रामगढ़ : पुलिस डय़ूटी मीट के माध्यम से प्रशिक्षण की धुंधली यादों को ताजा किया जाता है. अनुसंधान की नयी व पुरानी तकनीक का समावेश इस परीक्षा से पूरा होगा. इससे अनुसंधान के कार्य में प्रगति आयेगी.
उक्त बातें हजारीबाग की डीआइजी सुमन गुप्ता ने बुधवार को प्रखंड मुख्यालय, रामगढ़ के सभागार में कही. वह तीन दिवसीय क्षेत्रीय पुलिस डय़ूटी मीट 2013 के उदघाटन के मौके पर पुलिसकर्मी व पदाधिकारियों को संबोधित कर रही थीं. उन्होंने कहा कि अनुसंधान में वैज्ञानिक सहायता व वैज्ञानिक साक्ष्य की जानकारी हासिल करना जरूरी है.
समय के साथ अनुसंधान में जिस नयी तकनीक का विकास हुआ है, उसे हासिल करना है. इससे नक्सल व आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के पांच जिला रामगढ़, हजारीबाग, चतरा, कोडरमा, गिरिडीह के पुलिसकर्मी व पदाधिकारी पुलिस मीट में हिस्सा ले रहे हैं.
पुलिस मीट के दौरान अनुसंधान से संबंधित विभिन्न प्रतियोगिताएं हुई. रामगढ़ के एसपी अनीश गुप्ता ने कहा कि पुलिसकर्मी व पदाधिकारियों के लिए पुलिस डय़ूटी मीट का विशेष स्थान है. विभिन्न जिलों से आये पुलिसकर्मी व पदाधिकारियों को अपराध अनुसंधान में सहायता मिलेगी.
अपराध अनुसंधान दल के पांच परीक्षक उपस्थित थे : मौके पर फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट सह संयोजक संतोष सुधाकर, वरीय वैज्ञानिक राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला रांची सैयद वशीर अहमद, सीआइडी पुनि अशोक कुमार, पुअनि प्रेमलता त्यागी व स्वान दस्ता विशेषज्ञ सुखदेव कच्छप मौजद थे. इससे पूर्व मुख्य अतिथि डीआइजी सुमन गुप्ता ने दीप जला कर कार्यक्रम का उदघाटन किया.
प्रशिक्षण के दौरान फोरेंसिक साइंस की लिखित परीक्षा ली गयी. इसमें प्राप्तांक 50 अंक थे. कार्यक्रम का संचालन डीएसपी मुख्यालय एजरा बोदरा ने किया. इससे पूर्व डीआइजी के आगमन पर सार्जेट संतोष कुमार व पुलिसकर्मियों ने सलामी दी.
मौके पर उपस्थित पुलिसकर्मी व पदाधिकारी : मौके पर इंस्पेक्टर दिनेश पासवान, केके महतो, दिनेश मुमरू, अजय कुमार सिंह, रंजन कुमार चौधरी, सुमन कुमार सिन्हा, आरएन चौधरी, हरिपद साह, बिनोद कुमार, रणधीर कुमार, सुरेंद्र रविदास, रामाशंकर मिश्र, अवधेश कुमार सिंह, राजेश कुमार सिंह, गोपाल कृष्ण यादव, भुरा उरांव, सिपरियन बागी, कांता हरिजन व 25 सअनि व पुलिसकर्मी उपस्थित थे.