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वन विभाग ने कहा, शुरू हो काम, सीओ ने साधी चुप्पी

कैसे शुरू होगी राजहरा कोलियरी मेदिनीनगर :पलामू की लाइफ लाइन राजहरा कोलियरी पिछले छह वर्ष से बंद पड़ा है. यह कोलियरी सीसीएल के अधीन है. इसमें उत्पादन शुरू हो, इसके लिए प्रबंधन स्तर से प्रयास किया जा रहा है. क्योंकि जिन इलाकों में उत्खनन का कार्य होना है. उसके लिए पर्यावरण स्वीकृति लेना है. इसके […]

कैसे शुरू होगी राजहरा कोलियरी
मेदिनीनगर :पलामू की लाइफ लाइन राजहरा कोलियरी पिछले छह वर्ष से बंद पड़ा है. यह कोलियरी सीसीएल के अधीन है. इसमें उत्पादन शुरू हो, इसके लिए प्रबंधन स्तर से प्रयास किया जा रहा है. क्योंकि जिन इलाकों में उत्खनन का कार्य होना है. उसके लिए पर्यावरण स्वीकृति लेना है. इसके माध्यम से यह देखा जाना है कि जहां उत्खनन होना है, उस स्थल पर जंगल झाड़ तो नहीं है.
इस मामले में 24 दिसंबर 2016 को वन प्रमंडल पदाधिकारी ने यह रिपोर्ट दी है कि जिस एरिया में उत्खनन का कार्य होना है, उसमें जंगल झाड़ नहीं है. इसलिए वहां उत्खनन का कार्य हो सकता है. लेकिन इसके बाद भी उत्खनन का कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है. बताया जा रहा है कि जिस एरिया में उत्खनन का कार्य होना है, वह इलाका पड़वा और नावाबाजार अंचल के अंतर्गत आता है.
नावा बाजार अंचल क्षेत्र में 50 एकड़ व पड़वा अंचल क्षेत्र में 193 एकड़ जमीन है, जिसका रिपोर्ट अंचल पदाधिकारियों को देना है. लेकिन सीओ रिपोर्ट देने के मामले में रुचि नहीं ले रहे हैं, जिसके कारण सारी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद भी राजहरा कोलियरी में उत्खनन का कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है. बताया गया कि 23 जनवरी 2016 को राजहरा कोलियरी के पुन:चालू कराने के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति के लिए जनसुनवाई आहूत की गयी थी. इसमें पलामू के तत्कालीन उपायुक्त के श्रीनिवासन ने भाग लिया था. उस जन सुनवाई के दौरान कोलियरी को चालू करने पर सहमति बनी थी. उसके बाद दोनों अंचल के सीओ को प्रमाण पत्र निर्गत करना था. उसके बाद 13 जनवरी-2017 को डीसी अमीत कुमार ने अपर समाहर्ता को यह आदेश दिया था कि स्थल का निरीक्षण कर प्रमाण पत्र निर्गत किया जाये. उपायुक्त के इस पत्र के आलोक में अपरसमाहर्ता द्वारा दोनों अंचल के सीओ को पत्र भेजकर स्थल निरीक्षण कर रिपोर्ट सौं‍पने को कहा गया था.
लेकिन आज तक सीओ ने रिपोर्ट ही नहीं दी. कार्रवाई के नाम पर सिर्फ इतना ही हुआ कि सात फरवरी को नावा बाजार के अंचल पदाधिकारी अशोक चोपड़ा ने अमीन को यह आदेश दिया है कि वह अपने रिपोर्ट सौंपे. वहीं अमीन ने 23 जनवरी को ही रिपोर्ट दे दी है. इसके बाद भी पुन: रिपोर्ट मांगी जा रही है. बताया जा रहा है कि सीओ यह कह रहे हैं कि उक्त भूमि का खतियान ही नहीं मिल पा रहा है. जबकि खतियान नहीं होने की स्थिति में ही स्थल निरीक्षण कर रिपोर्ट निर्गत करने को कहा गया था.
उत्खनन शुरू हो, तो क्या होगा लाभ
यदि राजहरा कोलियरी में उत्खनन का कार्य शुरू होगा, तो न सिर्फ कोलियरी के परिधि में आनेवाले गांव के लोगों को इसका लाभ मिलेगा, बल्कि पूरे पलामू जिला पर इसका असर होगा. स्थानीय स्तर पर 1000 से अधिक लोगों को इसका लाभ होगा. रोजगार के अवसर मिलेंगे. साथ ही मेदिनीनगर के बाजार पर भी इसका असर दिखेगा. सीएसआर के तहत कोलियरी के परिधि में आने वाले गांवों में काम भी होंगे.
क्या कहते हैं परियोजना पदाधिकारी
राजहरा कोलियरी के परियोजना पदाधिकारी पीएन तिवारी का कहना है कि राजहरा कोलियरी के उत्खनन का कार्य पड़वा व नावा बाजार अंचल के सीओ के कारण शुरू नहीं हो पा रहा है. सभी विभागीय प्रक्रिया लगभग पूर्ण हो गयी है. सीओ यह कहते है कि खतियान नहीं है. यही देखते हुए उपायुक्त ने सीओ को स्थल निरीक्षण कर रिपोर्ट देने को कहा है. लेकिन इस कार्य के प्रति सीओ दिलचस्पी नहीं दिखा रहे है. वजह चाहे जो भी हो. इस मामले की जानकारी प्रबंधन स्तर से उपायुक्त को देने का निर्णय लिया गया है.
क्या कहते हैं अंचल पदाधिकारी
नावाबाजार के अंचल पदाधिकारी अशोक चोपड़ा का कहना है कि ऐसा नहीं है कि जान बूझ कर मामले को लटकाया गया है. राजहरा कोलियरी प्रबंधन से कुछ दस्तावेज मांगे गये थे, जिसे प्रबंधन ने उपलब्ध कराया है. राजस्व कर्मचारी की हड़ताल थी, इस कारण थोड़ा विलंब हुआ. नावाबाजार में नियमित अमीन नहीं है. चैनपुर अंचल के अमीन यहां के अतिरिक्त प्रभार में है. एक-एक प्लांट का सत्यापन करना है. इसलिए विलंब हो रहा है. प्रबंधन इस कार्य को जितना आसान समझ रही है, उतना आसान नहीं है.

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