रांची : माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात का कहना है कि खूंटी में पत्थलगड़ी ठीक है. लेकिन इसके नाम पर शिक्षा, स्वास्थ्य या विकास योजनाओं को रोकने का प्रयास गलत है. खूंटी में पेसा कानून के तहत सरकार को काम करना चाहिए.
वहां पांचवीं अनुसूची के प्रावधान का हनन हुआ. सरकार ने राजधानी से सटे जिले के विकास के लिए ठोस प्रयास नहीं किया. यही कारण है जनता त्रस्त होकर ऐसा कर रही है. खूंटी में ग्राम सभा की अनुमति के बिना कोई नयी योजना नहीं ली जानी चाहिए. आरएसएस वहां द्वंद फैलाती रही. श्रीमती करात बुधवार को पार्टी कार्यालय में प्रेस से बात कर रही थीं.
उन्होंने कहा कि भाजपा विकास के नाम पर गुमला जिले को अशांत करने में लगी है. वहां चार-चार प्रोजेक्ट के नाम पर लाखों ग्रामीणों को विस्थापित करना चाहती है. इसके लिए चार लाख हेक्टेयर जमीन लेने की तैयारी हो रही है.
मोदी-शाह का घमंड टूटा : श्रीमती करात ने कहा कि उप चुनाव के नतीजे ने मोदी-शाह का घमंड तोड़ दिया है.भाजपा और आरएसएस केवल चुनाव जीतने की मशीन की तरह काम करना चाहती है. त्रिपुरा सहित तमाम क्षेत्रों में मोदी की टीम ने पैसा और तंत्र का दुरुपयोग कर चुनाव जीता है. वामदल त्रिपुरा के चुनावी नतीजों की समीक्षा कर रहा है. 45 फीसदी वोट के साथ जनता ने जो जिम्मेदारी है, उसका निर्वहन किया जायेगा.
भाजपा को रोकने के लिए होगा वाम गठबंधन
श्रीमती करात ने कहा कि माकपा हमेशा वाम गठबंधन की बात करती रही है. आनेवाले समय में केंद्र में भाजपा को रोकने के लिए हम गठबंधन भी करेंगे. अन्य दलों के साथ भी चुनावी रणनीति पर बात कर आगे बढ़ेंगे. इस मौके पर माकपा के राज्य सचिव गोपीकांत बख्शी और राज्य सचिव मंडल सदस्य प्रकाश विप्लव भी मौजूद थे.