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कॉमर्स सुधरा, साइंस बिगड़ा

रांची: झारखंड के बच्चे इस बार इंटरमीडिएट साइंस में काफी पीछे रह गये. पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष साइंस के रिजल्ट में करीब 10 फीसदी की गिरावट हुई है. सबसे खराब औसत प्राप्तांक गणित का रहा है. पिछले साल गणित का औसत प्राप्तांक 41 था. इस बार घट कर 37 तक ही रह गया. […]

रांची: झारखंड के बच्चे इस बार इंटरमीडिएट साइंस में काफी पीछे रह गये. पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष साइंस के रिजल्ट में करीब 10 फीसदी की गिरावट हुई है. सबसे खराब औसत प्राप्तांक गणित का रहा है. पिछले साल गणित का औसत प्राप्तांक 41 था.

इस बार घट कर 37 तक ही रह गया. साइंस के अन्य विषयों में भी बच्चों ने पिछले साल के मुकाबले काफी खराब प्रदर्शन किया है. बायोलॉजी के औसत प्राप्तांक में तीन अंक की गिरावट दर्ज की गयी है. वहीं कमेस्ट्री और फिजिक्स में पिछले साल के मुकाबले 2-2 अंक की गिरावट हुई है.

साइंस के बच्चों की अंगरेजी सुधरी है. पर सबसे दुखद पहलू यह है कि किसी भी विषय में औसत प्राप्तांक 50 का आंकड़ा नहीं छू पाया. कॉमर्स में बच्चों ने बेहतर प्रदर्शन किया है. पिछले साल के मुकाबले साढ़े चार प्रतिशत का सुधार हुआ है. हालांकि कॉमर्स के मुख्य विषय एकाउंट्स में बच्चों ने कुछ खास उपलब्धि हासिल नहीं की. पिछले साल के मुकाबले इस बार भी 48 के औसत प्राप्तांक तक सीमित रहे.

कॉमर्स के बच्चों की हिंदी कुछ कमजोर हुई है. अंगरेजी (औसत प्राप्तांक 43) और बीएमटी (औसत प्राप्तांक 47) में सुधार हुआ है. कॉमर्स में भी किसी विषय में औसत प्राप्तांक 50 तक नहीं पहुंच पाया.

आर्ट्स में मामूली सुधार
आर्ट्स में इस बार मामूली सुधार हुआ है. पिछले साल (71.09 फीसदी) के मुकाबले इस बार 72.92 फीसदी बच्चे सफल रहे. आर्ट्स के बच्चों की हिंदी थोड़ी खराब हुई है. इकोनॉमिक्स में बच्चों ने अधिक मेहनत की है, इसमें औसत प्राप्तांक तीन अंक बढ़ा है. सोशियोलॉजी (औसत प्राप्तांक 43) और इतिहास (औसत प्राप्तांक 45) में बच्चे पिछले साल से बेहतर नहीं कर पाये, तो गिरे भी नहीं है. सबसे अधिक राहत की बात यह रही कि आर्ट्स में दो विषयों साइकोलॉजी (औसत प्राप्तांक 53) और भूगोल (औसत प्राप्तांक 56) में औसत प्राप्तांक 50 से अधिक रहा है.

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