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गांव पहुंचा शहीद का पार्थिव शरीर, मातम

दुखद. मिलनसार थे थाना प्रभारी विद्यापति पाटन : अभी एक सप्ताह पहले की ही बात है. जब बानो के थाना प्रभारी विद्यापति सिंह अपने गांव पाटन के सिक्की कला आये थे. अपनी गर्भवती पत्नी को घर छोड़ने आये थे. इस दौरान लोगों से बातचीत की. हालचाल लिया. जब भी विद्यापति सिंह गांव आते थे लोगों […]

दुखद. मिलनसार थे थाना प्रभारी विद्यापति

पाटन : अभी एक सप्ताह पहले की ही बात है. जब बानो के थाना प्रभारी विद्यापति सिंह अपने गांव पाटन के सिक्की कला आये थे. अपनी गर्भवती पत्नी को घर छोड़ने आये थे. इस दौरान लोगों से बातचीत की. हालचाल लिया. जब भी विद्यापति सिंह गांव आते थे लोगों से मिलते जरूर थे. दारोगा बनने के बाद भी स्वभाव में कोई परिवर्तन नहीं. शुरू से ही मेधावी व मेहनती थे. लेकिन लोगों को क्या पता था कि विद्यापति सिंह आखिरी बार अपने गांव आये हैं. रविवार की शाम करीब 6.30 बजे जैसे ही शहीद विद्यापति सिंह का शव गांव पहुंचा परिजन और आसपास के महिला पुरुष दहाड़ मारकर रोने लगे. यह देख कर वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गयी.
शहीद विद्यापति सिंह को श्रद्धांजलि देने पलामू के पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत महथा, पुलिस उपाधीक्षक हीरालाल रवि सहित कई लोग गांव पहुंचे. विद्यापति सिंह 38 साल के थे. 2012 बैच के पुलिस अवर निरीक्षक थे. विद्यापति सिंह का एक पांच वर्ष का पुत्र है, जिसका नाम अमित कुमार है. उनके पिता सुशील सिंह पेशे से किसान है. एक छोटा भाई दीनानाथ सिंह भी गांव में रह कर ही खेती किसानी का काम करता है. न सिर्फ शहीद विद्यापति सिंह के घर वाले बल्कि पूरा गांव अपने इलाके के प्रतिभावान व्यक्ति को खोकर दुखी है. सभी की आंखें नम थी.
गांव जाने के बाद लोग सिर्फ विद्यापति सिंह के बारे में ही चर्चा करते मिले. लोगों का कहना था कि नौकरी में जाने के बाद भी विद्यापति सिंह बिल्कुल नहीं बदले थे.
बताया गया कि उनकी पत्नी गर्भवती थी. गांव में ही थी. शनिवार की रात जैसे ही घरवालों को विद्यापति सिंह के शहीद होने की सूचना मिली वैसे ही मातम छा गया. उनकी पत्नी का रो रोकर बुरा हाल था. इलाज के लिए उन्हें रविवार को सदर अस्पताल में भरती कराया गया. बेहतर तरीके से इलाज हो, इसके लिए पलामू डीआइजी विपुल कुमार शुक्ला व एसपी इंद्रजीत महथा अस्पताल गये और चिकित्सकों से जानकारी ली. शाम में उनकी पत्नी को गांव ले जाया गया. मालूम हो कि विद्यापति सिंह सिमडेगा जिले के बानो थाना प्रभारी के रूप में कार्यरत थे. शनिवार की रात महाबुआग थाना क्षेत्र के उकलईली पंचायत के सिकरोदा गांव में पुलिस व नक्सलियों में मुठभेड़ हुई थी. इस घटना में नक्सलियों ने सरेंडर करने के लिए हाथ उठा दिया. इसी दौरान एक नक्सली एके 47 से गोलियों की बौछार कर दी. इस घटना में विद्यापति सिंह व एक आरक्षी तुराम विरुली शहीद हो गये.
उपायुक्त ने शोक जताया
पलामू उपायुक्त अमीत कुमार ने घटना पर गहरा दुख जताया है. उन्होंने कहा कि शहीद विद्यापति सिंह के आश्रितों के लिए 10 लाख रुपये की सहायता राशि स्वीकृत की गयी है. साथ ही सरकार द्वारा अन्य सभी प्रकार के दिये जाने वाले लाभ शहीद के परिवार को उपलब्ध कराया जायेगा. यह जानकारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जिला सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी देवेंद्रनाथ भादुड़ी ने दी है.

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