समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि विकास की आत्मा सामाजिक विकास है. जब तक सामाजिक विकास नहीं होगा, विकास की परिकल्पना पूर्ण नहीं होगी. झारखंड में कुपोषण बड़ी समस्या है. 2022 तक झारखंड को कुपोषण मुक्त बनाना है. इसमें कॉरपोरेट कंपनियों के साथ ही सामाजिक संगठनों का भी सहयोग जरूरी है. उन्होंने कहा कि सामाजिक कल्याण क्षेत्र में तेजी से विकास करने के लिए 2015 में सरकार ने पहली बार देश में अनोखा प्रयोग करते हुए सीएसआर कौंसिल का गठन किया. इसमें कंपनियों द्वारा खर्च किये जानेवाले सीएसआर फंड में से राशि जमा कर राज्य सरकार की प्राथमिकताओं पर खर्च किये गये. इसका सकारात्मक असर दिखा. ओडीएफ समेत अन्य कार्यों में इस फंड से काफी सहयोग मिला. अब कुपोषण को समाप्त करने के लिए भी इस फंड से राशि खर्च करने की योजना है.
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झारखंड सरकार ने विभिन्न कंपनियों को दिया इंडस्ट्री चैंपियन अवार्ड, टाटा स्टील को सर्वाधिक चार सीसीएल को मिले दो अवार्ड
रांची: झारखंड सरकार ने कंपनियों को यह अवार्ड कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी(सीएसआर) फंड का समाज के विकास में इस्तेमाल करने के लिए दिया है. इसके लिए विभिन्न कंपनियों से अगस्त माह में ही नामांकन लिये गये थे. समारोह के दौरान अलग-अलग श्रेणियों में कुल 12 अवार्ड दिये गये, जिसमें चार अवार्ड टाटा स्टील को मिले. दो […]
रांची: झारखंड सरकार ने कंपनियों को यह अवार्ड कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी(सीएसआर) फंड का समाज के विकास में इस्तेमाल करने के लिए दिया है. इसके लिए विभिन्न कंपनियों से अगस्त माह में ही नामांकन लिये गये थे. समारोह के दौरान अलग-अलग श्रेणियों में कुल 12 अवार्ड दिये गये, जिसमें चार अवार्ड टाटा स्टील को मिले. दो अवार्ड सीसीएल को और टाटा मोटर्स, आकाशवाणी व एसीसी को भी एक-एक अवार्ड मिले.
समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि विकास की आत्मा सामाजिक विकास है. जब तक सामाजिक विकास नहीं होगा, विकास की परिकल्पना पूर्ण नहीं होगी. झारखंड में कुपोषण बड़ी समस्या है. 2022 तक झारखंड को कुपोषण मुक्त बनाना है. इसमें कॉरपोरेट कंपनियों के साथ ही सामाजिक संगठनों का भी सहयोग जरूरी है. उन्होंने कहा कि सामाजिक कल्याण क्षेत्र में तेजी से विकास करने के लिए 2015 में सरकार ने पहली बार देश में अनोखा प्रयोग करते हुए सीएसआर कौंसिल का गठन किया. इसमें कंपनियों द्वारा खर्च किये जानेवाले सीएसआर फंड में से राशि जमा कर राज्य सरकार की प्राथमिकताओं पर खर्च किये गये. इसका सकारात्मक असर दिखा. ओडीएफ समेत अन्य कार्यों में इस फंड से काफी सहयोग मिला. अब कुपोषण को समाप्त करने के लिए भी इस फंड से राशि खर्च करने की योजना है.
हर साल चुना जायेगा चार-पांच जिलों को
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2022 तक कुपोषण समाप्त करने के लिए हर साल 4-5 जिलों को चुना जायेगा, जिन्हें कुपोषण से मुक्त कराया जायेगा. सीएम ने कहा कि पोषण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए राज्य सरकार पाठ्यक्रम में भी इसे शामिल करेगी. सीएम ने कहा कि स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू की है. इसमें राज्य की 80 प्रतिशत आबादी से बिना कोई प्रीमियम लिए उन्हें इससे जोड़ा जायेगा. इसके बाद गरीब से गरीब व्यक्ति को भी इलाज के लिए दो लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध होगा. इसकी शुरुआत 15 नवंबर को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा की जायेगी.
शिक्षा, स्वास्थ्य व पोषण में काफी काम बाकी
विकास आयुक्त अमित खरे ने कहा कि तीन साल में आर्थिक विकास करने वाले राज्यों में झारखंड का स्थान गुजरात के बाद है. पर दूसरी ओर शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण में काफी काम करना बाकी है. सीएसआर कौंसिल का प्रयोग पूरे देश में पहली बार झारखंड ने किया है.
सीएसआर के तहत बढ़ी है खर्च की सीमा
उद्योग सचिव सुनील बर्णवाल ने कहा कि झारखंड सीएसआर कौंसिल ने फंड को व्यवस्थित तरीके से खर्च करने की योजना बनायी. इसमें प्रमुख रूप से कुपोषण मुक्त झारखंड, ओडीएफ और स्वच्छ पेयजल पर खर्च किये गये. उन्होंने सीएसआर कौंसिल के गठन के समय राज्य में 247 करोड़ रुपये खर्च हुए थे, जो अब बढ़कर एक हजार करोड़ रुपये हो गये हैं. उन्होंने कहा कि सरकार ने सीएसआर में योगदान देने वाली कंपनियों को अवार्ड देने का फैसला किया. इससे कंपनियों का उत्साह बढ़ेगा.
इन्होंने भी रखे अपने विचार
यूनिसेफ झारखंड की प्रमुख डॉ मधुलिका जोनाथन ने अवार्ड के बाबत पूरी जानकारी दी. वहीं उद्योग निदेशक के रविकुमार ने सीएसआर कौंसिल के उद्देश्यों की जानकारी दी. कार्यक्रम में झारखंड पोषण मिशन के महानिदेशक डीके सक्सेना, बाल अधिकार पर महिला एवं बाल कल्याण विभाग के निदेशक राजेश कुमार सिंह, दिनेश अग्रवाल, डॉ दीपक गुप्ता, सीसीएल के कार्मिक निदेशक आरएस महापात्र, टाटा स्टील के वीपी सुनील भास्करन, एनटीपीसी के इडी आरके सिंह ने अपने विचार रखे. कार्यक्रम में एसीसी के रविनिवास सिन्हा, टाटा पावर, मैथन पावर के प्रतिनिधिनि भी उपस्थित थे.
ज्यूरी के सदस्य भी किये गये सम्मानित : मुख्यमंत्री ने ज्यूरी के सदस्यों को भी सम्मानित किया. इनमें पदमश्री बलबीर दत्त, प्रो. असीत बी महापात्रा, डॉ दीपक गुप्ता व एसके सिंह को सम्मानित किया गया. ज्यूरी के अन्य सदस्य अबुबकर सिद्दीक, के रविकुमार, डॉ मधुलिका जोनाथन, मोइरा दावा, आइएसएम के प्रो. सतीश सिन्हा, आरती कुजूर थे.
इंडस्ट्री चैंपियन फॉर एसडीजे अवार्ड 2017
अवार्ड कैटगरी कंपनी कार्य
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