भुरकुंडा : सौंदा डी–पतरातू मेन रोड को सौंदा डी के समीप सीसीएल प्रबंधन ने असुरक्षित करार कर दिया है. आवागमन के लिए इसे वजिर्त बताया गया है. इससे संबंधित कई चेतावनी वाले बोर्ड जहां–तहां लगाये गये हैं.
इस सड़क पर लंबे समय से दरारें पड़ी हैं. जहां–तहां सड़क धंस भी रही है. इसके मद्देनजर सीसीएल प्रबंधन ने चेतावनी वाला बोर्ड लगा दिया. सड़क कभी भी धंस सकती है. हादसा हो सकता है. वर्तमान में सड़क पर पड़ी दरारें व बगल से निकलते धुएं के गुबार को देख कर खतरे का अंदाजा होता है.
इस स्थल पर सड़क के किनारे की दरारों में अब तक दर्जनों मवेशियों की फंसने से मौत भी हो चुकी है. मालूम हो कि यह मेन रोड पतरातू होते हुए रांची, सयाल होते हुए उरीमारी, बड़कागांव, हजारीबाग, सौंदा डी होते हुए भुरकुंडा, रामगढ़ जैसे प्रमुख क्षेत्रों को जोड़ता है. कोयला ट्रांस्पोर्टिग के लिए यह प्रमुख मार्ग है. इस सड़क के बंद होने से क्षेत्र पर इसका गहरा असर पड़ेगा.
नहीं बन रहा डायवर्सन
सीसीएल प्रबंधन के अनुसार, सड़क डेंजर स्थिति में पहुंच गयी है. लेकिन इसके समीप से डायवर्सन का निर्माण कार्य नहीं हो पा रहा है. बताया गया कि जब भी प्रबंधन द्वारा डायवर्सन बनाने का काम शुरू किया जाता है, तो स्थानीय ग्रामीण उसे रोक देते हैं. बताया गया कि जिस जमीन पर डायवर्सन बनाने का काम होता है, उस जमीन का मामला अभी कोर्ट में चल रहा है.
इसी विवाद के कारण डायवर्सन का निर्माण नहीं हो पा रहा है. प्रबंधन ने कहा कि यदि स्थानीय लोग सहयोग करें, तो डायवर्सन का काम शुरू किया जा सकता है. दूसरी ओर, संबंधित रैयत ग्रामीणों का कहना है कि हम लोग डायवर्सन का विरोध नहीं कर रहे हैं. लेकिन जिनकी जमीन इस कार्य में जा रही है, उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए.