रांची: राज्य भर में मनरेगा मजदूरों को बेरोजगारी भत्ता नहीं मिल रहा है. वे काम की मांग कर रहे हैं, फिर भी उन्हें भत्ता नहीं दिया जा रहा है. उनकी डिमांड पर भी विचार नहीं हो रहा है. पंचायतों में भी उनकी नहीं सुनी जा रही है.
वे काम की मांग करते हैं, पर उन्हें काम नहीं मिल पा रहा है. बेरोजगारी भत्ता की मांग करने पर भी नजरअंदाज किया जा रहा है. इसके बाद ही सरकार ने मजदूरों को बेरोजगारी भत्ता देने के लिए नयी व्यवस्था करने का निर्णय लिया है. इसके तहत मुख्यालय से एक टॉल फ्री नंबर जारी किया जायेगा. इस नंबर पर कॉल करके कहीं से भी मनरेगा मजदूर अपनी डिमांड दर्ज करा सकते हैं. यदि रोजगार नहीं मिलता है, तो बेरोजगारी भत्ता की मांग कर सकते हैं. इस पर तत्काल कार्रवाई की जायेगी.
मिल रही थीं शिकायतें: ग्रामीण विकास विभाग को बार-बार शिकायतें मिल रही थी कि मजदूरों की डिमांड पर सुनवाई नहीं हो रही है. उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है. अगर वे पंचायत के समक्ष बेरोजगारी भत्ता की डिमांड करते हैं, तो भी सुनवाई नहीं होती है. मुख्यालय स्तर पर बेरोजगारी भत्ता देने का निर्देश दिया जा रहा है, फिर भी मजदूरों को भत्ता नहीं मिल रहा है.
पिछले साल मिला था 202 लाख
पिछले वित्तीय वर्ष 2013-14 में मजदूरों को बेरोजगारी भत्ता के रूप में 202 लाख रुपये का भुगतान किया गया. फिर भी यह राशि कम है, क्योंकि काम नहीं मिलने की स्थिति में बड़ी संख्या में मजदूरों ने बेरोजगारी भत्ता की मांग की थी. बेरोजगारी भत्ता की मांग करनेवाले मजदूरों की बातें नहीं सुनी गयी, न ही उनकी डिमांड दर्ज की गयी.