रांची : काले बादलों के बीच झारखंड की राजधानी रांची में विजयदशमी के अवसर पर रावण दहन के मुख्य कार्यक्रम की शुरुआत मोरहाबादी मैदान में हो चुकी है. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस अवसर पर उपस्थित भारी भीड़ को संबोधित भी किया. उन्होंने कहा कि रावण दहन देखने के लिए जितने भी लोग आये हैं, वे इस बात का संकल्प लेकर जायें कि अपने अंदर के रावण का भी अंत करेंगे.
शनिवार को आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड के एक-एक व्यक्ति को अपने प्रदेश को समृद्ध बनाने के लिए योगदान करना चाहिए. सीएम ने कहा कि वह ईश्वर से कामना करते हैं कि झारखंड को समृद्ध प्रदेश बनायें और प्रदेश से गरीबी का अंत करें. इसके लिए जो भी प्रयास करने होंगे, वे करेंगे.
मोरहाबादी में रावण दहन कार्यक्रम का आयोजन पंजाबी हिंदू बिरादरीकीओर से किया गया. रावण दहन से पहले आधे घंटे के शानदार आतिशबाजी और फिर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होगा. सबसे खास बात यह है कि रांची में इस बार इको फ्रेंडली आतिशबाजी होगी. यानी जमकर आतिशबाजी होगी, लेकिन प्रदूषण का नाम-ओ-निशान नहीं रहेगा.
एक और खूबी यह है कि इस बार रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद तीर से नहीं, रिमोट कंट्रोल से मरेगा. जी हां, मंच से ही अतिथिगण रिमोट दबायेंगे और बुराई के तीन प्रतीक धू-धू कर जल उठेंगे. इस बार रावण के पुतले की ऊंचाई 65 फीट है, जबकि कुंभकर्ण और मेघनाद क्रमश: 60 फीट व 55 फीट है. सोने की लंका का क्षेत्रफल 25 फीट है.