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एचइसी में बनेगा न्यूक्लियर पावर रिएक्टर का उपकरण
नया अध्याय : रूस की कंपनी रोसाटन देगी तकनीक राजेश झा रांची : देश को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में एचइसी भी सहयोग करेगा. एचइसी आनेवाले समय में न्यूक्लियर पावर रिएक्टर का उपकरण बनायेगा. इसके लिए रूस की कंपनी रोसाटन तकनीक व डिजाइन मुहैया करायेगी. यह जानकारी रविवार को एचइसी के सीएमडी अभिजीत […]
नया अध्याय : रूस की कंपनी रोसाटन देगी तकनीक
राजेश झा
रांची : देश को बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में एचइसी भी सहयोग करेगा. एचइसी आनेवाले समय में न्यूक्लियर पावर रिएक्टर का उपकरण बनायेगा. इसके लिए रूस की कंपनी रोसाटन तकनीक व डिजाइन मुहैया करायेगी. यह जानकारी रविवार को एचइसी के सीएमडी अभिजीत घोष ने दी है.
श्री घोष ने बताया कि ओकेबीएम की अनुषंगी कंपनी रोसाटन व सिनेटमास है. ओकेबीएम के एक प्रतिनिधिमंडल ने नवंबर में एचइसी का दौरा किया था. उस दौरान सहमति बनी थी कि रोसाटन कंपनी एचइसी को न्यूक्लियर पावर रिएक्टर के लिए तकनीक व डिजाइन देगी.
श्री घोष ने बताया कि मेक इन इंडिया की तर्ज पर न्यूक्लियर पावर रिएक्टर के लिए उपकरण तैयार किया जायेगा. एचइसी में न्यूक्लियर पावर रियेक्टर के लिए 30 प्रतिशत कार्य होगा. शेष कार्य अन्य कंपनियों द्वारा किया जायेगा.
श्री घोष ने बताया कि एचइसी तीन, चार, पांच व छह नंबर के न्यूक्लियर रिएक्टर के लिए उपकरण बनायेगा. न्यूक्लियर पावर प्लांट तमिलनाडु के कुडनकुलम में लगाया जायेगा. एचइसी में यह कार्य मार्च के अंत से शुरू करने की संभावना है. रोसाटन कंपनी एचइसी के प्लांटों में कुछ नयी तकनीक भी लगायेगा, जिससे कार्य सुगमता से हो सके.
ओकेबीएम का तीन सदस्यीय दल आया था एचइसी
गौरतलब है कि रूसी कंपनी ओकेबीएम के तीन सदस्यीय दल ने 29 अक्तूबर से तीन नवंबर तक एचइसी का दौरा किया था. अधिकारियों ने एचइसी प्लांटों का भ्रमण किया व उपलब्ध संसाधन के बारे में जानकारी प्राप्त की थी. इसके बाद एचइसी के सीएमडी अभिजीत घोष के नेतृत्व में अधिकारियों के साथ बैठक की थी.
पानी जहाज की तकनीक देने पर भी बनी है सहमति
श्री घोष ने बताया कि रूसी कंपनी सिनेटमास के साथ थर्मल पावर, पानी जहाज के लिए तकनीक देने पर भी सहमति बनी है. सिनेटमास के सहयोग से एचइसी में कॉमन इंजीनियरिंग फैसिलिटी सेंटर खोला जायेगा. इसके लिए सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गयी हैं.
सेंटर का प्रथम सत्र निफ्ट में 2018-19 में शुरू हो जायेगा. इसके लिए सिनेटमास द्वारा पाठ्यक्रम भी उपलब्ध करा दी गयी है. श्री घोष ने कहा कि वर्ष 2018 एचइसी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. एचइसी में आधुनिकीकरण व प्लांटों के जीर्णोद्धार के साथ-साथ एचइसी रेलवे, सोलर पैनल, स्टील के क्षेत्र में नवीनतम तकनीक से उपकरण बनायेगा.
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