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कई घाटों की सफाई नहीं, व्रती परेशान

जहां होती है पूजा कोयलांचल समेत ग्रामीण क्षेत्रों में दर्जनों छठ घाट हैं. छठ व्रती यहां पर भगवान भास्कर को अघ्र्य देते हैं. नलकारी, दामोदर, दोमुहानी, सौंदा बस्ती, ग्रामीण क्षेत्र में चिकोर, दोमुहन, पाली, लाल तालाब,चैनगड़ा, आइएजी डैम, लपंगा, लबगा, पतरातू डैम व बलकुदरा प्रमुख घाट हैं. इनमें से कुछ घाटों तक पहुंचने के लिए […]

जहां होती है पूजा

कोयलांचल समेत ग्रामीण क्षेत्रों में दर्जनों छठ घाट हैं. छठ व्रती यहां पर भगवान भास्कर को अघ्र्य देते हैं. नलकारी, दामोदर, दोमुहानी, सौंदा बस्ती, ग्रामीण क्षेत्र में चिकोर, दोमुहन, पाली, लाल तालाब,चैनगड़ा, आइएजी डैम, लपंगा, लबगा, पतरातू डैम व बलकुदरा प्रमुख घाट हैं. इनमें से कुछ घाटों तक पहुंचने के लिए अभी भी अच्छी सड़क नहीं है. इससे छठ व्रतियों को परेशानी हो सकती है. दामोदर नद से बालू उठाव के कारण कई घाटों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया है. इधर, घाटों पर से बालू का उठाव व ढुलाई होने से लोगों को यहां घाट बनाने में दिक्कत हो रही है. व्रतियों को गहरे पानी में जाना पड़ सकता है. दूसरी ओर, कोयलांचल में नलकारी नदी के किनारे छठ माता व रिवर साइड में स्थित सूर्य मंदिर को सजाने-संवारने का काम शुरू कर दिया गया है.

प्रशासन नहीं देता है ध्यान

कोयलांचल के छठ व्रतियों का कहना कि जब छठ पर्व आता है, तो घाटों की साफ-सफाई पर प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिया जाता है. पूजा समिति ही मेहनत कर इसकी सफाई कराते हैं. प्रशासन को स्वयं ऐसे कार्यो के लिए आगे आने की जरूरत है. कहा कि कोयलांचल में जहां-तहां सड़कों पर नालियों का पानी बहता है. यह परेशानी की बात है.

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