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झारखंड सरकार ने किया तांडव छात्राओं को बेरहमी से पीटा गया : सुबोधकांत सहाय

राजधानी में लाठीचार्ज करनेवाले पुलिसकर्मी पर कार्रवाई करे सरकार रांची : पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा है कि केंद्र और राज्य की सरकार आदिवासी-दलित विरोधी है. एसटी-एससी को संविधान ने जो विशेषाधिकार दिया है, उसे खत्म करने की कोशिश हो रही है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर हस्तक्षेप नहीं […]

राजधानी में लाठीचार्ज करनेवाले पुलिसकर्मी पर कार्रवाई करे सरकार
रांची : पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने कहा है कि केंद्र और राज्य की सरकार आदिवासी-दलित विरोधी है. एसटी-एससी को संविधान ने जो विशेषाधिकार दिया है, उसे खत्म करने की कोशिश हो रही है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर हस्तक्षेप नहीं किया. श्री सहाय सोमवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि संविधान ने समतामूलक समाज की अवधारणा को मजबूत करने के लिए एसटी-एससी को विशेषाधिकार दिया है, लेकिन केंद्र सरकार आरक्षण से लेकर दूसरे अधिकार खत्म करना चाहती है.
भाजपा शासित राज्यों में अत्याचारी सरकार का बर्बर चेहरा सामने आया है. राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र से लेकर गुजरात तक लाठी-गोली चलायी गयी. रघुवर सरकार ने तो तांडव किया. लड़कियों को बेरहमी से पीटा गया है. उन्होंने कहा कि सरकार गिरफ्तार लोगों को अविलंब रिहा करे और लाठी चार्ज करने वाले पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए. मौके पर पूर्व केंद्रीय मंत्री रामेश्वर उरांव, अनादि ब्रह्म, रवींद्र सिंह, राजीव रंजन प्रसाद, लाल किशोर नाथ शहदेव, सुरेंद्र सिंह, अभिलाष साहू व मेयर पद के प्रत्याशी अजय तिर्की भी मौजूद थे.
कांग्रेस ने लाठी चार्ज पर बनायी जांच कमेटी
रांची : कांग्रेस ने भारत बंद के दौरान राजधानी में छात्रावासों में लाठी चार्ज की घटना को लेकर जांच कमेटी का गठन किया है. प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय कुमार के निर्देश पर कमेटी बनायी गयी है. जांच कमेटी को एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है.
कमेटी में पूर्व केंद्रीय मंत्री रामेश्वर उरांव को अध्यक्ष व प्रो विनोद सिंह को सचिव बनाया गया है. कमेटी में निरंजन पासवान, रमा खलखो, कामेश्वर बैठा, दुलाल भुइयां, सुशील मरांडी, सुरेश बैठा , राजेंद्र दास, संजय लाल पासवान और उषा पासवान को सदस्य बनाया गया है.
पुलिस अधिकारियों को निलंबित करे सरकार
रांची : झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा है कि राज्य में जब-जब आदिवासी, मूलवासी, अल्पसंख्यक आवाज उठाते हैं, तो उनके साथ सरकार बेरहमी के साथ पेश आती है. राजधानी में बलपूर्वक और बर्बरतापूर्ण तरीके से आदिवासी-दलित की आवाज दबाने की कोशिश हुई है.
आदिवासी छात्रावासों खासकर महिला छात्रावास को पुलिस ने निशाना बनाया. सरकार ने क्रूर लाठी चार्ज की है. श्री भट्टाचार्य ने कहा कि पूरे घटना की जांच होनी चाहिए. सरकार न्यायिक आयोग का गठन करे और 15 दिनों के अंदर घटना में शामिल सभी पदाधिकारियों व जवानों को निलंबित करें. केंद्रीय गृह मंत्री पूरे मामले की जानकारी राज्यपाल से लें और राज्य सरकार के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्वित करें.
लाठीचार्ज की न्यायिक जांच की मांग
रांची :आदिवासी मूलवासी छात्र मोर्चा ने भारत बंद के दौरान छात्राओं पर लाठी चार्ज, उनके साथ दुर्व्यवहार व छेड़छाड़ की उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग की है. मोर्चा ने इसके विरोध में रांची कॉलेज के समक्ष सरकार पुतला फूंका. सदस्यों ने कहा कि यह सरकार लाठी, डंडे व गोली की सरकार है.
आदिवासियों व मूलवासियों को भयभीत कर शासन करना चाहती है. केंद्र में और भाजपा शासित राज्यों में यही हो रहा है. विश्वविद्यालय अध्यक्ष आदर्श मल्लिक ने कहा कि मोर्चा चुप नहीं बैठेगा. विरोध-प्रदर्शन में विश्राम उरांव, लाडला खान, अशोक कुमार, अवधेश साहू सहित कई कार्यकर्ता शामिल थे़
एसटी-एससी पर सबसे ज्यादा सरकारी उत्पीड़न होता है : रामेश्वर उरांव
पूर्व केंद्रीय मंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा है कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में सही तरीके से पक्ष नहीं रखा. कमजोर वकील को खड़ा किया गया. प्रधानमंत्री, कानून मंत्री मौन हैं. सरकार चाहे, तो पार्लियामेंट से कानून फिर से पास करा सकती है.
एसटी-एससी पर सबसे ज्यादा अत्याचार सरकार द्वारा ही होता है. सरकार ने ही सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन कर जमीन लूटने का प्रयास किया था. आदिवासी-दलित की जमीन लूट भी उत्पीड़न है. राजधानी में लड़कियों को पुलिस ने बेरहमी से पीटा है. राजधानी की घटना दुखद है.
सरकार उतावली हो गयी है, आवाज दबाना चाहती है : सुखदेव
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुखदेव भगत ने कहा कि छात्र शांति पूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन सरकार उतावली है. तानाशाही दिखा रही है. अधिकार के लिए उठने वाली आवाज को दबाने का प्रयास हो रहा है. छात्रों को जिस बेरहमी से पीटा गया, वह दुर्भाग्यपूर्ण है. कांग्रेस नेता रमा खलखो ने कहा कि पुलिस को किसने अधिकार दिया कि वह छात्रावास में घुस कर छात्राओं को बेरहमी से पीटे. पुलिस का बर्बर चेहरा सामने आया है.
लाठीचार्ज की उच्चस्तरीय जांच हो
रांची. आदिवासी संघर्ष मोर्चा के मुख्य संयोजक डॉ करमा उरांव ने कहा है कि लोकतांत्रिक तरीके से बंद कराने निकली छात्राअों पर पुलिस के द्वारा लाठीचार्ज की घटना निंदनीय है.
पुलिस के जवानों ने बर्बर तरीके से छात्राअों पर लाठीचार्ज किया. यह पहली बार हुआ है कि हॉस्टल में घुस कर पीटा गया है. आंसू गैस के गोले छोड़े गये. अौर रबर बुलेट का भी इस्तेमाल हुआ. इससे पता चलता है कि पुलिस ने आदिवासी छात्राअों के हॉस्टल को टार्गेट किया है. इस घटना की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए, साथ ही दोषी पुलिसकर्मियों को बर्खास्त कर उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.
सरकार को उखाड़ फेकेंगे : बंधु
झाविमो नेता बंधु तिर्की ने कहा कि केंद्र और राज्य की सरकार एसटी-एससी के अधिकारों पर हमला कर रही है. लोग आक्रोशित हैं. राज्य सरकार इस आक्रोश को समझ नहीं रही है. छात्र आंदोलित हैं. इस सरकार को उखाड़ फेंकेंगे. राज्य में रघुवर सरकार ने छात्रों के साथ अत्याचार किया है. जनता इसका जवाब मांगेगी. समाज के वंचित लोगों की रक्षा के बजाय सरकार दमन पर उतर आयी है.
लोकतंत्र का गला घोंटने के लिए पुलिस प्रशासन का सहारा लिया : हेमंत सोरेन
रांची : प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने कहा है कि भारत बंद की सफलता से राज्य सरकार बौखला गयी है. लोकतांत्रिक अधिकारों का गला घोंटने के लिए राज्य सरकार ने पुलिस-प्रशासन का सहारा लिया. राज्य सरकार ने मानवीय मूल्यों को दरकिनार कर छात्र-छात्राओं के हॉस्टल में घुस कर बेरहमी की, वह शर्मनाक है. भाजपा दमनकारी नीतियों के सहारे दलित और आदिवासियों की आवाज दबा रही है. सरकार की कोशिश को किसी भी हाल में झामुमो सफल नहीं होने देगा.
खूनी हो गयी है झारखंड सरकार : अन्नपूर्णा
राजद की प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि झारखंड की रघुवर सरकार खूनी हो गयी है. शांतिपूर्ण और संवैधानिक तरीके से विरोध प्रदर्शन को भी सरकार लाठी-गोली से दबाना चाहती है. कहा कि एसटी, एससी आरक्षण मामले में विभिन्न संगठनों और राजनीतिक दलों ने भारत बंद का आह्वान किया था.
बंद सभी जगहों पर स्वतः स्फूर्त व सफल था, लेकिन राज्य की रघुवर सरकार की पुलिस ने आदिवासी और दलित छात्रों पर बेवजह लाठियां बरसायी. आदिवासी हॉस्टल में घुस कर पुलिस ने छात्राओं को बेरहमी से पीटा. सरकार का यह रवैया तानाशाह जैसा है. घायल छात्रों को उपचार के लिए भी नहीं ले जाया गया. सरकार और पुलिस बेलगाम हो गयी है. उन्होंने मांग की है बेवजह लाठीचार्ज करनेवाले पदाधिकारी को सरकार तत्काल निलंबित करे, अन्यथा इसके खिलाफ आंदोलन होगा.
आदिवासियों के प्रति सरकार का नजरिया दिख गया : संघ
आदिवासी छात्र संघ ने आदिवासी छात्र-छात्राओं पर पुलिस कारवाई की कड़ी निंदा की है. केंद्रीय अध्यक्ष सुशील उरांव ने कहा कि जब अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम पर माननीय सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश से आदिवासी विद्यार्थियों का प्रभावित होना स्वाभाविक है.
इसी क्रम में पूरे देश के साथ रांची में भी आदिवासी छात्रावास के विद्यार्थी भी बंद के समर्थन में उतरे. हम आश्वस्त हैं कि विद्यार्थियों द्वारा कोई अमर्यादित व्यवहार नहीं किया गया. इसके बावजूद पुरुष पुलिस ने महिला छात्रावास में घुस कर आदिवासी छात्राओं से मारपीट व छेड़छाड़ की. यह सरकार का आदिवासियों के प्रति नजरिया दर्शाता है. संघ मंगलवार को इसकी शिकायत राज्यपाल से करेगा और दोषियों पर आपराधिक व एसटी उत्पीड़न का मामला दर्ज करायेगा. आवश्यकता पड़ी, तो राज्यव्यापी आंदोलन भी छेड़ेगा.
अनुसूचित जाति महासभा ने राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन
रांची. अखिल भारतीय अनुसूचित जाति महासभा की ओर से सोमवार को राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को ज्ञापन सौंपा गया. ज्ञापन सौंप कर एससी-एसटी अत्याचार अधिनियम को लेकर सुभाष कांशीनाथ महाजन बनाम महाराष्ट्र सरकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दायर करने की अनुशंसा करने और बंद समर्थकों के साथ दुर्व्यवहार करनेवाले पुलिसकर्मियों पर एससी-एसटी अत्याचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज करे त्वरित कार्रवाई करने का आग्रह किया गया. इधर, भारत बंद के दौरान पुलिस प्रशासन द्वारा आदिवासी हॉस्टल में घुस कर छात्राओं के साथ मारपीट करने की भी निंदा की गयी. ज्ञापन सौंपनेवालों में रंजन पासवान, युवराज पासवान, नथन रजक, उपेंद्र कुमार रजक, जगदीश दास, बीके दास समेत कई लोग शामिल थे.
गौतम सागर राणा समेत कई गिरफ्तार, रिहा
रांची. भारत बंद के दौरान सोमवार को सड़क पर उतरे राजद के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गौतम सागर राणा, कैलाश यादव, मनोज पांडेय, चंद्रशेखर भगत समेत कई कार्यकर्ताअों को अलबर्ट एक्का चौक से गिरफ्तार किया गया. पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर मोरहाबादी स्थित कैंप जेल में रखा. शाम 6.15 बजे इन्हें छोड़ा गया. श्री राणा ने आदिवासी हॉस्टल में छात्रों के साथ हुई घटना की निंदा की है. उन्होंने कहा कि सरकार जनता की आवाज को दबाना चाहती है.
बंद के समर्थन में सड़क पर उतरा माले
रांची. अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 में संशोधन के खिलाफ सोमवार को आहूत भारत बंद के समर्थन में भाकपा माले कार्यकर्ता सड़क पर उतरे. पार्टी कार्यकर्ता राज्य कार्यालय से मार्च निकाल कर अलबर्ट एक्का चौक तक पहुंचे. वहां संशोधन के फैसले की प्रतियां भी जलायी गयीं. समर्थन में निकाली गयी रैली का नेतृत्व केंद्रीय कमेटी सदस्य शुभेंदु सेन, जिला सचिव भुवनेश्वर केवट ने किया.
लाठी चार्ज और गिरफ्तारी निंदनीय : माकपा
रांची. केंद्र सरकार द्वारा एससी/एसटी अत्याचार निवारण कानून में संशोधन के खिलाफ दलित और आदिवासी संगठनों के आह्वान पर आयोजित बंद के दौरान लाठी चार्ज और गिरफ्तारी की माकपा ने निंदा की है. माकपा के राज्य सचिव मंडल सदस्य प्रकाश विप्लव ने कहा है कि रांची पुलिस द्वारा छात्रों पर लाठी चार्ज करने तथा छात्राओं समेत सैकड़ों छात्रों को गिरफ्तार किया जाना गलत है. दलितों और आदिवासियों पर अत्याचार रोके जाने के लिए एससी/एसटी अत्याचार निवारण कानून, 1989 बनाया गया था, इसमें संशोधन नहीं हो.
पुलिस की निर्ममता लोकतंत्र की हत्या : मोर्चा
रांची. आरक्षण अधिकार मोर्चा ने भारत बंद के दौरान रांची पुलिस- प्रशासन द्वारा दिखायी निर्ममता की निंदा की है़ मोर्चा के अजय चौधरी ने कहा कि शांतिपूर्ण बंद का समर्थन कर रहे कॉलेज व छात्रावास के लड़के-लड़कियों को पुलिस द्वारा पीटना लोकतंत्र की हत्या की तरह है़
मानवाधिकार का उल्लंघन किया गया : फोरम
रांची. अॉल इंडिया एससी-एसटी-अोबीसी फोरम के महासचिव डॉ सहदेव राम ने कहा कि भारत बंद के दौरान पुलिस-प्रशासन ने मानवाधिकार का उल्लंघन किया है. रांची में पुलिस ने छात्रावास में घुस कर छात्राअों पर लाठी चार्ज किया और उन्हें जख्मी किया. फोरम ने दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.
बंद के कारण आठ घंटे विलंब से चल रही है पटना-रांची जनशताब्दी एक्सप्रेस
रांची : भारत बंद के कारण सोमवार को पटना-रांची जनशताब्दी एक्सप्रेस (12365) को दानापुर मंडल में रोक दिया गया था. इस कारण यह ट्रेन साढ़े आठ घंटे विलंब से चल रही है. यह ट्रेन रात साढ़े दस बजे तक रांची पहुंचने की संभावना है. घंटों विलंब से चलने के कारण 12366 को रिशिड्यूल किया गया.
इस कारण यह ट्रेन रांची से अपने निर्धारित समय से घंटों विलंब से खुलेगी. वहीं, इस बंदी के कारण हटिया-पटना पाटलिपुत्र एक्‍सप्रेस (18622) का आंशिक समापन सोमवार को मोकामा में ही कर दिया गया. यहीं से यह ट्रेन पटना-हटिया पाटलिपुत्र एक्सप्रेस (18621) बनकर खुली. इधर, सोमवार को रांची आनेवाली जम्मूतवी एक्सप्रेस पांच घंटे, एल्लेपी एक्सप्रेस एक घंटे विलंब से आयी. वहीं, रविवार को रात में नौ बजे आनेवाली रक्सौल-हैदराबाद एक्सप्रेस सोमवार दोपहर 1.05 बजे रांची आयी. इसके बाद यह ट्रेन आगे के लिए रवाना हुई.
बंद के कारण कम चली बसें, स्टैंड में सन्नाटा
रांची. भारत बंद को लेकर सोमवार को आइटीआइ बस स्टैंड से काफी कम बसें चलीं. सुबह में कुछ ही बसें यहां से निकलीं. वहीं, सुबह नौ बजे के बाद से बसों का परिचालन प्रभावित हो गया. राज्य के विभिन्न जिलों में भी बंद का असर था, इसलिए वहां से भी बसों का परिचालन नहीं हुआ. ऐसे में वहां से आइटीआइ बस स्टैंड आनेवाली बसें भी नहीं आयी. हालांकि, बंद को लेकर सोमवार को काफी कम यात्री बस स्टैंड में पहुंचे. दोपहर में भी बस स्टैंड में सन्नाटा पसरा रहा. बंद के मद्देनजर स्टैंड की दुकानेें भी बंद रहीं. अधिकतर होटल भी बंद रहे.
टाटीसिलवे में दिन भर बंद रहीं दुकानें
रांची :एससी-एसटी संयुक्त मोर्चा, टाटीसिलवे के बंद के अाह्वान पर सोमवार को बाजार बंद रहा. टाटीसिलवे चौक व कुछ अन्य इलाके में दुकानें दिन भर बंद रही. इससे पहले बंद की पूर्व संध्या पर मोर्चा ने मशाल जुलूस निकाला था. वहीं सोमवार की सुबह सरना झंडे लेकर रैली निकाली गयी, जो इइएफ मैदान से शुरू होकर टाटीसिलवे के विभिन्न मुहल्लों से गुजरी. रैली का नेतृत्व बंधन उरांव, अर्जुन पाहन, गोपाल मुंडा, धनंजय शाही, रविशंकर व दिवाशंकर पासवान सहित अन्य कर रहे थे.
सीसीएल व सीएमपीडीआइ गेट के सामने किया प्रदर्शन
रांची : ऑल इंडिया अनुसूचित जाति, जनजाति, अत्यंत पिछड़ा जाति इम्प्लाइज कोऑर्डिनेशन काउंसिल ने भारत बंद के समर्थन में सीसीएल व सीएमपीडीअाइ गेट के सामने प्रदर्शन किया. इस मामले में राष्ट्रपति से हस्तक्षेप का आग्रह किया गया. कार्यक्रम में गोरेलाल पासवान, मीरा कुमारी, कुसुम रवि, कामेश्वर रविदास, रत्नी देवी, नील कुसुम एक्का, दिलीप कुमार राम, मनोज कुर्रे, ओम प्रकाश राम, आरपी सिंह, पीएस गुड़िया, राम विलास, राजेश, भरत, अशोक हरिजन आदि मौजूद थे.

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