राज्य में बिजली की व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए ठोस काम नहीं हो सका है. हालांकि, पिछले एक-दो वर्ष में व्यवस्था सुधारने का काम धरातल पर उतारने के लिए गंभीर प्रयास शुरू किये गये हैं. पर, वास्तविकता यह है कि पूरे झारखंड में बिजली की स्थिति बदहाल है. राज्य सरकार के पावर प्लांट का उत्पादन रोज घटता जा रहा है. खरीद कर बिजली की आपूर्ति करने के लिए ट्रांसमिशन लाइनें अब तक नहीं बन सकी हैं.
राज्य गठन के समय शुरू किया गया अंडरग्राउंड केबलिंग का काम अब तक पूरा नहीं हो सका है. निर्बाध बिजली की समुचित व्यवस्था पूरी राज्य में कहीं नहीं की जा सकी है. अब भी गांवों में एक बार ट्रांसफारमर जलने पर महीनों तक बिजली गुल रहती है.
जबकि, ग्रामीण क्षेत्रों में 10 से 12 घंटे ही बिजली मिल रही है. बिजली की आंख-मिचौली के कारण राजधानी की बड़ी आबादी को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है. बिजली के अभाव में लोग भीषण गर्मी की तपिश झेलने को विवश हैं. बिजली नहीं रहने से लोगों के समक्ष पानी की समस्या भी उत्पन्न हो गयी. व्यवसायियों तथा दुकानदारों का बुरा हाल है. लोगों का घरों में भी रहना मुश्किल हो गया है.
शहर में बिजली डिस्ट्रीब्यूशन रिफॉर्मिंग कार्य और मेंटेनेंस के नाम पर रोज घंटों बिजली काटी जा रही है. जबकि, पिछले 22 महीने में 41.5 किमी अंडरग्राउंड केबलिंग के काम का महज 11 किमी ही पूरा हो सका है.
ओवरऑल केवल 35 से 40 फीसदी काम ही हुआ है. अप्रैल 2016 में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस योजना का शुभारंभ राजभवन सब स्टेशन में किया था. उन्होंने समय से कार्य पूर्ण करने की हिदायत एजेंसी एवं बिजली अफसरों को दी थी. काम कर रही एजेंसी पॉलीकैब को हर हाल में गर्मी शुरू होने के पूर्व मार्च तक बिजली बंद करके होने वाले कार्य पूरा कर लेने का निर्देश दिया गया था. लेकिन, गर्मी की शुरुआत के बाद तक आधा काम भी नहीं हो सका है. कार्य प्रगति पर होने की वजह से रोज शहर के कई क्षेत्रों में चार-पांच घंटे बिजली कट रही है.
राजधानी में बिजली की स्थिति खराब होने की बात से अधिकारी इनकार करते हैं. बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बिजली की आपूर्ति में कोई समस्या नहीं है. लोकल फाॅल्ट की वजह से लोगों को थोड़ी परेशानी उठानी पड़ती है.
विभाग को सूचना मिलते ही फॉल्ट दुरुस्त करने का काम शुरू कर दिया जाता है. अधिकारियों का कहना है कि अंडरग्राउंड केबलिंग और मेंटेनेंस का कार्य आवश्यक है. यह लोगों की सुविधा के लिए ही किया जा रहा है. बेहतर भविष्य के लिए लोगों को वर्तमान में थोड़ी परेशानी उठानी पड़ रही है. लेकिन, कार्य पूरा हो जाने के बाद बिजली की निर्बाध आपूर्ति की जा सकेगी.