रामगढ़ : प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी पवित्र श्रवण माह की अंतिम सोमवार को शंकर–शंभु शिवालय मंदिर समिति द्वारा कांवर यात्रा निकाली गयी. सोमवार को अहले सुबह चार बजे से श्रद्धालु नेहरू रोड स्थित शंकर–शंभु शिवालय में जुटे. यहां से वाहन के माध्यम से श्रद्धालु रजरप्पा पहुंचे.
रजरप्पा में दामोदर नद व भैरवी नदी के संगम से जल उठा कर पैदल चल कर वापस शंकर–शंभु शिवालय पहुंच कर जलाभिषेक किया. रजरप्पा से रामगढ़ तक पूरे मार्ग मे कांवरियों की भीड़ रही. रास्ते में अनेक स्थान पर कावंरियों की सुविधा के लिए विभिन्न गांव के लोगों ने स्टॉल लगा रखे थे.
स्टॉल के माध्यम से कांवरियों को शीतल पेयजल, शरबत, फल–फूल, बेलपत्र आदि प्रदान किया गया. पूरा रास्ता बोल बम के नारों से गूंज रहा था. कांवरियों को इंतजार के बाद जलाभिषेक का मौका मिला. आयोजन को सफल बनाने में शंकर–शंभु शिवालय मंदिर समिति के अध्यक्ष बसंत कुमार मित्तल, अविनाशी सिंह, रामेश्वर पटवारी, मुकुंद तिवारी, चितरंजन शर्मा, शिवप्रसाद गुप्ता, महेंद्र सिंह, अरुण पिलानिया, धंजनय कुमार पुटूस, नरेश सिंह, मिंटू मित्तल, तिलकराज मंगलम, पवन अग्रवाल, मोहन सिंह, रंजीत गुप्ता, आकाश पांडेय, मनोज मित्तल, मुन्ना मित्तल विमल बुधिया आदि ने योगदान दिया.
शहर के प्राचीन महावीर मंदिर शिवालय, किला मंदिर शिवालय, गोल पार स्थित बुढ़वा महादेव, थाना के निकट रामेश्वर मठ शिवालय, गोशाला स्थित शिवालय, गोरियारी बागी स्थित रत्नेश्वर शिव मंदिर, शंकर–शंभू शिवालय आदि में अंतिम सोमवार को विशेष पूजा–अर्चना की गयी.
गिद्दी : गिद्दी, रैलीगढ़ा, गिद्दी सी व इसके आस–पास के ग्रामीण क्षेत्र के सभी शिवालय हर–हर महादेव से गूंज उठा. अंतिम सोमवारी के मद्देनजर इस क्षेत्र के श्रद्धालु काफी संख्या में जलाभिषेक कर पूजा अर्चना की.
सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ पूजा अर्चना के लिए जुटने लगी. कई मंदिरों में लंबी कतारें देखी गयी. मंदिरों में शिव चर्चा सहित कई तरह के धार्मिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया है.
मंदिरों को सजाया व संवारा गया है. ग्रामीण क्षेत्र के हेसालौंग, रिकवा, मिश्रइनमोढ़ा, कनकी, होसिर, चुंबा के शिव मंदिरों में भी श्रद्धालुओं की अच्छी–खासी भीड़ देखी गयी.