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झारखंड : कौशल विकास की स्थिति, फ्रंटलाइन ग्लोबल सर्विसेस के हॉस्टल में जेल जैसा माहौल
हॉस्टल में बिजली भी नहीं, पठन-पाठन की हालत भी बदतर संजय रांची : जिला कौशल विकास पदाधिकारी के नेतृत्व में एक जांच दल ने 28 अगस्त 2017 को एक संस्थान (टीएसपी) फ्रंटलाइन ग्लोबल सर्विसेस प्रालि, पिस्का मोड़ का निरीक्षण किया था. सक्षम झारखंड कौशल विकास योजना के तहत यह संस्थान प्रशिक्षण दे रहा है. इस […]
हॉस्टल में बिजली भी नहीं, पठन-पाठन की हालत भी बदतर
संजय
रांची : जिला कौशल विकास पदाधिकारी के नेतृत्व में एक जांच दल ने 28 अगस्त 2017 को एक संस्थान (टीएसपी) फ्रंटलाइन ग्लोबल सर्विसेस प्रालि, पिस्का मोड़ का निरीक्षण किया था.
सक्षम झारखंड कौशल विकास योजना के तहत यह संस्थान प्रशिक्षण दे रहा है. इस जांच ने रिटेल तथा एफएंडबी ट्रेड में ट्रेनिंग देनेवाले इस संस्थान के प्रशिक्षण तथा छात्रावास में उपलब्ध सुविधाओं की पोल खोल दी थी. लड़कियों के हॉस्टल में बिजली नहीं थी और न ही कोई बल्ब. वहां दिन में भी अंधेरा था. जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में लिखा था कि हॉस्टल का खाना व माहौल जेल की तरह था. मजबूरी में लड़के-लड़कियां बाहर से खाना खरीदते थे.
गौरतलब है कि सरकार संस्थान को प्रति प्रशिक्षु प्रति दिन 200 रुपये देती है. जांच के दिन सेंटर मैनेजर अर्णव झा संस्थान से गायब थे. वहां जो भी शिक्षक मिले, उनमें से कोई प्रशिक्षक के लिए जरूरी ट्रेनिंग अॉफ ट्रेनर्स (टीओटी) प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं था. प्रशिक्षु लड़कों ने जांच दल को बताया था कि गत छह माह के दौरान उनके कंप्यूटर तथा सॉफ्ट स्किल का प्रैक्टिकल कभी नहीं हुआ.
क्लास रूम में रखे कंप्यूटर कई माह से खराब थे. दरअसल जांच दल ने पाया कि वहां रखे सभी कंप्यूटर महज शो-केस थे. वहीं सप्ताह भर से बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम से अटेंडेंस नहीं लिया जा रहा था. मैनुअल अटेंडेंस रजिस्टर तो वहां मिला, पर वह ठीक से मेंटेन नहीं था. अटेंडेंस शीट में इन टाइम, आउट टाइम कॉलम नहीं था.
कार्रवाई नहीं : इतने बड़े पैमाने पर गड़बड़ी मिलने के बावजूद मिशन के कुछ लोगों ने इस संस्थान को बचा लिया. यह संस्थान आज भी संचालित है. अगस्त माह में जांच के करीब तीन माह बाद छह नवंबर को फ्रंटलाइन ग्लोबल सर्विसेस की ओर से मिशन निदेशक को एक पत्र लिख कर फिर से निरीक्षण का आग्रह किया गया था. यह अजीब मामला है, जिसमें दोषी पर कार्रवाई के बजाय उसे फिर से मौका दिया गया. हालांकि ऐसे ही मामले में बुंडू में संचालित संस्था मास इंफोटेक का करार रद्द कर दिया गया था.
फ्रंटलाइन ग्लोबल सर्विसेस को विगत तीन माह से बंद करने के उपरांत वर्तमान में सुधारात्मक कार्रवाई के साथ शुरू कराया गया है.
रवि रंजन, मिशन निदेशक (झारखंड कौशल विकास मिशन सोसाइटी)
ये गड़बड़ी भी मिली थी
कोई शिक्षक टीओटी नहीं
सीसीटीवी संचालित नहीं था
क्लास रूम तथा लैब में मानक के अनुरूप जगह नहीं थी
प्रयोगशाला में कोई टूल या उपकरण नहीं था
क्लास रूम में सिपेज था, वहां बाल्टी लगी थी
क्लास रूम का पंखा खराब था
एक बेंच पर तीन छात्र बैठे थे
छात्रावास दो किमी दूर, पर आने-जाने की सुविधा नहीं
100 वर्ग फुट के कमरे में छह-सात लड़कियां सोती थीं
गर्ल्स हॉस्टल में कोई सुरक्षा प्रहरी या वार्डन नहीं
हॉस्टल में लड़के जमीन पर सोते थे
हॉस्टल के कमरे व टॉयलेट बेहद गंदे
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