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रांची विवि: संस्कृत विभाग में एक छात्र को पढ़ाने पर हर माह 38 हजार खर्च

रांची : रांची विश्वविद्यालय के पीजी संस्कृत विभाग में सरकार हर महीने एक छात्र को पढ़ाने में 38 हजार रुपये खर्च करती है. विभाग में इस सेशन में कुल 13 छात्रों का ही एडमिशन हुआ है, जो पिछले साल की तुलना में कम है. वहीं विवि का ये इकलौता विभाग है, जहां पीजी कोर्स में […]

रांची : रांची विश्वविद्यालय के पीजी संस्कृत विभाग में सरकार हर महीने एक छात्र को पढ़ाने में 38 हजार रुपये खर्च करती है. विभाग में इस सेशन में कुल 13 छात्रों का ही एडमिशन हुआ है, जो पिछले साल की तुलना में कम है. वहीं विवि का ये इकलौता विभाग है, जहां पीजी कोर्स में 73 सीटें है और मात्र 13 छात्रों का एडमिशन होता है.
पीजी संस्कृत विभाग में तीन एसोसिएट प्रोफेसर और दो असिस्टेंट प्रोफेसर हैं, जो छात्रों को पढ़ाते हैं. वहीं एक एसोसिएट प्रोफेसर को हर महीने लगभग 1 लाख 20 हजार रुपये मिलते हैं. वहीं असिस्टेंट प्रोफेसर को हर महीने लगभग 70 हजार रुपये वेतन सरकार देती है. यहां एसोसिएट प्रोफेसर में डॉ नीलिमा पाठक, डॉ जानकी देवी, डॉ मीना शुक्ला हैं. असिस्टेंट प्रोफेसर में डॉ बीके सिन्हा और ऊषा टोप्पो हैं.
विभाग में हैं तीन एसोसिएट और दो असिस्टेंट प्रोफेसर
पिछले सेशन में 20 छात्रों ने लिया था एडमिशन
संस्कृत विभाग में पिछले साल की तुलना में इस साल एडमिशन में सात छात्रों की कमी हुई है. पिछले सेशन 2016-18 में 20 छात्रों ने एडमिशन लिया था. जबकि इस सेशन 2017-19 में एडमिशन के समय कुल 17 छात्रों ने एडमिशन के लिए फार्म भरा था. जिसमें कुल 13 छात्रों ने एडमिशन लिया. जबकि इस विभाग में कुल 73 सीटें हैं. वहीं विभाग के शिक्षकों का कहना है कि कुछ दिन बाद बंगाल के कई छात्र यहां एडमिशन लेने के लिए आते हैं जिससे कुछ सीटों पर और भी नामांकन होगा.
स्कूली स्तर पर संस्कृत की स्थिति खराब : संस्कृत विभाग में छात्रों की कमी का कारण स्कूली स्तर पर संस्कृत की स्थिति का खराब होना है. यहां स्कूलों में संस्कृत की पढ़ाई बेहतर ढंग से नहीं होती है. जिससे छात्रों की इस विषय में रुचि नहीं रहती है और वे संस्कृत की पढ़ाई मैट्रिक के बाद छोड़ देते हैं. इस कारण स्नातक स्तर पर संस्कृत के छात्रों की कमी हो जाती है और पीजी में इस विषय की सीटें खाली रह जाती हैं.
छात्रों के एडमिशन नहीं लेने के कारण सीटें खाली रह जाती है. पिछले साल भी कम ही एडमिशन हुआ था.
डॉ जानकी देवी, प्रभारी हेड, संस्कृत विभाग, रांची विवि

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