मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री, विधायक और पार्टी अध्यक्ष के पास लगा रहे हैं दौड़
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प्रत्याशी के पिता, पति हो या देवर सबको चाहिए पार्टियों का फेवर
मुख्यमंत्री से लेकर मंत्री, विधायक और पार्टी अध्यक्ष के पास लगा रहे हैं दौड़ नगर निकाय चुनाव में मेयर, डिप्टी मेयर, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए चाहिए पार्टी से टिकट रांची : झारखंड के 34 नगर निकायों में चुनाव का बिगुल बज चुका है. नामांकन आरंभ हो चुका है. प्रत्याशी अपनी-अपनी गोटी सेट करने […]
नगर निकाय चुनाव में मेयर, डिप्टी मेयर, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
पद के लिए चाहिए पार्टी से टिकट
रांची : झारखंड के 34 नगर निकायों में चुनाव का बिगुल बज चुका है. नामांकन आरंभ हो चुका है. प्रत्याशी अपनी-अपनी गोटी सेट करने में लगे हैं. मतदाताओं के बीच जाने से पहले अधिकतर प्रत्याशी अपनी-अपनी पार्टी से समर्थन लेने के लिए दौड़ लगा रहे हैं. इस बार राज्य सरकार ने नगर निगम के मेयर, डिप्टी मेयर, नगर पर्षद व नगर पंचायत के अध्यक्ष व उपाध्यक्ष का चुनाव पार्टी के आधार पर करने का प्रावधान कर दिया है. यानी इन पदों पर वही चुनाव लड़ेंगे जिन्हें पार्टी टिकट देगी.
हालांकि निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र हैं. मेयर, डिप्टी मेयर, अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशी इस फिराक में हैं कि पार्टी से किसी तरह टिकट मिल जाये. भाजपा, कांग्रेस, झामुमो, झाविमो के कार्यकर्ता अपनी पार्टी के बड़े नेताओं के पास गोटी सेट कर रहे हैं. उन्हें विश्वास दिला रहे हैं कि उन्हें टिकट दिया जाये तो वे सीट निकाल लेंगे. वहीं बड़ी पार्टियां यह दुविधा में है कि किसे टिकट दे, किसी नहीं. क्योंकि एक ही सीट से चार-चार, पांच-पांच दावेदार हो जा रहे हैं.
खुद नहीं लड़ सकते तो बेटी, पत्नी और भाभी के लिए लगा रहे जुगाड़ : नगर निकाय चुनाव में 50 फीसदी के करीब सीट महिलाओं के लिए आरक्षित है. ऐसें में पूर्व से चुनाव की तैयारी कर रहे प्रत्याशी तब परेशानी में पड़ गये जब सीट महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया. अब किसी तरह अपनी बेटी, पत्नी को आगे कर रहे हैं. जो कुंवारे हैं वो अब अपनी भाभी या मां को टिकट दिलाने में लगे हुए हैं. रांची के मंत्री, एक विधायक और एक पूर्व सांसद के यहां सुबह से ही भीड़ जुटने लगती है.
हालांकि पार्षदों का चुनाव पार्टी के सिंबल पर नहीं हो रहा है. फिर भी प्रत्याशी अप्रत्यक्ष रूप से अपनी-अपनी पार्टी का समर्थन चाह रहे हैं. ताकि उनके खिलाफ उनकी ही पार्टी का दूसरा उम्मीदवार न खड़ा हो. अहले सुबह से ही मंत्री के यहां संभावित प्रत्याशी अपनी पत्नी, बेटी, मां या भाभी को लेकर जा रहे हैं कि मंत्री केवल समर्थन दे दें, तो चुनावी मैदान में उतर सकें. हालांकि मंत्री, विधायक या पूर्व सांसद इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि किसी एक को समर्थन करते हैं तो दूसरा कार्यकर्ता नाराज हो जायेगा. इसलिए फिलहाल रांची के ये नेता चुप हैं. जिन्हें समर्थन देना है उन्हें मौन समर्थन दे रहे हैं.
मुख्यमंत्री के पास ही जाकर ठोंक दी दावेदारी
इधर, भाजपा के कार्यकर्ता मेयर, डिप्टी मेयर, अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने के लिए मुख्यमंत्री या पार्टी अध्यक्ष के पास भी दौड़ लगा रहे हैं. मुख्यमंत्री से समर्थन मिलने पर टिकट पक्का मान रहे हैं. भाजपा नगर मंडल गढ़वा के एक कार्यकर्ता चंदन सचिन जायसवाल ने शनिवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास से मिलकर नगर परिषद गढ़वा में उपाध्यक्ष पद की उम्मीदवारी के लिए दावा ठोंक दिया. मुख्यमंत्री को आवेदन देते हुए एक तस्वीर भी उन्होंने फेसबुक पर डालते हुए लिखा है कि उम्मीदवारी के लिए निवेदन किया है.
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