीबी मरीजों को जागरूक कर दवा का कोर्स पूरा कराने में सहयोग करें.
राज्य यक्ष्मा प्रभाग द्वारा चलाये जाने वाले सक्रिय टीबी खोज अभियान का हिस्सा बनें और टीबी संदेश को -घर तक पहुंचाएं. कहा कि इस कार्यक्रम में टीबी चैंपियंस के माध्यम से झारखंड में राज्य स्तरीय टीबी नेटवर्क की स्थापना कर टीबी उन्मूलन का प्रयास किया जायेगा. इसके साथ ही प्रत्येक स्तर के कर्मचारियों को टीबी कार्यक्रम के प्रति संवेदनशील होकर कार्य करने का निर्देश दिया. कार्यक्रम में राज्य यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ राकेश दयाल,डब्ल्यूएचओ के डॉ राजाभाऊ येओले, रीच संस्था की परियोजना निदेशक स्मृति कुमार, रीच संस्था के झारखंड राज्य समन्वयक दिवाकर शर्मा के साथ जिलों से आये टीबी चैंपियन मौजूद थे.
झारखंड की बेटी ज्योति की मेहनत से संवरा रानीखेत
देश का तीसरा स्वच्छ कैंट बोर्ड बना रानीखेत
रांची़ स्वच्छता सर्वेक्षण-2018 में देश की 62 छावनी परिषद में रानीखेत कैंट बोर्ड को तीसरा स्थान मिला. इसके अलावा खूबसूरत पर्यटन नगरी में जैविक व अजैविक कूड़े के निस्तारण को भी बेहतर अंक मिला है. रानीखेत को संवारने का काम झारखंड की बेटी ज्योति कपूर ने किया है. ज्योति के प्रयासों का ही नतीजा है कि आज रानीखेत को तीसरा स्थान मिला है. ज्योति रानीखेत की मुख्य अधिशासी अधिकारी हैं. ज्योति कपूर राजधानी रांची में पुलिस अधिकारी रह चुके राजकपूर की बेटी हैं. रानीखेत की इस सफलता पर ज्योति कहती हैं कि छावनी परिषदों में रानीखेत कैंट बोर्ड का स्वच्छता सर्वेक्षण में तीसरे पायदान पर आना नगरवासियों के सहयोग का ही नतीजा है. लोगों के सहयोग से ही रानीखेत का नाम देश के मानचित्र पर आ पाया. उन्होंने उम्मीद जतायी है कि संबंधित विभाग व विद्यार्थियों का साथ मिला, तो रानीखेत कैंट को देश की सबसे स्वच्छ छावनी परिषद का दर्जा दिलाते हुए पहले स्थान पर पहुंचाने में कामयाब हो सकेंगे.
इन बिंदुओं पर रानीखेत हुआ अव्वल
महिला व पुरुष प्रसाधन केंद्रों की स्थिति, पानी व प्रकाश की व्यवस्था
जैविक कचरे से जैविक खाद बनाना, सार्वजनिक शौचालय ऑनलाइन
जैविक व अजैविक कूड़े के लिए प्रोसेसिंग प्लांट की स्थिति बेहतर
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