बिशुनपुर: घटते जंगल व जल संकट को देखते हुए विकास भारती बिशुनपुर झारखंड में पानी व जंगल बचाने की मुहिम चलायेगी. इसका शुभारंभ सोमवार को विकास भारती बिशुनपुर के प्रागंण में िकया गया. केंद्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा, केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री सुदर्शन भगत, स्पीकर दिनेश उरांव, पद्मश्री अशोक भगत, पूर्व गृह सचिव जेबी तुबिद व […]
बिशुनपुर: घटते जंगल व जल संकट को देखते हुए विकास भारती बिशुनपुर झारखंड में पानी व जंगल बचाने की मुहिम चलायेगी. इसका शुभारंभ सोमवार को विकास भारती बिशुनपुर के प्रागंण में िकया गया. केंद्रीय रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा, केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री सुदर्शन भगत, स्पीकर दिनेश उरांव, पद्मश्री अशोक भगत, पूर्व गृह सचिव जेबी तुबिद व तीन िवधायकों ने पौधे लगाये. मुहिम में 600 जलदूत काम करेंगे. मुहिम को जन-आंदोलन का रूप देते हुए इसमें गांव के लोगों का सहयोग लिया जायेगा.
पानी व जंगल बचाने की मुहिम का शुभारंभ केंद्रीय राज्य रेल मंत्री मनोज सिन्हा, केंद्रीय राज्य कृषि मंत्री सुदर्शन भगत, स्पीकर दिनेश उरांव, पद्मश्री अशोक भगत, गुमला विधायक शिवशंकर उरांव, हटिया विधायक नवीन जायसवाल, मनिका विधायक हरेकृष्णा सिंह, पूर्व गृह सचिव जेबी तुबीद व डीसी श्रवण साय ने किया. मंत्री मनोज सिन्हा ने कहा कि विज्ञान के ज्यादा उपयोग से पर्यावरण संकट बढ़ा है.
संतुलन बनाये रखने की जरूरत है. आज गिद्ध प्रजाति विलुप्त हो रही है. इसके संरक्षण के लिए सरकार काम कर रही है. कृषि योग्य भूमि का उपयोग कम होने से हम जंगलों पर ज्यादा आश्रित हो गये हैं. हम सब की जिम्मेवारी है. जंगल व पानी बचायें. हमारा जीवन जंगल व पानी है. आज अगर हम इसे बचा लेंगे, तो आने वाली पीढ़ी हमें युगों युग तक याद करेगी.
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री सुदर्शन भगत ने कहा कि कुछ उपयोगिता के कारण हम जरूर जंगल व पानी को बचाने में पीछे हो रहे हैं. लेकिन अभी भी समय है. हम अपनी सोच बदले. जंगल व पानी के संरक्षण करें. जंगल कट रहा है. इसपर रोक लगाने की जरूरत है. आप सभी प्लास्टिक से बचे. हम पेड़ लगाये. गांव का पानी गांव में रोके. पानी व जंगल को बचाने के लिए विकास भारती ने जन आंदोलन का रूप लिया है. पूर्व गृह सचिव जेबी तुबिद ने कहा कि हमारा वनों का समाज है. आप गांव के लोग वन के मालिक हैं. आपको बताने की जरूरत नहीं कि कैसे पर्यावरण को बचाना है. अभी जरूरत है, हम जंगल व पानी बचायें. भविष्य के लिए हमें काम करना होगा. युवा पीढ़ी आगे आये. सरकार भी इसमें काम कर रही है. एक-एक बूंद पानी बचायें.
गांव के लोग गांव को बचायें : अशोक
पद्मश्री अशोक भगत ने कहा कि जंगल बचाओ, पानी बचायें. दो हजार पंचायत में कार्यक्रम चलेगा. गुमला के 600 गांव में जलदूतों के माध्यम से पानी बचा रहे हैं. जंगल कट रहे हैं. पानी के स्रोत कम हो रहे हैं. हमें गांव को बदलना होगा, तभी गांव की ओर लोग आयेंगे. गांव के लोग अपने गांव को बचायें. गांव आपका है. गांव के सभी लोग एक हैं. जरूरत है गांव को बचाने की. गांव का पानी गांव में रूके इसके लिए प्रयास करें. गांव, जंगल व पानी की रक्षा का संकल्प दिलाये.