रांची: आंखों की बीमारी से पीड़ित मरीजों के लिए एक अच्छी खबर है. रिम्स में अत्याधुनिक मशीन के जरिये आंखों की गंभीर बीमारी का इलाज संभव हो पायेगा. रिम्स के नेत्र विभाग में अब लेजर से आंखों की बीमारियों का इलाज होगा. रिम्स में यह सुविधा उपलब्ध होने के बाद अब मरीजों को निजी अस्पतालों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. लेजर से इलाज की सुविधा आगामी 10 जुलाई से शुरू हो जायेगी. विभाग में मशीनों को लगाने की प्रक्रिया चल रही है.
इन बीमारियों का सस्ते में होगा इलाज
डायबिटिक रेटीनोपैथी
परदा में सूजन
ग्लूकोमा
हायरटेंसिक सजर्री
आंखों की एंजियोग्राफी
निजी अस्पताल में 35 हजार खर्च, रिम्स में नि:शुल्क
रिम्स में लेजर से इलाज की सुविधा मरीजों को नि:शुल्क दी जायेगी. मरीज को सामान्य जांच के लिए मामूली राशि ही खर्च करनी पड़ेगी, जबकि निजी अस्पताल में लेजर से इलाज के लिए मरीजों को प्रति सिटिंग पांच से छह हजार रुपये चुकाने पड़ते हैं. इलाज में एक मरीज को चार से पांच सिटिंग आना पड़ता है. यानी निजी अस्पताल इलाज के लिए 30 से 35 हजार रुपये खर्च होते हैं.
कोयंबटूर गये रिम्स के चिकित्सक
लेजर विंग को संचालित करने के लिए चिकित्सकों को प्रशिक्षित करने की प्रक्रिया चल रही है. रिम्स से डॉ राहुल कुमार को कोयंबटूर स्थित मेडिकल कॉलेज प्रशिक्षण के लिए भेजा गया है. वहां वह दो माह तक लेजर से होनेवाली बीमारी की नयी तकनीक की जानकारी प्राप्त करेंगे. वह जुलाई के प्रथम सप्ताह में रिम्स लौटेंगे. इसके बाद यह सेवा शुरू कर दी जायेगी.
लेजर से इलाज दो माह बाद शुरू कर दिया जायेगा. चिकित्सक को यहां से कोयंबटूर प्रशिक्षण के लिए भेजा गया है. आंखों की कई गंभीर बीमारियों का इलाज यहां संभव हो पायेगा.
डॉ एसएन चौधरी, विभागाध्यक्ष नेत्र विभाग