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ग्रामीण इलाकों में शुद्ध पेयजल की उपलब्धता पर सेमिनार, पलामू व गढ़वा के लिए बनेगी जल सुरक्षा योजना

रांची : नेशनल इनवायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (नीरी) झारखंड के पलामू और गढ़वा जिलों में वाटर सिक्यूरिटी व वाटर सेफ्टी प्लान बनायेगा. इन दोनों जिलों में शुद्ध पेयजलापूर्ति की योजना बनेगी. साथ ही हर घर में नल से जल की आपूर्ति की जायेगी. इन दोनों जिलों में पानी में आर्सेनिक, फ्लोराइड की शिकायत आती है. […]

रांची : नेशनल इनवायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (नीरी) झारखंड के पलामू और गढ़वा जिलों में वाटर सिक्यूरिटी व वाटर सेफ्टी प्लान बनायेगा. इन दोनों जिलों में शुद्ध पेयजलापूर्ति की योजना बनेगी. साथ ही हर घर में नल से जल की आपूर्ति की जायेगी. इन दोनों जिलों में पानी में आर्सेनिक, फ्लोराइड की शिकायत आती है. यही वजह है कि पहले चरण में दोनों जिलों को लिया गया.

साथ ही रामगढ़ जिले को पेयजल के मामले में मॉडल जिला बनाने का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है. यह निर्णय विश्वा में आयोजित ग्रामीण इलाकों में शुद्ध पेयजलापूर्ति पर आयोजित दो दिवसीय सेमिनार में लिया गया. सेमिनार में बताया गया कि इन जिलों में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगाये जायेंगे. जल परीक्षण प्रयोगशाला बनेंगे. साथ ही हर घर में पाइपलाइन से जलापूर्ति की व्यवस्था की जायेगी.

सेमिनार के दूसरे दिन नीरी के विशेषज्ञों ने वाटर ट्रीटमेंट प्लान, वाटर रिचार्जिंग, वाटर बजटिंग, कैपासिटी बिल्डिंग पर चर्चा की. आर्सेनिक, फ्लोराइड, आयरन से पानी को मुक्त करने के लिए टेक्नोलॉजी मैट्रिक्स पर भी चर्चा की गयी. कहा गया कि ऐसे जिलों में वाटर सेफ्टी एवं वाटर सिक्यूरिटी प्लान तैयार कर उसके अनुरूप ही कार्य किये जायें. नीरी इसमें सहयोग करेगा. सेमिनार में अपशिष्ट जल तथा ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर भी चर्चा की गयी. सेमिनार के समापन समारोह को संबोधित करते हुए पेयजल विभाग के प्रधान सचिव एपी सिंह ने कहा कि हर घर में नल से जल के मामले में झारखंड तेजी से राष्ट्रीय औसत के करीब पहुंचता जा रहा है. आज 35 से 40 प्रतिशत कवरेज हो गया है. राष्ट्रीय औसत 50 प्रतिशत है. उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि राज्य के हर व्यक्ति को शुद्ध पेयजल मिले.
इसी दिशा में विभाग काम कर रहा है. 2022 तक राज्य के हर घर नल जल योजना को पूरा करना है. नल से जल आपूर्ति के साथ-साथ इस बात पर भी ध्यान दिया जा रहा कि लोगों को गुणवत्तायुक्त पानी मिले. इस दिशा में वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल किया जायेगा. पेयजल विभाग के अभियंता प्रमुख रमेश कुमार ने स्वागत भाषण दिया. नीरी के डॉ पवन, एसपी अंडे, डॉ जीके खडसे ने भी विचार रखे. मुख्य अभियंता श्वेताभ कुमार ने झारखंड में सेफ वाटर की जरूरत पर प्रकाश डाला.

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