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तीसरी बार नहीं आये बाउरी, अस्पताल में भर्ती, स्पीकर ने कहा गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित करें, अगली सुनवाई 8 जून को
रांची : दलबदल मामले में मंत्री अमर बाउरी तीसरी बार गवाही में नहीं आये़ वह सीने में दर्द की शिकायत के बाद बोकारो के अस्पताल में भर्ती है़ं शुक्रवार को स्पीकर दिनेश उरांव के न्यायाधिकरण में सुनवाई में उन्हें गवाही के लिए आना था़ श्री बाउरी के अधिवक्ता ने अस्पताल में इलाज कराने से संबंधित […]
रांची : दलबदल मामले में मंत्री अमर बाउरी तीसरी बार गवाही में नहीं आये़ वह सीने में दर्द की शिकायत के बाद बोकारो के अस्पताल में भर्ती है़ं शुक्रवार को स्पीकर दिनेश उरांव के न्यायाधिकरण में सुनवाई में उन्हें गवाही के लिए आना था़ श्री बाउरी के अधिवक्ता ने अस्पताल में इलाज कराने से संबंधित तस्वीर न्यायाधिकरण के समक्ष रखी़ स्पीकर श्री उरांव ने कहा : इस पर विशेष क्या कहना, जब उनकी तबीयत खराब है़
अधिवक्ता से पूछा कि आप संतुष्ट हैं या नही़ं बाउरी लगातार तीसरी बार गवाही के लिए नहीं आये है़ं दिल को मजबूत करना चाहिए़ न्यायाधिकरण को फेस करना चाहिए़ विधायकों की गवाही के बाबत उन्होंने कहा कि कोई भी एक डेट में नहीं आ रहे है़ं बाद में स्पीकर ने न्यायाधिकरण के समक्ष श्री बाउरी के इलाज से संबंधित पेश किये गये दस्तावेज को सर्टिफाइड कराया़ इसके बाद सुनवाई की अगली तिथि आठ जून तय करते हुए गवाहों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया़
कुछ सवालों का स्पष्ट जवाब नहीं दे सके विधायक चौरसिया : इधर, दलबदल मामले में आरोपी विधायक आलोक चौरसिया की गवाही हुई़ वादी (बाबूलाल मरांडी-प्रदीप यादव) पक्ष के अधिवक्ता आरएन सहाय ने श्री चौरसिया का क्रॉस एक्जामिन किया़ श्री चौरसिया का कहना था कि राज्यहित और क्षेत्र के विकास के लिए छह विधायकों ने झाविमो का भाजपा में विलय का निर्णय लिया़
यह पूछने पर कि क्या यह विलय पार्टी के संविधान और कानून के तहत हुआ है़ श्री चौरसिया ने कहा कि वह नियम-कानून बहुत नहीं जानते, लेकिन इतना जानते हैं कि राज्यहित में विलय का निर्णय लिया गया़ विधायक ने बताया कि आठ फरवरी 2015 को रातू के दलादली में बैठक कर विलय का निर्णय लिया गया़ अधिवक्ता ने पूछा कि क्या इस बैठक में बाबूलाल मरांडी पहुंचे थे़ विधायक का कहना था कि वह नहीं आये, तो जानकी यादव की अध्यक्षता में बैठक हुई़ इस बैठक में पार्टी के पदाधिकारी सहित राज्य भर से कार्यकर्ता पहुंचे थे़ उन्होंने कहा कि इस बैठक को बाबूलाल मरांडी ने ही बुलाया था़
इस पर अधिवक्ता ने उनसे इससे संबंधी प्रमाण दिखाने को कहा़ अधिवक्ता ने यह भी जानना चाहा कि क्या इस बैठक की जानकारी चुनाव आयोग या विधानसभा अध्यक्ष को दी गयी थी़ इस पर विधायक कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाये़ श्री चौरसिया से वादी पक्ष की ओर से कई सवाल पूछे गये़
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