रामगढ़ : झारखंड असंगठित मजदूर यूनियन एवं सीपीआइ के संयुक्त तत्वावधान में गौतम फेरो एलाइज एवं बिहार फाउंड्री कास्टिंग लिमिटेड में न्यूनतम मजदूरी व अन्य मांगों को लेकर तीन माह से आंदोलन चल रहा है.
उक्त बातें भाकपा राज्य सचिव सह पूर्व सांसद भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने दो जुलाई को पार्टी जिला कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में कही. उन्होंने कहा कि आंदोलन के बाद दो बार उप-श्रमायुक्त व श्रम अधीक्षक की मध्यस्थता में वार्ता हुई थी. 10 जून को डीएलसी के यहां हुई वार्ता में कई मामले पर समझौता हुआ था, जिसे प्रबंधन ने पूरा नहीं किया है.
वार्ता के बाद प्रबंधन ने साजिश कर दो कामगारों को काम से निकाल दिया. इसके बाद समझौता के अनुसार भुगतान नहीं दिया गया. यूनियन के द्वारा दिये गये मांग-पत्र पर चार जुलाई को श्रम अधीक्षक कार्यालय में वार्ता का समय तय किया गया था. इसके पहले कंपनी ने एक जुलाई से श्रम अधिनियम को ताक पर रख कर 700 कामगारों को काम से बैठा दिया.
प्रशासन को दिग्भ्रमित किया गया : दूसरी ओर जिला प्रशासन को दिग्भ्रमित कर जानकारी दी कि कामगारों ने फैक्टरी को बंद करा रखा है. उन्होंने कहा कि कामगार दूसरे दिन भी फैक्टरी के बाहर काम करने को तैयार बैठे रहे. प्रशासन के दबाव में कंपनी कुछ लोगों को काम देना चाहता है.
उन्होंने कहा कि सभी मजदूरों को प्रशासनिक हस्तक्षेप कर काम पर वापस लौटाया नहीं गया, तो पूर्व की मांगों को लेकर तीनों फैक्टरी में अनिश्चितकालीन हड़ताल की जायेगी. मौके पर एआइवाइएफ प्रदेश सचिव महेंद्र पाठक, एटक उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद यादव, भाकपा राज्य परिषद सदस्य कृष्ण कुमार, विजयनंदन मिश्र, नेमन यादव, मेवालाल प्रसाद, क्यूम आदि उपस्थित थे.