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विद्यार्थी नहीं रहना चाहते कल्याण के छात्रावासों में

रांची : झारखंड में बने कल्याण विभाग के कई छात्रावासों में विद्यार्थी रहना नहीं चाहते हैं. घर के पास ही छात्रावास रहना, छात्रावास के पास कोई शिक्षण संस्थान का नहीं होना, छात्रावास की जर्जर स्थिति, चहारदीवारी नहीं होना तथा पेयजल की व्यवस्था नहीं होने सहित अन्य कारणों से 74 छात्रावास बन कर बेकार पड़े हैं. […]

रांची : झारखंड में बने कल्याण विभाग के कई छात्रावासों में विद्यार्थी रहना नहीं चाहते हैं. घर के पास ही छात्रावास रहना, छात्रावास के पास कोई शिक्षण संस्थान का नहीं होना, छात्रावास की जर्जर स्थिति, चहारदीवारी नहीं होना तथा पेयजल की व्यवस्था नहीं होने सहित अन्य कारणों से 74 छात्रावास बन कर बेकार पड़े हैं. वहीं कई निर्माणाधीन छात्रावासों के भी उपयोग की संभावना नहीं है.
अब कल्याण विभाग ने करीब 167 छात्रावासों की सूची उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग को सौंपी है. साथ ही यह प्रस्ताव दिया है कि वह चाहे, तो इनका इस्तेमाल कौशल विकास केंद्र (आवासीय या गैर आवासीय) के रूप में कर सकता है. नीमडीह, सरायकेला के बम्मी हाई स्कूल कटुंगा में एसटी समुदाय के लिए बना 50 बेड का छात्रावास वर्ष 2007 से बेकार था. अब इसे अादिम जनजातियों को हस्तकरघा का प्रशिक्षण देने के लिए दिल्ली के एक एनजीअो अंबालिका को सौंपा गया है.
बड़ा निर्माण घोटाला
कल्याण विभाग ने राज्य बनने के बाद एससी-एसटी, ओबीसी व अल्पसंख्यक छात्रावास बनाना शुरू किया था. इनमें से ज्यादातर का निर्माण वित्तीय वर्ष 2009-10 तथा 2012-13 के बीच शुरू हुआ. बिना आकलन किये राज्य भर में 509 छात्रावास बनाने शुरू कर दिये गये. तत्कालीन विभागीय अधिकारियों व ठेकेदारों ने अापसी सामंजस्य से यह काम किया़ आज स्थिति यह है कि सौ से अधिक छात्रावास लंबित हैं. वहीं कुल 74 बन जाने तथा हैंड अोवर हो जाने के बाद भी बेकार पड़े हैं या इनका कुछ अौर इस्तेमाल हो रहा है. विभाग ने निर्माण पर प्रति छात्रावास अौसतन 70 लाख रुपये खर्च किये हैं. इस तरह कुल 509 छात्रावास निर्माण पर करीब 350 करोड़ खर्च हुए हैं.
कुछ बेकार छात्रावास
छात्रावास बेकार रहने का कारण
अनु. जाति बालिका छात्रावास
रसोईया, रात्रि प्रहरी नहीं, सुरक्षा का अभाव
रमा देवी वीमेंस कॉलेज, देवघर पेयजल नहीं
राजकीयकृत कल्याण उवि, मोहनपुर देवघर विद्यार्थी रहना नहीं चाहते
अंचा देवी प्लस-टू बालिका उवि, मधुपुर सुरक्षा का अभाव
प्रोजेक्ट हाई स्कूल, पालाजोरी धनबाद छात्रावास में जरूरी उपस्कर नहीं
राजकीयकृत उवि कोइरीडीह धनबाद छात्रावास में जरूरी उपस्कर नहीं
काशीराम साहू कॉलेज, सरायकेला छात्र-छात्रा के छात्रावास का एक ही कैंपस में होना
हाई स्कूल चौका, सरायकेला सीआरपीएफ के जवान रहते हैं
बीसी छात्रावास व प्रोजेक्ट उवि सरायकेला छात्रावास की चहारदीवारी नहीं
अल्पसंख्यक छात्रावास, प. सिंहभूम कोल्हान विवि का कार्यालय चलता है
अनु. जाति बालिका छात्रावास, प. सिंहभूम छात्रावास में नाली नहीं है
सोसोमोली प्रोजेक्ट बालिका उवि छात्राएं स्थानीय हैं, वे घर में रहती हैं
बरवादाग पीटीजी बालिका छात्रावास कोई रहना नहीं चाहता, निर्माण में अनियमितता
सभी छात्रावास पहले के हैं. हम नया नहीं बना रहे. हमारी प्राथमिकता बेकार पड़े छात्रावासों के सदुुपयोग तथा जर्जर छात्रावासों के मरम्मत की है. जिन लोगों ने छात्रावास बनाया, उन्हें यह तो जरूर देखना चाहिए था कि इसका उपयोग होगा भी या नहीं. डॉ लुइस मरांडी, मंत्री, कल्याण सह समाज कल्याण
पूर्ववर्ती सरकारों का यह काम है. जब छात्रावास बना है, तो इसका उपयोग भी होना चाहिए. अंधाधुंध बने इन छात्रावासों की जांच भी होनी चाहिए. रामकुमार पाहन, भाजपा एसटी मोरचा के प्रदेश अध्यक्ष सह विधायक

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