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राज्य विकास परिषद: बैठक में निर्धारित किया गया लक्ष्य, विकास के लिए तीन साल का विजन डॉक्यूमेंट तैयार

रांची: प्रोजेक्ट भवन सभागार में बुधवार को राज्य विकास परिषद की बैठक हुई. बैठक में राज्य के विकास को लेकर मंथन हुआ. तीन वर्षीय कार्य योजना (विजन डॉक्यूमेंट 2021) तैयार की गयी. बैठक के बाद राज्य विकास परिषद के सदस्य टी नंदकुमार ने बताया, विजन डॉक्यूमेंट 2021 अनोखा दस्तावेज है. केंद्र या किसी राज्य सरकार […]

रांची: प्रोजेक्ट भवन सभागार में बुधवार को राज्य विकास परिषद की बैठक हुई. बैठक में राज्य के विकास को लेकर मंथन हुआ. तीन वर्षीय कार्य योजना (विजन डॉक्यूमेंट 2021) तैयार की गयी. बैठक के बाद राज्य विकास परिषद के सदस्य टी नंदकुमार ने बताया, विजन डॉक्यूमेंट 2021 अनोखा दस्तावेज है. केंद्र या किसी राज्य सरकार ने अब तक इस तरह का दस्तावेज नहीं बनाया है. इसे आनेवाले बजट से लिंक किया जायेगा. बजट इसी के अनुरूप बनेगा. यह दस्तावेज सरकार के लिए नहीं, बल्कि राज्य की जनता के लिए तैयार किया गया है.
विकास योजनाओं का लक्ष्य निर्धारित : उन्होंने कहा : विजन 2021 में तीन साल के लिए विकास योजनाओं का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. पूरी कार्य योजना को 12 क्षेत्रों में बांटा गया है. इन क्षेत्रों में ग्रामीण समृद्धि व जीवन की गुणवत्ता, किसानों की आमदनी दो गुनी करनी, समावेशी विकास, बेहतर शहरी जीवन, सभी तक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, कुशल कार्य बल, सुलभ व गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं, शुद्ध पेयजल, ऊर्जा की उपलब्धता, परिवहन सुविधा, महिला सशक्तीकरण व बाल विकास और रोजगारोन्मुखी औद्योगिक विकास शामिल हैं.
तीन हिस्सों में बांटा गया है डॉक्यूमेंट : उन्होंने कहा : डॉक्यूमेंट को तीन हिस्सों में बांटा गया है. पहले में विस्तृत कार्य योजना, दूसरे में मॉनीटरिंग और तीसरे हिस्से में स्कीम को शामिल किया गया है. इसकी प्रति मुख्यमंत्री को सौंप दी गयी है. सभी विधायकों और सांसदों को भेजी जायेगी.
मुख्यमंत्री एक माह के अंदर इस पर अंतिम निर्णय लेंगे. विभागीय सचिवों को इस पर 15 दिन के अंदर अपनी राय देने को कहा गया है.
लक्ष्य हासिल करने के लिए संसाधनों की व्यवस्था भी : उन्होंने कहा : विजन डॉक्यूमेंट में निर्धारित लक्ष्य हासिल करने के लिए संसाधनों की व्यवस्था भी की गयी है. इसे क्रियान्वित करने के लिए सरकार अपने संसाधनों व केंद्रीय सहायता के अलावा पीपीपी और सीएसआर के माध्यम से राशि की व्यवस्था करेगी. उन्होंने कहा : तीन साल की इस योजना में विकास का लक्ष्य सामान्य से अधिक निर्धारित किया गया है. विकास आयुक्त अमित खरे ने कहा कि सभी पक्षों की बात सुनने और जानकारी जुटाने के बाद राज्य विकास परिषद ने इस विजन डाॅक्यूमेंट को तैयार किया है. अगले वित्तीय वर्ष का बजट इसी के आधार पर बनेगा.
मद 2017 में 2020-21 में
घरों में बिजली (ग्रामीण) 43% 100%
पाइप लाइन जलापूर्ति (ग्रामीण) 30% 50%
कम कीमत पर मकान (ग्रामीण) 56% 90%
खुले में शौच से मुक्त 92% 100%
किसानों की आमदनी (रु में) 59000 105000
सिंचाई क्षमता का उपयोग (लाख हे.) 5.03 8.00
दूध उत्पादन (प्रति किलो/जानवर/दिन) 1.59 2.25
घरों में बिजली (शहरी) 97% 100%
कूड़ा उठाव (शहरी) 30% 100%
नामांकन अनुपात 99.7% 100%
शिशु मृत्यु दर (प्रति हजार) 32 25
मातृ मृत्यु दर (प्रति हजार) 208 175
बैठक में थे : बैठक में मुख्यमंत्री के अलावा राज्य विकास परिषद के सदस्य टी नंद कुमार, मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, विकास आयुक्त अमित खरे, उद्योग सचिव सुनील कुमार बर्णवाल, अर्थशास्त्री प्रो रमेश शरण समेत सभी विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रधान सचिव, सचिव समेत अन्य वरीय पदाधिकारी.
बैठक में बोले मुख्यमंत्री रघुवर दास एक साल का रोडमैप तैयार करें
रांची. बैठक में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा : पिछले तीन वर्षों में झारखंड में बहुत अच्छे काम हुए हैं. भारत सरकार के कई मानकों पर झारखंड की स्थिति टॉप टेन में है. डेवलेपमेंट का तभी महत्व होगा, जब डिलिवरी हो. बजट में तय राशि खर्च करना और विकास का परिणाम प्राप्त करना ही सफलता है. योजनाओं का कार्यान्वयन सबसे महत्वपूर्ण है, तभी जनता को पूरा लाभ मिलेगा. मुख्यमंत्री ने कहा : एडवांस प्लानिंग करना बहुत जरूरी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 15 वर्ष का विजन, सात वर्ष की रणनीति और तीन वर्षीय कार्य योजना बना कर काम करने का आह्वान किया है. इसे ध्यान में रखते हुए ही मुख्यमंत्री बनने के बाद झारखंड में राज्य विकास परिषद का गठन किया. इस कमेटी ने तीन साल की कार्य योजना तैयार करके दी है. सभी मंत्रियों से बात कर विभागीय सचिव अपने-अपने सुझाव 15 दिन में दें. इसके बाद कार्ययोजना को अंतिम रूप देकर एक साल का रोडमैप तैयार करें. इसे धरातल पर उतारा जायेगा.
पिछड़े प्रखंडों व पंचायतों की सूची बनायें : मुख्यमंत्री ने कहा : विकास में पिछड़े राज्य के छह जिलों को पहले ऊपर लाना है. इन जिलों में कौन सा प्रखंड व पंचायत ज्यादा पिछड़ा है, इसकी सूची बनायी जाये. इन प्रखंडों-पंचायतों में क्या समस्या है, उसे तैयार करें, तभी योजनाएं लागू करने में आसानी होगी. योजनाएं टुकड़ों में न बनायें. अंब्रेला योजनाएं बनायें. इसे लागू करने के लिए एक-एक साल का रोडमैप बनायें. हर तीन माह में उपलब्धियों की समीक्षा करें, तो परिणाम जल्द सामने आयेगा. थोड़ी सी मेहनत से काफी सुधार आ जायेगा. हमें समर्पण व जुनून के साथ काम करना होगा. हमें तीव्र विकास करना है. विकास समाज के हर वर्ग तक पहुंचे, इसे सुनिश्चित करें.
कार्य योजना से स्पष्ट दिशा मिलेगी : राजबाला
मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने कहा : कार्य योजना से स्पष्ट दिशा मिलेगी. परिणामोन्मुख रोडमैप तैयार कर पूरे समर्पण से कार्य करने की आवश्यकता है. विकास आयुक्त अमित खरे ने कहा : वर्ष 2018-19 के बजट से पूर्व त्रि-वर्षीय कार्य योजना से यह लाभ होगा कि सभी विभाग अपने बजट प्रस्ताव में इसे सम्मिलित कर सकेंगे.
2021 के अंत में ऐसा होगा झारखंड
राज्य विकास परिषद द्वारा तैयार तीन वर्षीय कार्ययोजन के लागू होने पर वर्ष 2021 के अंत तक राज्य की तस्वीर बदल जायेगी. यहां गांव में भी 22 घंटे बिजली होगी. गांव की आधी आबादी की आमदनी कम से कम 50 प्रतिशत बढ़ जायेगी. शहरों के जीवन स्तर में व्यापक सुधार होगा. शिक्षा और स्वास्थ्य के साथ साथ परिवहन की सुविधाएं भी बेहतर होगी. कुल मिला कर राज्य में हर तरफ खुशहाली होगी.
– 18 लाख ग्रामीण परिवारों की आमदनी 50 प्रतिशत बढ़ जायेगी
– सभी गांव खुले में शौच से मुक्त होंगे
-90 प्रतिशत परिवारों के पास पक्के मकान होंगे
-गांव में भी 22 घंटे बिजली मिलेगी
-बैंकों की 1600 नयी शाखाएं होंगी
– 100 प्रतिशत लाभुकों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिलेगी
– चार लाख हेक्टेयर परती जमीन पर खेती हो सकेगी
– तीन लाख किसान रेशम उत्पादन से जुड़े होंगे
– 15 लाख परिवार पशुपालन, मछली पालन जैसे पारंपरिक आमदनी के स्रोतों से जुड़े होंगे
-अनुसूूचित जनजातियों की आधी आबादी गरीबी रेखा से ऊपर होगी
– अनुसूचित जनजाति की साक्षरता दर 100 प्रतिशत होगी
– नौ आदिवासी शहीद गांव आदर्श गांव के रूप में विकसित होंगे
– सभी शहरी परिवारों को सुरक्षित पेयजल मिलेगा
-शहरी गरीबों के उज्ज्वल भविष्य के लिए कौशल विकास की व्यवस्था होगी
– स्मार्ट आधारभूत संरचना विकसित होगा
-साक्षरता दर 68 से बढ़ कर 90 प्रतिशत हो जायेगी
– दो से सात किलोमीटर के अंदर सभी स्कूली शिक्षा की सुविधाएं होंगी
– आठ इंजीनियरिंग व पाॅलिटेक्निक कॉलेजों में सेंटर ऑफ एक्सेलेंस होगा
– 8010 मेगावाट की उत्पादन क्षमता के साथ पर्याप्त बिजली होगी
– छह अतिरिक्त हवाई अड्डे होंगे
– सड़क दुर्घटना में मरनेवालों की संख्या 50 प्रतिशत कम होगी
-150 नये पुल और सात बाईपास होंगे
– 5000 हजार ग्रामीण उद्योग तकनीकी और वित्तीय सहायता से जुड़े होंगे
– दुमका और राजनगर में खादी पार्क होंगे
– 8.5 लाख युवा कौशल विकास में दक्ष होंगे
– बच्चों में कुपोषण 10 प्रतिशत कम होगा
– आइपीएचसी मानक को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं अपग्रेड होंगी
– स्वास्थ्य क्षेत्र के निवेश में जीडीपी के एक प्रतिशत से अधिक की वृद्धि होगी

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