रांची : चारा घोटाले के कांड संख्या आरसी 38ए/96 (दुमका कोषागार से अवैध निकासी का) में सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को अब तक की सबसे बड़ी सजा सुनायी है. अदालत ने लालू को अलग-अलग दो धाराओं (आइपीसी और पीसी एक्ट) में सात-सात साल सश्रम कैद की सजा सुनायी.
दोनों सजाएं अलग-अलग चलेंगी. यानी अदालत ने लालू प्रसाद को कुल 14 साल की सश्रम कैद की सजा दी है. इसके अलावा 60 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जुर्माना नहीं देने पर उन्हें दो साल अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. अपने 165 पेज के आदेश में विशेष न्यायाधीश ने कहा है कि इस मामले में लालू सहित जिन 19 लोगों को सजा सुनायी गयी है, उनकी एक जनवरी 1990 के बाद से घोटाले से अर्जित चल-अचल संपत्ति जब्त कर उसे नीलाम िकया जाये.
ट्रायल के दौरान जिन 14 लोगों की मौत हो गयी, उनकी भी घोटाले से अर्जित संपत्ति जब्त कर नीलाम की जाये. इससे मिली राशि सरकारी खजाने में डाली जाये. अदालत ने सीबीआइ को निर्देश दिया कि वह इनकी संपत्ति की जांच करने की सूचना प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को दे और साथ ही इडी की मदद करे.
ओपी को भी 14 साल की सजा : अदालत ने पशुपालन विभाग के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक ओपी दिवाकर को सात-सात साल की सजा और 30-30 लाख जुर्माने की सजा सुनायी है. दोनों सजाएं अलग-अलग चलेंगी. जुर्माना नहीं भरने पर इन्हें भी दो साल अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. आइएएस फूलचंद सिंह को भी सात साल सश्रम कैद (दोनों धाराओं में साढ़े तीन-साढ़े तीन साल) और 30 लाख रुपये आर्थिक दंड की सजा सुनायी.
लालू को 14 साल जेल…
आर्थिक दंड नहीं देने पर इन्हें 18 माह की साधारण सजा और भुगतनी होगी. अदालत ने पशुपालन विभाग के नौ अधिकारियों को भी आइपीसी और पीसी एक्ट के तहत सात-सात वर्ष सश्रम कारावास (दोनों धाराओं में साढ़े तीन-साढ़े तीन साल) और 30-30 लाख रुपये आर्थिक जुर्माने की सजा सुनायी है. आर्थिक दंड नहीं देने पर इन्हें भी 18-18 माह की अतिरिक्त साधारण सजा भुगतनी होगी. अदालत ने सात सप्लायरों को आइपीसी के तहत साढ़े तीन- साढ़े तीन साल के सश्रम कारावास और 15-15 लाख रुपये के आर्थिक दंड की सजा सुनायी है. आर्थिक दंड नहीं देने पर इन्हें अतिरिक्त नौ माह की साधारण सजा भुगतनी होगी.
19 मार्च को दोषी करार दिया था
विशेष न्यायाधीश शिवपाल सिंह की अदालत ने सभी दोषियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सजा सुनायी. इस दौरान लालू को छोड़ बाकी 18 दोषी जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हाजिर हुए. वहीं, लालू की ओर से उनके अधिवक्ता मौजूद थे. लालू रिम्स में इलाजरत हैं. मामले में विशेष न्यायाधीश ने सभी की सजा के बिंदु पर 21, 22 और 23 मार्च को सुनवाई पूरी की थी. अदालत ने इस मामले में 19 मार्च को फैसला सुनाया था. 12 लोगों को बरी कर दिया था. 19 आरोपियों को दोषी करार दिया था.
दुमका कोषागार से 3.13 करोड़ की फर्जी निकासी हुई थी
चारा घोटाले का यह मामला दुमका ट्रेजरी से दिसंबर 1995 और जनवरी 1996 की बीच हुई 3.13 करोड़ की फर्जी निकासी का है. दुमका थाने में फरवरी 1996 को प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. बाद में सीबीआइ ने जांच की. सीबीआइ ने 11 मई 2005 को 48 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया. इसमें नौ राजनीतिज्ञ, पांच आइएएस, एक आइआरएस, ट्रेजरी व पशुपालन विभाग के 21 अधिकारी और 12 सप्लायर शामिल थे. ट्रायल के दौरान 14 की मौत हो गयी. 34 अारोपियों में से एक सप्लायर ने अपराध कबूल कर लिया था. दो अधिकारी सरकारी गवाह बन गये. कुल 31 ने ट्रायल फेस किया.
जिनकी मौत हो गयी : भोला राम तूफानी, चंद्र देव प्रसाद वर्मा, राजो सिंह, के अरुमुगम, छट्ठू प्रसाद, राम राज राम,एसबी सिन्हा,बीबी प्रसाद, कालिका प्रसाद सिन्हा, आरके दास,राजेंद्र सिंह, एसएन सिंह,वसीमुद्दीन व महेंद्र प्रसाद
सरकारी गवाह बने : रामेश्वर चौधरी व डॉ सईद
अपराध स्वीकार किया : प्रमोद कुमार जायसवाल
चारा घोटाले में सबसे बड़ी सजा
इडी को संपत्ति की जांच की सूचना देने का सीबीआइ को निर्देश
संपत्ति की नीलामी से मिली राशि सरकारी खजाने में जमा करने का आदेश
लालू को दो अलग-अलग धाराओं में मिली सात-सात साल की कैद, अलग-अलग चलेगी दोनों सजा
ऐसे समझें लालू की सजा को
लालू प्रसाद काे आइपीसी एक्ट की धारा 420 (आपराधिक साजिश), 409 (सरकारी राशि का गबन), 467 (फर्जीवाड़ा), 468 (फर्जीवाड़ा, चिटिंग), 471 (फर्जीवाड़ा, चिटिंग), 477ए (गलत तरीके से लेखा तैयार करना) और 120बी (साजिश) के तहत सात साल सश्रम कारावास व 30 लाख दंड. दंड नहीं देने पर एक साल की अतिरिक्त सजा
प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 120बी सह पठित धारा 13(2), 13(1) सी डी के तहत सात साल की सजा और 30 लाख रुपये का जुर्माना. जुर्माना नहीं देने पर एक साल अतिरिक्त सजा
तीन मामलों में मिल चुकी है सजा
1
31 सितंबर 2013
आरसी 20/96
सजा : 05 साल
2
23 दिसंबर 2017
आरसी 64ए/96
सजा : 3.6 साल
3
24 जनवरी 2018
आरसी 68/96
सजा : 05 साल
तो जेल में काटना पड़ सकता है 19 साल
लालू प्रसाद को चारा घोटाले में इससे पहले तीन बार सजा सुनायी जा चुकी है. ये सारी सजाएं साथ-साथ चल रही हैं. इनमें अधिकतम पांच साल की सजा है. चौथे मामले में 24 मार्च को उन्हें 14 साल की सजा सुनायी गयी. ये सजा अलग से चलेगी.
लालू के वकीलों के अनुसार, सजा को साथ-साथ चलाने की अर्जी दी जायेगी. यह मंजूर होती है, तो लालू को 14 साल की ही सजा काटनी होगी. नामंजूर होने पर 19 साल की सजा काटनी पड़ सकती है.
कुल 19 लोगों को िमली सजा
नाम सजा जुर्माना(रु में) दंड नहीं देने पर
नेता (01)
लालू प्रसाद (पूर्व सीएम) 14 साल 60 लाख 02 साल
आइएएस अधिकारी (01)
फूल चंद सिंह (पूर्व सचिव) 07 साल 30 लाख 18 माह
पशुपालन अधिकारी (10)
ओपी दिवाकर (पूर्व क्षेत्रीय निदेशक) 14 साल 60 लाख 02 साल
विमल कांत दास (पूर्व वेटनरी ऑफिसर) 07 साल 30 लाख 18 माह
केके प्रसाद (पूर्व वेटनरी ऑफिसर) 07 साल 30 लाख 18 माह
 पेज 17 भी देखें
कुल 19 लोगों को िमली सजा
नाम सजा जुर्माना(रु में) दंड नहीं देने पर
मनोरंजन प्रसाद (पूर्व वेटनरी ऑफिसर) 07 साल 30 लाख 18 माह
नंद किशोर प्रसाद(पूर्व वेटनरी ऑफिसर) 07 साल 30 लाख 18 माह
पितांबर झा(पूर्व वेटनरी ऑफिसर) 07 साल 30 लाख आर्थिक दंड 18 माह
रघुनंदन प्रसाद(पूर्व वेटनरी ऑफिसर) 07 साल 30 लाख आर्थिक दंड 18 माह
राधा मोहन मंडल(पूर्व वेटनरी ऑफिसर) 07 साल 30 लाख आर्थिक दंड 18 माह
एसके दास(पूर्व असिस्टेंट) 07 साल 30 लाख आर्थिक दंड 18 माह
पंकज मोहन भुई(पूर्व वेटनरी ऑफिसर) 07 साल 30 लाख आर्थिक दंड 18 माह
सप्लायर (07)
अरुण कुमार सिंह साढ़े तीन साल 15 लाख 09 माह
अजीत वर्मा साढ़े तीन साल 15 लाख 09माह
गोपी नाथ दास साढ़े तीन साल 15 लाख 09माह
एमएस बेदी साढ़े तीन साल 15 लाख 09माह
नरेश प्रसाद साढ़े तीन साल 15 लाख 09माह
राज कुमार शर्मा साढ़े तीन साल 15 लाख 09 माह
आरके बगाड़िया साढ़े तीन साल 15 लाख 09 माह