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छलका दर्द गलत ऑपरेशन की पीड़ा झेल रही गुड़िया ने सिविल सर्जन से कहा, डॉक्टर साहब! बस कीजिए थक चुकी हूं दौड़-दौड़ कर
बायीं किडनी में स्टोन का मामूली ऑपरेशन कराने रिम्स गयी गुड़िया सिन्हा की जान सांसत में है. इलाज तो हुआ नहीं, उल्टे उसे बेवजह का जख्म दे दिया गया. उसके बाद से ही वह अस्पतालों का चक्कर लगा रही है. शुक्रवार को उसे सदर अस्पताल लाया गया. प्रभात खबर संवाददाता की मौजूदगी में दर्द से […]
बायीं किडनी में स्टोन का मामूली ऑपरेशन कराने रिम्स गयी गुड़िया सिन्हा की जान सांसत में है. इलाज तो हुआ नहीं, उल्टे उसे बेवजह का जख्म दे दिया गया. उसके बाद से ही वह अस्पतालों का चक्कर लगा रही है. शुक्रवार को उसे सदर अस्पताल लाया गया. प्रभात खबर संवाददाता की मौजूदगी में दर्द से कराहती गुड़िया ने कहा, ‘डॉक्टर साहब! अब बस करिये. मैं दौड़-दौड़ कर थक चूकी हूं. अब आराम करना चाहती हूं. इसलिए मुझे एक जगह रहने दीजिए.’ उधर, गुड़िया के पति प्रदीप कुमार का कहना है कि डॉक्टरों की लापरवाही छुपाने के लिए उसे सदर अस्पताल में भरती कराया गया है.
रांची : कांके के बोड़ेया की रहनेवाली 30 वर्षीय गुड़िया को स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी के आदेश पर शुक्रवार को दोपहर सदर अस्पताल लाया गया. साथ में उसकी मां और पति भी थे. यहां उसे सामान्य वार्ड में भरती कराया गया.
सिविल सर्जन डॉ शिवशंकर हरिजन चिकित्सकों की टीम के साथ वार्ड में पहुंचे. उपाधीक्षक विजय सिन्हा और डॉ जी चंद्रा गुड़िया की जांच करने पहुंचे, लेकिन पति प्रदीप कुमार ने उन्हें जांच करने से रोक दिया. कहा : जब तक स्वास्थ्य मंत्री नहीं आयेंगे, इलाज शुरू नहीं करने देंगे. सिविल सर्जन ने स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी को फाेन किया, ताे पता चला कि वह डाल्टेनगंज में हैं. सिविल सर्जन ने गुड़िया के पति की भी स्वास्थ्य मंत्री से बात करायी. मंत्री के आश्वासन और डॉक्टरों द्वारा बेहतर इलाज का भरोसा दिये जाने के बाद गुड़िया का शुरू किया गया.
यह है घटनाक्रम
गुड़िया की बायीं किडनी में पथरी है. इसके ऑपरेशन के लिए परिजनों ने उसे रिम्स के यूरोलॉजी विभाग में भरती कराया. विभागाध्यक्ष डॉ अरशद जमाल की देखरेख में उसका इलाज शुरू हुआ. तय तारीख पर विभाग के सीनियर रेजिडेंट डॉ अफसर आलम ने उसका ऑपरेशन भी किया, लेकिन बाद में पता चला कि डॉक्टर ने बायीं की जगह पेट की दायीं ओर चीरा लगा दिया. इसके बाद से गुड़िया की मुसीबत बढ़ गयी. रिम्स की लापरवाही को छुपने के लिए उसे पहले बरियातू के जोड़ा तालाब स्थित लेक व्यू ले जाया गया. वहां पर इलाज नहीं करने के बाद जब गुड़िया को पुन: रिम्स लाने को कहा गया, तो परिजन उसे बोड़ेया स्थित घर ले आये. तब तक यह मामला शहर में चर्चा का विषय बन गया और सरकार व रिम्स की किरकिरी होने लगी. इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री के आदेश पर सिविल सर्जन गुड़िया को गुरुवार सुबह से ही सदर अस्पताल लाने का दबाव बना रहे थे, लेकिन परिजन रिम्स या सदर अस्पताल जाने को तैयार नहीं थे. इस बीच परेशानी बढ़ने पर पति ने गुरुवार की शाम ही गुड़िया को कांके नर्सिंग होम में भरती कराया. इसके बाद विभागीय दबाव पर सिविल सर्जन ने मिन्नतें कर शुक्रवार को गुड़िया को सदर अस्पताल में भरती कराया.
यूरोलॉजी के डॉ अफसर आलम को रिम्स प्रबंधन ने जारी किया शो-कॉज
गुड़िया के इलाज में लापरवाही बरतने वाले यूरोलॉजी विभाग के डॉ अफसर आलम को रिम्स प्रबंधन ने शुक्रवार को शो कॉज जारी कर दिया है. प्रभारी निदेशक डॉ आरके श्रीवास्तव ने बताया कि डॉ अफसर को 24 घंटे का समय दिया गया है. दोनों का जवाब आने के बाद कार्रवाई तय की जायेगी. निलंबन की कार्रवाई के नियम संगत कमेटी बनायी जायेगी. उन्होंने माना है कि डॉक्टर से लापरवाही हुई है, इसलिए उन पर कार्रवई बनती है. उधर, लोकलेखा समिति के सदस्य भी इस मामले के दोषी पर कार्रवाई की बात कह चुके हैं. रिम्स प्रबंधन इसी को लेकर गंभीरता दिखा रहा है.
बुखार से पीड़ित है गुड़िया : सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ शिवशंकर हरिजन ने बताया कि गुड़िया को बुखार है. चिकित्सकीय जांच के बाद उसका ब्लड टेस्ट कराया गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद उसे दवाएं दी जायेंगी. फिलहाल, जख्म सूखने के लिए उसे एंटिबायोटिक दवाएं दी जा रही हैं.
स्वास्थ्य मंत्री के आदेश पर गुड़िया को कांके नर्सिंग होम से सदर अस्पताल से लाया गया. इलाज शुरू हो गया है. पति प्रदीप कुमार की स्वास्थ्य मंत्री से बात करायी गयी. मंत्री ने आश्वासन दिया है कि वह रांची आने के बाद मिलने आयेंगे.
डॉ शिवशंकर हरिजन, सिविल सर्जन
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