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जीएसटी में व्यापार करना होगा आसान : सेराफिम
रांची: जीएसटी को लेकर डरे नहीं. वैट को आपने देखा. कुछ बदलावों के साथ जीएसटी लागू होनेवाला है. जीएसटी में व्यापार करना आसान होगा. सबसे बड़ा फायदा यह है कि इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलने से व्यापार की लागत में कमी आयेगी. यह बातें वाणिज्यकर विभाग के पूर्व एडिशनल कमिश्नर सुरेश सेराफिम ने शुक्रवार को चेंबर […]
रांची: जीएसटी को लेकर डरे नहीं. वैट को आपने देखा. कुछ बदलावों के साथ जीएसटी लागू होनेवाला है. जीएसटी में व्यापार करना आसान होगा. सबसे बड़ा फायदा यह है कि इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलने से व्यापार की लागत में कमी आयेगी. यह बातें वाणिज्यकर विभाग के पूर्व एडिशनल कमिश्नर सुरेश सेराफिम ने शुक्रवार को चेंबर भवन में कही. श्री सेराफिम झारखंड चेंबर द्वारा जीएसटी पर आयोजित कार्यशाला में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि अपने बिजनेस के सेल्स प्रमोशन के लिए विशेष सेमिनार करते हैं, तो वह भी इनपुट टैक्स क्रेडिट की श्रेणी में आयेगा. जब हम सप्लाइ करेंगे, उसी समय टैक्स लगेगा.
तीन माह की वैधता वाला प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन : उन्होंने कहा कि मौजूदा व्यापारियों को एक जुलाई को जीएसटीएन का पोर्टल खोलने पर प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन मिलेगा. इसकी वैधता तीन माह यानी 30 सितंबर तक होगी. रेगुलर रजिस्ट्रेशन मिलने के बाद प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन कैंसल हो जायेगा.
तीन दिनों में मिलेगा नया रजिस्ट्रेशन : सारी चीजें ठीक रहने पर जीएसटी में नया रजिस्ट्रेशन तीन कामकाजी दिनों में मिलेगा. अब विभाग के कार्यालय जाने की जरूरत नहीं है. इसे आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है. अधिकारियों द्वारा किसी बात से संतुष्ट नहीं होने पर इ-मेल पर नोटिस भेजा जायेगा. सात कामकाजी दिनों में इसका जवाब देना है.
हर किसी के लिए जीएसटी बढ़िया : विभाग के संयुक्त सचिव गोपाल कृष्ण तिवारी ने कहा कि जीएसटी आम व्यक्ति, व्यापारी व अधिकारियों के लिए बढ़िया है. राज्य के अंदर सप्लाइ होने पर विक्रेता अपने प्रपत्र में सीजीएसटी व एसजीएसटी टैक्स लगायेगा. झारखंड चेंबर के अध्यक्ष विनय अग्रवाल ने कहा कि जीएसटी लागू होने से पूरे देश में एक प्रकार का टैक्स लागू होगा. इससे व्यापार करना काफी आसान हो जायेगा. इस दौरान कई व्यापारियों ने सवाल किये. जिसका विभाग के अधिकारियों ने जवाब दिया.
इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलने से व्यापार के लागत में आयेगी कमी
कार्यक्रम के दौरान प्रिजर्व कंसल्टेंसी सर्विसेज ने अपने जीएसटी-टीएम एप के बारे में जानकारी दी. एमडी व सीइओ विकास सिंह ने कहा कि एप पर इनवॉयस अपलोड करना है. इसके बाद सारा काम सॉफ्टवेयर करेगा. सॉफ्टवेयर ऑटोमेटिक रिटर्न फाइल करेगा. इसके लिए संबंधित व्यक्ति को एक माह के लिए 750 रुपये चार्ज देना होगा. इसमें लगभग 120 रुपये की राशि का इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) मिल जायेगा. मौके पर झारखंड चेंबर के महासचिव रंजीत गाड़ोदिया, रंजीत टिबड़ेवाल, झारखंड चेंबर के वाणिज्य कर उप समिति के चेयरमैन दीनदयाल वर्णवाल, डॉ रवि भट्ट सहित 200 से अधिक व्यापारी उपस्थित थे.
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