राजकुमार सिंह
भु रकुंडा कोयलांचल व आसपास के क्षेत्र में डाॅ एचके सिंह जाना-माना नाम हैं. सीसीएल बरका-सयाल एरिया के करीब आधा दर्जन अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी हैं. चिकित्सकीय सेवा में उन्होंने सेवा की मिसाल कायम की है. सीसीएल के मरीजों के इलाज से इतर हर रोज वे करीब 100 मरीजों का मुफ्त इलाज करते हैं. सुबह पांच बजे से ही उनके आवास पर मरीजों की भीड़ जुटने लगती है.
मौसम कोई भी हो, हर दिन सुबह छह बजे से नौ बजे तक खुले बरामदे में मरीजों को देखते हैं. ठीक 10 बजे सीसीएल के भुरकुंडा अस्पताल पहुंचते हैं. यहां भी उनके चेंबर के बाहर मरीजों की लंबी कतार लगी होती है. बारी-बारी सबको देखने के बाद एरिया ऑफिस सहित अन्य अस्पतालों के राउंड पर निकल जाते हैं. घर लौट कर भी मरीज को देखते हैं. रात आठ बजे के बाद बाजार निकलते हैं, तो रास्ते में भी कई मरीज इंतजार करते मिल जाते हैं. वे किसी को निराश नहीं करते. राह चलते मरीजों का इलाज कर देते हैं.
व्यस्त रूटीन के बावजूद इनके यहां किसी मरीज को टोकन नहीं लेना पड़ता. डॉ सिंह अमीर-गरीब में भेदभाव भी नहीं करते. हां, जरूरत के हिसाब से कुछ लोगों को प्राथमिकता मिल जाती है.
यानी, गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति का इलाज पहले होता है.
गरीब मरीज आ जाये, तो उसका इलाज करने के साथ-साथ उसे दवाएं देना नहीं भूलते. दवा के पैसे भी नहीं लेते. ऐसा भी नहीं है कि वे अपनी जेब से पैसे खर्च करते हों. सैंपल में एमआर से जो दवाएं उन्हें मिलती हैं, वह गरीब मरीजों में बांट देते हैं. उनकी काले रंग की आॅल्टो कार दवाखाना की तरह मशहूर है. कार की पिछली सीट से लेकर िडग्गी तक में गरीबों के लिए दवाएं भरी रहती हैं.
मरीजों की सेवा करना पेशा है और धर्म भी
मेरा पेशा और धर्म मरीजों की सेवा करना है. सीसीएल की नौकरी में इतने पैसे मिल जाते हैं कि परिवार को खुश रख सकूं. इसलिए समय कोई भी हो, किसी मरीज को निराश नहीं करता. दो बेटे हैं. दोनों ने आइआइटी की परीक्षा अच्छे रैंक से पास की है. तीसरा दिल्ली में तैयारी कर रहा है. ऊपरवाले की कृपा से कोई कमी नहीं है.
डॉ एचके सिंह