स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अब तक मरीजों को खून जांच के लिए 10 जगह खून देना पड़ता था. लेकिन, सेंट्रलाइज्ड सैंपल कलेक्शन सेंटर के खुल जाने से मरीज को सहूलियत होगी. उन्हें खून या अन्य तरह की जांच के लिए यहां-वहां नहीं दौड़ना पड़ेगा. जांच के बाद मरीज को जांच रिपोर्ट भी यहीं से मिल जायेगी. वहीं, मेडॉल को लेकर स्वास्थ्य मंत्री के बयान के बाद स्वास्थ्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि मेडॉल को सरकार ने विकल्प के लिए रखा है. मरीज को चयन करना है कि वह किस सेवा को चुनता है. यह रिम्स प्रशासन के लिए भी चुनौती होगी कि वह अपनी सेवाओं की गुणवत्ता को बरकरार रखे.
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रिम्स हर तरह की जांच में सक्षम हो जाये, तो मेडॉल को अलग कर देंगे: स्वास्थ्य मंत्री
रिम्स में अगर सेंट्रलाइज्ड सैंपल कलेक्शन सेंटर बेहतर तरीके से काम करने लगा, तो यहां से मेडॉल की विदाई तय है. स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने इसके स्पष्ट संकेत दिये हैं. वे शुक्रवार को यहां सेंट्रलाइज्ड सैंपल कलेक्शन सेंटर, मॉड्यूलर ओटी, हिमोफिलिया डे-केयर एवं ओपीडी के पैसेज सेंटर का उघाटन करने के बाद पत्रकारों से […]
रिम्स में अगर सेंट्रलाइज्ड सैंपल कलेक्शन सेंटर बेहतर तरीके से काम करने लगा, तो यहां से मेडॉल की विदाई तय है. स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने इसके स्पष्ट संकेत दिये हैं. वे शुक्रवार को यहां सेंट्रलाइज्ड सैंपल कलेक्शन सेंटर, मॉड्यूलर ओटी, हिमोफिलिया डे-केयर एवं ओपीडी के पैसेज सेंटर का उघाटन करने के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
रांची : उदघाटन समारोह के बाद स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने पत्रकारों से कहा कि रिम्स में मरीजों के सहूलियत के लिए हर तरह की व्यवस्था की जा रही है. सेंट्रलाइज्ड सैंपल कलेक्शन सेंटर इसी का एक हिस्सा है. मेडॉल को रिम्स में लैब संचालित करने देने के लिए हम वचनबद्ध नहीं हैं. जैसे ही रिम्स हर तरह की जांच करने में सक्षम हो जायेगा, मेडॉल को रिम्स से अलग कर दिया जायेगा.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अब तक मरीजों को खून जांच के लिए 10 जगह खून देना पड़ता था. लेकिन, सेंट्रलाइज्ड सैंपल कलेक्शन सेंटर के खुल जाने से मरीज को सहूलियत होगी. उन्हें खून या अन्य तरह की जांच के लिए यहां-वहां नहीं दौड़ना पड़ेगा. जांच के बाद मरीज को जांच रिपोर्ट भी यहीं से मिल जायेगी. वहीं, मेडॉल को लेकर स्वास्थ्य मंत्री के बयान के बाद स्वास्थ्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि मेडॉल को सरकार ने विकल्प के लिए रखा है. मरीज को चयन करना है कि वह किस सेवा को चुनता है. यह रिम्स प्रशासन के लिए भी चुनौती होगी कि वह अपनी सेवाओं की गुणवत्ता को बरकरार रखे.
सरकार के साथ हुआ है मेडॉल का एमअोयू : मेडॉल एक निजी पैथोलॉजी जांच एजेंसी है, जिसका सरकार के साथ एमओयू हुआ है. यह एजेंसी राज्य के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में पैथोलाॅजिकल जांच करती है. एमओयू के तहत रिम्स में मेडॉल को जांच के लिए अनुमति दी है. यहां मेडॉल को उन्हीं चीजों की जांच करनी है, जो रिम्स में नहीं होती हैं. हालांकि, मेडॉल वे जांच भी करने लगा है, जो रिम्स में नि:शुल्क और आसानी से किये जाते हैं. इस पर रिम्स प्रबंधन आपत्ति भी जता चुका है. इस वजह से रिम्स की पीजी की सीटें भी कम कर दी गयी हैं.
मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर में मरीजों को संक्रमण का खतरा कम : स्वास्थ्य मंत्री ने रिम्स के चार मॉड्यूलर ऑपरेशन थियेटर (ओटी) का भी उदघाटन किया. इसमें न्यूरो सर्जरी के दो और इएनटी का दो ऑपरेशन थियेटर शामिल हैं. श्री चंद्रवंशी ने कहा कि मॉड्यूलर ओटी की दीवारों और गेट पर एंटी बॉयोटिक कोटिंग की गयी है. साथ ही यहां लेमिनर फ्लो लगा हुआ है, जिससे वातावरण संक्रमणमुक्त रहेगा. इस ओटी के शुरू हो जाने से ऑपरेशन के दौरान मरीजों को संक्रमण का खतरा काफी कम हो जायेगा.
मैन पावर के बिना मॉड्यूलर ओटी के संचालन में दिक्कत : न्यूरो सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ अनिल कुमार ने कहा है कि यह खुशी की बात है कि मॉड्यूलर ओटी तैयार हो गया है, लेकिन बिना मैन पावर के ओटी संचालन में दिक्कत होगी. ऐसे में फिलहाल ओटी संचालित नहीं हो सकती है. स्वास्थ्य मंत्री को भी इसकी जानकारी दे दी गयी है. मॉड्यूलर ओटी के लिए दो टेक्नीशियन और चार ट्रेंड नर्स की जरूरत है. उदघाटन समारोह में रिम्स निदेशक डॉ बीएल शेरवाल, डीन डॉ आरके श्रीवास्तव, अधीक्षक डॉ एसके चौधरी, उपाधीक्षक डॉ गोपाल श्रीवास्तव, एफएमटी के विभागाध्यक्ष डाॅ तुलसी महतो, न्यूरो सर्जन डॉ अनिल कुमार, डॉ सीबी सहाय, इएनटी के विभागाध्यक्ष डॉ पीके सिंह सहित कई चिकित्सक मौजूद थे.
निदेशक ने डॉक्टरों से मांगी चार साल की रिपोर्ट
रिम्स निदेशक ने सुपरस्पेशियलिटी विंग के सभी विभागाध्यक्षों से चार साल की रिपोर्ट मांगी है. निदेशक ने डॉक्टरों से पूछा है कि आपने चार साल के दौरान क्या-क्या किया. कितने मरीजों को परामर्श दिया. कितनी सर्जरी की. कौन से उपकरण का प्रयोग किया. निदेशक ने एक-दो दिन में रिपोर्ट देने काे कहा है. उधर, निदेशक ने माॅड्यू्लर ओटी तैयार करनेवाली एजेंसी से सुपरस्पेशियलिटी के ओटी में लेमिनर फ्लो लगाने का बजट मांगा है.
200 बेड के साथ 29 तक शुरू हो सकता है सदर अस्पताल : स्वास्थ्य मंत्री
आंशिक रूप से 500 बेड के सदर अस्पताल का संचालन 29 जुलाई से शुरू होने की उम्मीद है. प्रथम चरण में 200 बेड का अस्पताल शुरू किया जायेगा, जिसमें स्त्री अाैर शिशु रोग विभाग संचालित किया जाना है. स्वास्थ्य मंत्री ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस माह के अंत तक अस्पताल का संचालन शुरू कर लिया जायेगा. स्वास्थ्य सचिव सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि 20 जुलाई तक एजेंसी को भवन हैंडओवर करने के लिए कहा गया है. जुलाई के अंतिम शनिवार तक संचालन करने पर सहमति बनी है. शुभारंभ की तिथि अभी तय नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि अस्पताल का संचालन सिविल सर्जन की देखरेख में होगा. संचालन के लिए अतिरिक्त डाॅक्टर व पारा मेडिकल कर्मियों की नियुक्ति हो चुकी है. दूसरे चरण में बेड की संख्या बढ़ायी जायेगी.
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