रांची : कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए राहुल गांधी ने अपना नामांकन भरा है, चूंकि अन्य किसी ने भी अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन नहीं भरा है, इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि राहुल गांधी लगभग कांग्रेस के अध्यक्ष बन चुके हैं. ऐसे में यह सवाल लाजिमी है कि क्या राहुल गांधी कांग्रेस के तारणहार साबित होंगे? इस सवाल के जवाब में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि अगर राहुल गांधी मेहनत करेंगे तो वह पार्टी को मजबूत कर सकते हैं और कांग्रेस की खोई प्रतिष्ठा उसे फिर प्राप्त हो सकती है. मरांडी ने कहा कि वे युवा हैं और उनसे लोगों की उम्मीदें जुड़ीं हैं, इसलिए राहुल चाहें तो वे अपनी पार्टी के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं.
गुजरात में राहुल गांधी के हिंदू होने या ना होने के मुद्दे को उठाये जाने पर मरांडी ने कहा कि सरकार मुख्य मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने के लिए ऐसा करती है. नरेंद्र मोदी ने जनता से कई वादे किये थे, जिन्हें वो आज तक पूरा नहीं कर पाये हैं, ऐसे में जनता अगर उनसे सवाल करेगी तो इसका असर गुजरात चुनाव में दिख सकता है, इसलिए लोगों को मुद्दों से भटकाने के लिए राहुल को निशाना बनाया जा रहा है.
प्रभात खबर डॉट कॉम से बात करते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मोदी सरकार में असहिष्णुता जिस तरह से बढ़ी है, मुझे ऐसा लगता है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की स्थिति खराब होगी. 2014 के लोकसभा चुनाव में जैसी स्थिति कांग्रेस की हुई उससे भी खराब स्थिति भाजपा की हो सकती है.
भाजपा छोड़ने के अपने फैसले पर मरांडी ने कहा कि मैंने बहुत सही फैसला किया था. मैं राजनीति में इसलिए हूं ताकि गरीब और दबे-कुचलों की आवाज बन सकूं. भाजपा में रहकर यह संभव नहीं था, चुनाव में हार-जीत मेरे लिए बहुत मायने नहीं रखती है. इसलिए मैं तो यही कहूंगा कि भाजपा का साथ छोड़कर मैंने बहुत सही फैसला किया था.
मैंने भाजपा से अलग होकर अलग पार्टी ही इसलिए बनायी ताकि मैं गरीबों और वंचितों की आवाज बन सकूं और इस काम में मैं जुटा हूं. आज झारखंड में रघुवर दास की सरकार जिस तरह से काम कर रही है उसमें गरीबों और वंचितों की आवाज को दबाया जा रहा है. यह कहीं से भी गरीबों की सरकार नहीं मालूम पड़ती है. झारखंड स्थापना दिवस के दिन एक ओर तो गरीबों का गृह प्रवेश कराया जा रहा था वहीं दूसरी ओर गिरिडीह में वर्षों से बसे लोगों को उजाड़ा जा रहा था. 22 नवंबर को गरीबों को उजाड़ा गया, जबकि वे सरकार द्वारा दिये गये जमीन पर ही रह रहे थे. आज सरकार ने जीएम लैंड को रद्द कर दिया है, जिससे वर्षों से वहां घर बनाकर रह रहे लोग बेघर हो गये हैं. ऐसे में आप कैसे इस सरकार को गरीबों की सरकार कह सकते हैं.