जमशेदपुर: एक अोर गर्भवती नाबालिग की जिंदगी किस तरह सुरक्षित रहे इस पर हाइकोर्ट में सुनवाई हो रही है, वहीं उसके पिता रोजाना मजदूरी करने को विवश हैं, जबकि मां काम छोड़ कर बेटी को न्याय दिलाने अौर उसकी जिंदगी बचाने के लिए संघर्षरत है. पीड़िता को अब तक सरकार या प्रशासन की अोर से किसी तरह की मदद नहीं मिली है.
घर में चूल्हा जलता रहे, इसके लिए पिता बेटी की यह हालत होने के बावजूद रोजाना मजदूरी पर जा रहे हैं. नाबालिग गर्भवती के पिता एक ठेकेदार के पास कुली का अौर मां रेजा (महिला मजदूर) का काम करती है. दोनों सुबह काम पर चले जाते हैं अौर देर शाम काम से लौटते हैं. घर में तीन बच्चे (दो बेटी अौर एक बेटा) अकेले रहते हैं. अकेलेपन का फायदा उठा कर पड़ोस में रहनेवाले तीन बच्चों के पिता उदय गागराई ने नाबालिग मंझली बेटी के साथ दुष्कर्म किया, जिसका पता नाबालिग के तीन माह की गर्भवती होने पर चला.
परिवार वालों के अनुसार घटना के बाद कुछ संगठनों के लोगों ने मदद की थी, लेकिन सरकार या प्रशासन की अोर से किसी तरह की मदद नहीं मिली है. पिता के अनुसार मामला सामने आने के बाद घर का सुख-शांति सब कुछ छीन गया है. दुर्गापूजा के बाद से वह ड्यूटी जा रहे हैं, लेकिन बेटी को न्याय दिलाने अौर उसकी जान बचाने के लिए मां मजदूरी करने नहीं जा पा रही है अौर हमेशा बेटी के साथ रहती है. पिता ने कहा कि सरकार अौर प्रशासन से उम्मीद है कि परिवार की मदद करे. परिवार वालों ने बताया कि अधिवक्ता रंजन धारी सिंह ने उनकी केस में मदद की साथ ही दवा एवं अन्य चीजों के लिए भी आर्थिक मदद की.
नि:शुल्क केस लड़ रहे हैं जमशेदपुर व रांची के वकील
पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए मानवता के नाते जमशेदपुर से लेकर रांची तक के अधिवक्ता बच्ची की मां की अोर से नि:शुल्क केस लड़ रहे हैं. जमशेदपुर के अधिवक्ता रंजनधारी सिंह ने बताया कि कुछ सामाजिक संस्था के माध्यम से केस उन तक पहुंचा, जिसके बाद उन्होंने मानवता के नाते उसका नि:शुल्क केस लड़ने का फैसला किया. वह अौर अधिवक्ता ममता सिंह ने स्थानीय स्तर पर जो भी काम था वह नि:शुल्क किया अौर रांची के वरीय अधिवक्ता रामसुभग सिंह से संपर्क किया अौर वो भी मानवता के नाते नि:शुल्क केस लड़ रहे हैं. अधिवक्ता रंजन धारी सिंह ने कहा कि पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए अगर सर्वोच्च न्यायालय जाने की जरूरत होगी, तो वह सर्वोच्च न्यायालय तक मामले को ले जायेंगे.
रिम्स में फिर से होगी पीड़िता की जांच : अधिवक्ता आरडी सिंह
अधिवक्ता रंजनधारी सिंह ने बताया कि बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला 30 अगस्त को सिदगोड़ा थाना में दर्ज कराया गया. पुलिस ने बच्ची का 164 बयान चार सितंबर को कराया. मेडिकल जांच के दौरान ही बच्ची के गर्भवती होने की बात स्पष्ट हुई, लेकिन पुलिस की अोेर से गर्भपात या बच्ची के परिवार वाले को किसी तरह की मदद की पहल नहीं की गयी. इसके बाद भी बच्ची को नियमित जांच अौर दवा के लिए अस्पताल जाना होता रहा अौर उन्होंने बच्ची की निजी डॉक्टर से भी जांच करायी. इस दौरान कोर्ट की छुट्टी हो गयी. कोर्ट खुलने के बाद उन्होंने केस रिकाॅर्ड निकाला अौर गर्भपात की अनुमति के लिए याचिका दायर करने के लिए उच्च न्यायालय के अधिवक्ता राम सुभग सिंह से संपर्क किया, जिसके बाद 10 अक्तूबर को क्रिमिनल याचिका दायर की गयी अौर 13 अक्तूबर को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश आर मुखोपाध्याय ने सुनवाई करते हुए मेडिकल बोर्ड गठित कर जांच करने का निर्देश दिया. छुट्टी होने के बावजूद न्यायाधीश ने शनिवार की सुबह मेडिकल रिपोर्ट पर सुनवाई की. एमजीएम अस्पताल की मेडिकल रिपोर्ट स्पष्ट नहीं रहने के कारण कोर्ट ने नाराजगी जतायी अौर मेडिकल बोर्ड को नये सिरे से फाइनल रिपोर्ट देने का निर्देश दिया. हाइकोर्ट के निर्देश पर एमजीएम अस्पताल के पांच डॉक्टरों की मेडिकल बोर्ड ने एक घंटे में फाइनल रिपोर्ट दिया, जिसमें बताया गया कि गर्भपात से बच्ची को जान का खतरा है. कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए रिपोर्ट को खारिज कर दिया अौर रिम्स के निदेशक को मेडिकल बोर्ड गठित कर 15 अक्तूबर को बच्ची की मेडिकल जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है. साथ ही कोर्ट ने एसएसपी जमशेदपुर को पीड़िता व उसके परिवार वालों को रिम्स आने-जाने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है. हाइकोर्ट ने पूछा कि सरकार स्तर से इस मामले में क्या प्रयास अौर कार्रवाई हुए. कोर्ट ने रविवार को रिपोर्ट देर शाम में भी आने पर सूचित करने का निर्देश दिया है. झारखंड उच्च न्यायालय के अधिवक्ता राम सुभग सिंह ने बताया कि शनिवार को उच्च न्यायालय में एमजीएम अस्पताल द्वारा भेजे गये मेडिकल रिपोर्ट पर सुनवाई हुई. मेडिकल रिपोर्ट में गर्भपात से बच्ची को खतरा होने की बात कही गयी है. हाइकोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए रिपोर्ट खारिज कर दी है अौर अब रिम्स में फिर से जांच होगी.
जो हाल बेटी का किया, वैसी ही सजा आरोपी को मिलनी चाहिए : पिता
नाबालिग के पिता ने ‘प्रभात खबर’ से बातचीत में कहा कि वह अौर उनकी पत्नी रोजाना सुबह मजदूरी करने चले जाते हैं अौर देर शाम घर लौटते हैं. घर में बच्चे अकेले रहते हैं, जिसके कारण अकेलेपन का फायदा उठा कर पड़ोस वाले घर में रहने वाले तीन बच्चों के पिता उदय गागराई ने छोटी बेटी के साथ दुष्कर्म किया. साथ ही धमकी दी कि किसी को यह बताया तो माता-पिता को काट देगा. धमकी के कारण बेटी ने किसी को कुछ नहीं बताया. बच्ची की मां को पैर में दर्द हुआ, जिसके लिए वह डॉक्टर को दिखाने जा रही थी. बेटी के शारीरिक बदलाव से कुछ शंका होने पर उसकी जांच करायी, तो डॉक्टर ने तीन माह का गर्भवती होना बताया. यह बात सामने आने पर घर वालों को होश उड़ गये. बेटी से पूछने पर उसने घटना की जानकारी दी, जिसके बाद महिला समिति को यह जानकारी दी गयी. महिला समिति के लोगों ने उदय को बुलाया, जिस पर वह नहीं आया, जिसके बाद घटना की जानकारी थाना में दी गयी. पुलिस के आने के बाद वह हाजिर हो गया अौर उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. अब लगभग पांच माह का गर्भ है, जिसके लिए उच्च न्यायालय में मामला ले जाया गया है. कहा कि जिस तरह उदय ने उनकी बेटी की जिंदगी बर्बाद की वह चाहते हैं कि उसे भी उसी तरह की सजा मिले. बड़ी बहन एवं छोटे भाई ने भी बहन की जिंदगी बर्बाद करने वाले को सजा देने की मांग की.