Advertisement
रांची : अधिकारियों पर कोर्ट नाराज, कहा सिर्फ कागज पर हो रहा है काम
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में बुधवार को जुवेनाइल जस्टिस एक्ट को झारखंड में पूर्ण रूप से लागू करने काे लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए सरकार के अधिकारियों की कार्यशैली पर नाराजगी जतायी. खंडपीठ ने माैखिक रूप से टिप्पणी करते […]
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में बुधवार को जुवेनाइल जस्टिस एक्ट को झारखंड में पूर्ण रूप से लागू करने काे लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस रत्नाकर भेंगरा की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए सरकार के अधिकारियों की कार्यशैली पर नाराजगी जतायी. खंडपीठ ने माैखिक रूप से टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि नाैकरशाही का काम कागज पर चल रहा है.
इस मामले में अधिकारियों ने कोई रचनात्मक काम नहीं किया है. कार्य जमीन पर दिखना चाहिए था. ट्रैफिकिंग से रेस्क्यू किये गये बच्चों का पुनर्वास ग्रास रूट स्तर पर दिखता नहीं है. खंडपीठ ने पूछा कि अब तक स्टैंडर्ड अॉपरेटिंग प्रोसिज्योर (एसअोपी) क्यों नहीं बना कर लागू किया गया. देवघर में गर्ल्स चाइल्ड शेल्टर होम है. राज्य के अन्य जिलों में निर्माण की क्या स्थिति है. कार्य धीमी गति से क्यों चल रहा है. आप जहां थे, थोड़ा भी आगे नहीं बढ़ पाये हैं.
वैसी स्थिति में बचपन बचाने के उद्देश्य की पूर्ति नहीं हो पा रही है. खंडपीठ ने कहा कि अगली सुनवाई के पूर्व तक यदि सकारात्मक कदम नहीं उठाये गये, तो अधिकारियों के खिलाफ कोर्ट सख्त आदेश पारित करेगा. राज्य सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया. खंडपीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 14 मार्च की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व राज्य सरकार की अोर से अधिवक्ता राजीव रंजन मिश्रा ने खंडपीठ को बताया कि सरकार द्वारा एसअोपी तैयार कर ली गयी है. आैपचारिकताएं पूरी कर ली गयी है. स्वीकृति के लिए उसे कैबिनेट में भेजा जाना है. स्वीकृति मिलने के बाद उसे लागू कर दिया जायेगा. उल्लेखनीय है कि प्रार्थी बचपन बचाअो आंदोलन की अोर से जनहित याचिका दायर की गयी है.
रांची : फैमिली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश बीके गौतम की अदालत में राष्ट्रीय निशानेबाज तारा शाहदेव की शादी को गलत साबित करने के मामले में सुनवाई हुई. इस मामले में तारा शाहदेव की गवाही हुई़ तारा शाहदेव के पूर्व पति रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल ने इस मामले में खुद बहस की. इस दौरान रकीबुल ने तारा शाहदेव से कई उलटे-पुलटे सवाल किये. उसने पूछा कि आपकी स्कूलिंग कहां से हुई है, आप किस कॉलेज में थीं और अापने कहां तक पढ़ाई की है.
आपका फैमिली बैक ग्राउंड क्या है़ इस पर तारा शाहदेव के अधिवक्ता ने आपत्ति जतायी, तो अदालत ने रकीबुल को इस तरह के बेतुका सवाल करने पर फटकार लगायी़ उसने अदालत से कहा कि विवाह को गलत बताने के लिए जो दस्तावेज तारा शाहदेव की ओर से मुझे मिला है, उसे मैं पढ़ नहीं पाया हू़ं दस्तावेज को पढ़ने के लिए मुझे समय दिया जाये. अदालत ने उसकी बात को मानते हुए उसे समय प्रदान कर दिया. अब मामले की अगली सुनवाई 16 फरवरी को होगी. इस दौरान तारा शाहदेव के भाई ऋषि शाहदेव, अद्वेत शाहदेव सहित परिवार के कई लोग मौजूद थे़
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement